Friday 4 September, 2009

राजीव भार्गव ने कैट में केस दाखिल किया
नयी दिल्ली : जीएम पैनल वर्ष 2009-10 के लिए पूरी योग्यता के बावजूद उसमें शामिल न किए जाने के खिलाफ श्री राजीव भार्गव ï(आईआरएसई) ने कैट की शरण ली है. उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ इंजीनियरिंग अधिकारी श्री भार्गव डीआरएम/झांसी के बाद सीएओ/सी/पू.म.रे. रहे हैं. जहां उन्होंने अपने लगभग सवा दो साल के कार्यकाल में करीब साढ़े पांच सौ किमी. के इंजी. कार्य पूरे किए थे, जिनमें डबलिंग, नई लाइनें, छोटे-बड़े तमाम पुल शामिल थे. यही नहीं पटना में बनने वाले रेल/रोड ब्रिज, जिसके लिए राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सभी बड़ी कंस्ट्रक्शन फर्मों ने असंभव कहकर मना कर दिया था, की भी ड्राइंग/डिजाइन श्री भार्गव ने अपने दम पर बनवाई और पास करवाई थी. तथापि बताते हैं कि उनकी एसीआर खराब कर दी गई. बताते हैं कि नियमानुसार 90 दिन से कम की एसीआर नहीं भरी जाती है, परंतु श्री भार्गव के मामले में 80 दिन की एसीआर भर दी गई.
सूत्रों का कहना है कि श्री भार्गव को जानबूझकर अटकाने का प्रयास कुछ वरिष्ठों ने किया है. यही नहीं उन्हें जब मंत्री से भी मिलने नहीं दिया गया, तब वह चारों तरफ से हताश होकर इस अन्याय के खिलाफ कैट में गए हैं. दिल्ली कैट में यह मामला दाखिल हो गया है और सूत्रों की मानें तो मामला काफी मजबूत है और पूरी उम्मीद है कि श्री भार्गव को निश्चित रूप से न्याय मिलेगा. तथापि यदि रे.बो. ने इस मामले में गलत रास्ता अपनाया तो इसमें कुछ पूर्व एवं वर्तमान वरिष्ठ अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं. विस्तृत जानकारी अगले अंकों में.....

रेलवे के 2,500 करोड़ रुपए का आउटसोर्सिंग कांट्रैक्ट हासिल करने की आईटी क्षेत्र की सभी बड़ी कंपनियों में होड़

नयी दिल्ली : रेलवे ने पे रोल, एकाउंट और पेंशन कार्यों में 1.5 बिलियन डॉलर्स अगले दो से तीन साल में खर्च कर इंटीग्रेटेड और ऑटोमेटेड करने का निर्णय लिया है. रेलवे ने एक ह्यूमन रिसोर्सेस मैनेजमेंट सिस्टम हासिल करने का विचार किया है. यह प्रोजेक्ट बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) पर आधारित एक पीपीपी प्रोजेक्ट होगा और इसका जो भी खर्चा आएगा वह आईटी कंपनी भरेगी. हर काम पर पैसे का निर्णय होगा. साफ्टवेयर के जरिए ट्रेन शेड्यूलिंग का 450 करोड़ रुपए के कांट्रेक्ट में टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो एवं महिंद्रा, सत्यम जैसी कंपनियां होड़ में हैं. विप्रो कंपनी रेलवे के लिए दो पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर रही है. एक पायलट रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन (आरएफआईडी) के लिए है और अगले 10-12 महीने में तैयार होगा. दूसरा पायलट जो कंपनी तैयार कर रही है वह ट्रेन मूवमेंट चार्ट तैयार करने का है. रेलवे आउटसोर्स करने के लिए प्रति काम 500 करोड़ रुपए का कांट्रैक्ट देने जा रही है. वह काम हैं- 1. एसेट मैनेजमेंट, 2 फाइनेंस, 3. पे-रोल, 4. मटेरियल मैनेजमेंट आदि हैं.

No comments: