Friday, 18 September 2009

Justify Fullवर्कशॉप में 'ग्रीन कॉलोनी-क्लीन

कॉलोनी' कहां तक सार्थक...?


दाहोद :
लोको एवं वैगन कारखाना दाहोद में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सर्वप्रथम श्री संजय अग्रवाल ने वृक्ष लगाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. उसके बाद दाहोद कारखाने के डिप्टी सीएमई प्रांजोल चंद्रा ने वृक्षारोपण किया. उपरोक्त कार्यक्रम में दाहोद कारखाने के सभी अधिकारीगण एवं पर्यवेक्षकों तथा कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस अवसर पर मुख्य कारखाना प्रबंधक ने अपने भाषण में उपस्थित समस्त कर्मचारियों से अपने-अपने घरों में कम से कम एक वृक्षलगाने की अपील की, जिससे पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सके. उपरोक्त कार्यक्रम में भारत स्काउट एवं गाइड का विशेष योगदान रहा. 'ग्रीन कॉलोनी क्लीन कॉलोनी' के नारे के साथ उपरोक्त कार्यक्रम संपन्न हुआ. भारत स्काउट एवं गाइड द्वारा रेलवे कॉलोनी दाहोद में चलाया जा रहा है अभियान 'ग्रीन कॉलोनी क्लीन कॉलोनी' सार्थक होता नजर नहीं आ रहा है. पिछले कुछ वर्षों में दाहोद रेलवे कॉलोनी में प्रशासन की मदद से भारत स्काउट एवं गाइड के संयुक्त अभियान में लगभग 1500 पेड़ लगाए जा चुके हैं, जो सभी दाहोद रेलवे कॉलोनी की शोभा में बढ़ोतरी कर रहे हैं. दाहोद रेलवे कॉलोनी में आने वाला व्यक्ति कॉलोनी के नाम पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहां सफाई कामदारों का कोई विभाग कार्यरत ही न हो, जब रेल समाचार के प्रतिनिधि ने विषय की गहराई में जाकर देखा तो पता चला कि इंजीनियरिंग विभाग का कार्य करने वाले ठेकेदार कार्य पूर्ण करने के बाद बचा हुआ कचरा रेलवे आवासों के पास ही फेंक देते हैं, जिससे सफाई कर्मचारियों को सफाई करने में काफी दिक्कतें आती हैं. कर्मचायिों द्वारा शिकायत करने पर ठेकेदार का कचरा बताकर सेनेटरी विभाग अपना दामन बचा लेता है. इंजीनियरिंग विभाग में शिकायत करने पर ठेकेदार द्वारा 'उठवा लिया जाएगा' ऐसा बोलकर महीनों निकाल दिए जाते हैं एवं ठेकेदार अपना कार्य पूर्ण कर चला जाता है. जबकि कचरा वहीं का वहीं पड़ा रहता है. विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि इस विषय में चिकित्सा विभाग के अधिकारी इंजीनियरिंग विभाग को पत्र लिख चुके हैं. अगर ठेकेदार द्वारा फेंका गया कचरा उसी समय उठा लिया जाए तो भारत स्काउट एवं गाइड द्वारा दिया गया नारा 'ग्रीन कॉलोनी क्लीन कॉलोनी' सार्थक हो सकता है. साथ ही रेलवे समाचार संबंधित अधिकारियों से रेलवे कॉलोनी का दौरा करने की अपील करता है, जिससे 'रेलवे समाचार' में दी गई खबर में कितनी सच्चाई होती है इसका भी पता उन्हें चल सकेगा.
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उज्जैन रनिंग स्टाफ की समस्याएं हल करवायेंगे सांसद प्रेमचंद गुड्डू
उज्जैन : पिछले कुछ सालों से उज्जैन में रेल सुविधाओं को दरकिनार करने से रेलवे कर्मचारियों ने चिंता जाहिर की है. कर्मचारियों की पीड़ा है कि एक ओर उज्जैन को रेलवे में नई सुविधाएं नहीं मिल रहीं, वहीं दूसरी ओर रही-सही सुविधाएं भी छीनने की तैयारी की जा रही है. शहर और उज्जैन रेलवे के हित में अपनी मांगे डीआरएम से लेकर रेल मंत्रालय तक पहुंचाने के प्रयास नए सिरे से शुरू होने जा रहे हैं. उम्मीद की किरण उस समय दिखाई दी जब सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने इन समस्याओं को हल करने आश्वासन दिया. रेलवे स्टेशन परिसर में यूनियन कार्यालय के समीप वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन उज्जैन शाखा एवं हिंद मजदूर सभा शाखा उज्जैन ने सांसद गुड्डू का शाल, श्रीफल, पुष्पहार और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया. समारोह के मुख्य अतिथि पं. विजयशंकर मेहता का भी अभिनंदन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनियन के मंडल अध्यक्ष मनोहर पचौरी ने की विशेष अतिथि के रूप में यूनियन के मंडल मंत्री एस. बी. श्रीवास्तव, चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.एस.हाड़ा, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री मनोहर बैरागी, सुरेंद्र सिंह अरोरा, राकेश दुबे, जयसिंह दरबार, कुतुब फातेवी मौजूद थे. समारोह में मोहम्मत अफजल. जगन्नाथ पांडे, रवींद्र उपाध्याय, मनोहर शर्मा, राजेश शर्मा, अंतरसिंह लाखा, संतोष सुपेकर, राजेश दीक्षित, अरविंद वर्मा, के.एन.उपाध्याय, जे. आर. काटे, इंदू जैन, शबाना शेख, के. आर. एस. ठाकुर, वेदपाल बडग़ुजर आदि मौजूद थे. जलसंकट के दौरान शहर की रेलवे कॉलोनीयों में समय पर जलप्रदाय करने वाले ए.पी.वर्मा, राजीव शर्मा, नरेश शर्मा, एस. एस. निगम, पी.सी.शेखर का सम्मान सांसद के हांथों किया गया. सांसद के समक्ष रखी गई समस्याएं:- 1. उज्जैन में स्थापित ड्राइवर गार्ड लॉबी कार्यालय इंदौर या रतलाम ले जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है. यूनियन ने इस प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की है. 2. पिछले कुछ सालों में जो नई ट्रेनें चली है, उनके स्टॉपेज उज्जैन में नहीं है. इन ट्रेनों स्टॉपेज कराए जाए. 3. पांच गाडिय़ों के संचालनकी जबाबदारी उज्जैन मुख्यालय को छोड़कर गुना एवं रतलाम को दी गई है. इन्हें वापस उज्जैन को लौटाया जाए. 4. उज्जैन रेलवे के पास खाली पड़ी जमीन के लिए नई परियोजनाओं की स्वीकृति दी जाए. 5. इंदौर- अमृतसर, छिंदवाड़ा, इंदौर- नागपुर एक्सप्रेस तभी शीघ्र चलने वाली ओवरनाइट एक्सप्रेस को उज्जैन होकर चलाने की मांग की जाए. 6. उज्जैन में विद्युत लोको रखरखाव एवं मरम्मत शेड की स्थापना की जाए.. 7. धार्मिक नगरी होने से उज्जैन को रामेश्वरम एवं अन्य महत्त्वपूर्ण धार्मिक नगरियों से जोडऩे के लिए यात्री गाडिय़ा चलवाई जाएं.

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