Friday 18 September, 2009

रेलवे क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास
भुवनेश्वर : पूर्व तट रेलवे के महाप्रबंधक श्री ए. के. वोहरा ने शुक्रवार 11 सितंबर को यहां पू.त.रे. क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया. इस अवसर पर उपस्थित रेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए श्री वोहरा ने कहा कि रेलवे ने खेलों को बहुत प्रोत्साहन दिया है और इस क्षेत्र में रेलों की हमेशा अग्रणी भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि इस स्टेडियम से न सिर्फ रेलवे के खेलों का उद्देश्य पूरा होगा बल्कि इससे उड़ीसा में क्रिकेट को बढ़ावा मिलेगा. ज्ञातव्य है कि 57 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले इस क्रिकेट स्टेडियम की निर्माण लागत करीब 4 करोड़ रु. आएगी और यह अगले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा. इस अवसर पर एसडीजीएम श्री आर. के. टंडन ने अतिथियों का स्वागत किया. समारोह की अध्यक्षता पू.त.रे. स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री दिलीप कुमार सामंत राय ने की. पू.त.रे. स्पोर्ट्स एसोसिएशन के महासचिव श्री एस. के. पात्रा ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया और संयुक्त महासचिव श्री पी. के. महापात्रा ने सभी उपस्थितों का स्वागत किया.

रेलवे डॉक्टर रिश्वत लेते पकड़ा गया
लखनऊ : एक आरपीएफ जवान से 1000 रु. की नकद रिश्वत लेते हुए सीबीआई ने स्थानीय सीएंडडब्ल्यू वर्कशॉप के सीनियर डीएमओ डॉ. रवि कंसल को रंगेहाथ पकड़ा है. यह घटना गुरुवार 10 सितंबर की है, जब आरपीएफ जवान इरा प्रताप सिंह से डॉ. कंसल उसे फिट सर्टिफिकेट देने के लिए 1000 रु. ले रहे थे. यह जानकारी सीबीआई ने दी है.

कार्य रोकने हेतु दाखिल याचिका खारिज

बंगलोर :
बंगलोर मेट्रो का ट्रेक वर्क रोकने के लिए एक फर्म लागवेल फोर्ज लि. द्वारा दाखिल की गई याचिका को कर्नाटक हाईकोर्ट ने न सिर्फ स्टे देने से मना कर दिया बल्कि उसकी याचिका को भी बृहद जनहित को ध्यान में रखते हुए खारिज कर दिया है. शुक्रवार 11 सितंबर को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि जनहित में यह आवश्यक है कि बंगलोर मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि. (बीएमआरसीएल) का काम अबाध गति से शीघ्र पूरा किया जाए. ज्ञातव्य है कि लागवेल फोर्ज लि. ने याचिका दाखिल करके मेट्रो रेलवे ट्रेक का टेंडर रद्द किए जाने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने जनहित के खिलाफ मानकर 11 सितंबर को खारिज कर दिया.
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जहां व्यापक जनहित का काम हो रहा हो, वहां कानून को उठाकर साइड में रख दिया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि प्रक्रियागत कुछ खामियां हो सकती हैं, परंतु उसके लिए इस स्तर पर व्यापक जनहित को दरकिनार नहीं किया जा सकता. जनहित को ध्यान में रखते हुए परियोजना पर शीघ्र अमल किए जाने की जरूरत है. जबकि मैन्युफैक्चरर्स का कमर्शियल इंट्रेस्ट व्यापक जनहित में होना चाहिए. उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने इस बात का विरोध करना चाहा था कि प्रस्तावित मेट्रो रेलवे ट्रेक के निर्माण में जर्मन कंपनी को ठेका देकर पब्लिक प्रोकरमेंट एक्ट के तहत बीएमआरसीएल द्वारा कर्नाटक ट्रांसपरेंसी का उल्लंघन किया गया है.

No comments: