मेंबर्स को दिए गए अतिरिक्त पास भी वापस हों
नयी दिल्ली : वर्तमान सेक्रटरी/रे.बो. के सुझाव पर पूर्व रेलमंत्री ने जाते-जाते अपने सहित भूतपूर्व रेलमंत्रियों के लिए जो 2 फस्र्ट एसी पास को बढ़ाकर 4 पास कर दिया था, उसे मीडिया में उछल जाने से तो वर्तमान रेलमंत्री ने रद्द कर पूर्ववत स्थिति बहाल कर दी थी. परंतु इसी की आड़ में सेक्रेटरी/रे.बो. ने बोर्ड मेंबरों सहित अपने लिए भी जो 3 फस्र्ट एसी पास को बढ़ाकर 5 पास करवा लिया है, उसे अब तक रद्द नहीं किया गया है, जबकि पूर्व मंत्रियों के मामले के साथ ही इसे भी रद्द करके पूर्ववत किया जाना चाहिए था. यह मामला अभी तक रेलमंत्री से सेक्रेटरी/रे.बो. ने छिपा रखा है, क्योंकि इस मामले में उन्हें दंडित भी किया जा सकता है. अब चूंकि इसमें सभी बोर्ड मेंबरों का अपना स्वार्थ है, इसलिए वह भी कुछ नहीं कर रहे हैं.
इसके अलावा मेंबर स्टाफ, जिनकी वास्तव में यह जिम्मेदारी है, वह पूरी तरह अकर्मण्य साबित हुए हैं. चारों मान्यताप्राप्त फेडरेशन का उनसे मोहभंग हो चुका है. जिस प्रकार उनकी ईमानदारी और वरिष्ठता को देखते हुए चारों फेडरेशनों और 'रेलवे समाचार' ने भी एमएस की पोस्ट पर उनकी नियुक्ति का खुला समर्थन किया था और उन्हें बायपास कराकर स्वयं इस पद पर काबिज होने के लिए की गई तमाम क्षुद्र कोशिशों हेतु महाप्रबंधक/उ.रे. श्री विवेक सहाय की काफी आलोचना की थी. कर्मचारियों, अधिकारियों, फेडरेशनों और यहां तक 'रेलवे समाचार' की कसौटी पर भी वर्तमान एमएस श्री ए. के. गोयल अब तक खरे नहीं उतरे हैं. इसीलिए तो ऐसे तथाकथित ईमानदारों से लोगों का मोहभंग हो रहा है और वे न चाहते हुए बेईमानों, चापलूसों, चालबाजों यहां तक कि चारित्रिक रूप से भी गिरे हुए अधिकारियों के मातहत काम करने अथवा उन्हें समर्थन देने के लिए मजबूर हैं.
यदि बोर्ड मेंबरों/एडीशनल मेंबरों को रिटायरमेंट के बाद 2 अतिरिक्त पास (कुल 5 पास) दिए जाने का यह प्रावधान रद्द नहीं किया जाता है तो इसी अनुपात में अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के भी पास बढ़ाए जाने चाहिए अन्यथा इस तरह धोखे से सिर्फ बोर्ड मेंबरों को लाभ पहुंचाने के लिए सेक्रेटरी/रे.बो. और मेंबर स्टाफ को जिम्मेदार ठहराकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और बढ़े हुए पास भी तुरंत रद्द किए जाने चाहिए.
नयी दिल्ली : वर्तमान सेक्रटरी/रे.बो. के सुझाव पर पूर्व रेलमंत्री ने जाते-जाते अपने सहित भूतपूर्व रेलमंत्रियों के लिए जो 2 फस्र्ट एसी पास को बढ़ाकर 4 पास कर दिया था, उसे मीडिया में उछल जाने से तो वर्तमान रेलमंत्री ने रद्द कर पूर्ववत स्थिति बहाल कर दी थी. परंतु इसी की आड़ में सेक्रेटरी/रे.बो. ने बोर्ड मेंबरों सहित अपने लिए भी जो 3 फस्र्ट एसी पास को बढ़ाकर 5 पास करवा लिया है, उसे अब तक रद्द नहीं किया गया है, जबकि पूर्व मंत्रियों के मामले के साथ ही इसे भी रद्द करके पूर्ववत किया जाना चाहिए था. यह मामला अभी तक रेलमंत्री से सेक्रेटरी/रे.बो. ने छिपा रखा है, क्योंकि इस मामले में उन्हें दंडित भी किया जा सकता है. अब चूंकि इसमें सभी बोर्ड मेंबरों का अपना स्वार्थ है, इसलिए वह भी कुछ नहीं कर रहे हैं.
इसके अलावा मेंबर स्टाफ, जिनकी वास्तव में यह जिम्मेदारी है, वह पूरी तरह अकर्मण्य साबित हुए हैं. चारों मान्यताप्राप्त फेडरेशन का उनसे मोहभंग हो चुका है. जिस प्रकार उनकी ईमानदारी और वरिष्ठता को देखते हुए चारों फेडरेशनों और 'रेलवे समाचार' ने भी एमएस की पोस्ट पर उनकी नियुक्ति का खुला समर्थन किया था और उन्हें बायपास कराकर स्वयं इस पद पर काबिज होने के लिए की गई तमाम क्षुद्र कोशिशों हेतु महाप्रबंधक/उ.रे. श्री विवेक सहाय की काफी आलोचना की थी. कर्मचारियों, अधिकारियों, फेडरेशनों और यहां तक 'रेलवे समाचार' की कसौटी पर भी वर्तमान एमएस श्री ए. के. गोयल अब तक खरे नहीं उतरे हैं. इसीलिए तो ऐसे तथाकथित ईमानदारों से लोगों का मोहभंग हो रहा है और वे न चाहते हुए बेईमानों, चापलूसों, चालबाजों यहां तक कि चारित्रिक रूप से भी गिरे हुए अधिकारियों के मातहत काम करने अथवा उन्हें समर्थन देने के लिए मजबूर हैं.
यदि बोर्ड मेंबरों/एडीशनल मेंबरों को रिटायरमेंट के बाद 2 अतिरिक्त पास (कुल 5 पास) दिए जाने का यह प्रावधान रद्द नहीं किया जाता है तो इसी अनुपात में अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के भी पास बढ़ाए जाने चाहिए अन्यथा इस तरह धोखे से सिर्फ बोर्ड मेंबरों को लाभ पहुंचाने के लिए सेक्रेटरी/रे.बो. और मेंबर स्टाफ को जिम्मेदार ठहराकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और बढ़े हुए पास भी तुरंत रद्द किए जाने चाहिए.
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