यात्रियों की लूट से रेलमंत्री को अवगत कराएंगे बिहार के सांसद
लखनऊ : बिाहर की ओर से आने वाली ट्रेनें वर्दीधारियों की चरागाह बन गई हैं. मौका पाकर सीधे-साधे यात्रियों को कभी आरपीएफ और टीटीई अपना शिकार बनाते हैं तो कभी जीआरपी के जवान. इससे क्षुब्ध बिहार के कई सांसदों ने रेल मंत्री ममता बनर्जी को अवगत कराने का निश्चय किया है.
बिहार की ओर से आने वाली ट्रेनों के यात्री से टिकट घरों पर बुकिंग क्लर्क निर्धारित किराये से ज्यादा वसूल रहे हैं. ट्रेन में टीटीई व एस्कॉर्ट जवान किसी न किसी बहाने अवैध वसूली करते हैं. मुंबई, दिल्ली, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में नौकरी करने वाले लाखों मजदूर हर साल ट्रेनों में लूट का शिकार होते हैं. रेलवे सुरक्षा बल के जवान अपना कोटा पूरा करने के लिए उत्तर भारत के गरीब मजदूरों को ही निशाना बनाते हैं. वह उन्हें कभी एसएलआर कोच में सफर करते हुए पकडऩे की फर्द तैयार करते हैं तो कभी महिला कोच या डिब्बे के पायदान पर यात्रा करने के आरोप में जेल भेज देते हैं.
इन मामलों की शिकायतें अब तूल पकडऩे लगी हैं. गत सप्ताह रामपुर स्टेशन पर बिहार से आ रहे चार युवकों को आरपीएफ ने एसएलआर कोच में सफर करने के आरोप में जेल भेज दिया था. उन युवकों के घरवालों से वसूली करने के लिए बैंक खाते में 5000 रुपए जमा कराने की कोशिश की गई थी. इसी तरह के कई मामलों की जानकारी पाकर बिहार के सांसदों ने निर्दोषों को ट्रेनों से उतारकर जेलों में बंद किए जाने के खेल की कलई खोलने का निर्णय लिया है.
यह स्थिति सिर्फ बिहार या उ.प्र. के मजदूर रेल यात्रियों की ही नहीं है, बल्कि इन दोनों प्रदेशों से होकर गुजरने वाली तमाम ट्रेनों के सर्वसामान्य यात्रियों को भी वर्दीधारियों द्वारा किसी न किसी बहाने लूटने की है. इसमें सबसे ज्यादा म.प्र. जीआरपी बदनाम है, जिस पर कोई अंकुश नहीं है. अब तो रेल पुलिस अधीक्षक, भोपाल जी. के. पाठक ने ट्रेनों में चलने वाले अवैध वेंडरों का रिकार्ड बनाकर उन्हें संरक्षण देने की भी नीति अपना ली है.
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प.रे. को मिली एस एंड टी शील्ड
मुंबई : भा.रे. में 16 जोनों में से वर्ष 2008-09 में बेहतर कार्य प्रदर्शन के लिए प.रे. को एस एंड टी शील्ड प्रदान की गई है. इस वर्ष के दौरान प.रे. के एस एंड टी विभाग ने एस एंड टी सिस्टम की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किया. इस दौरान विभाग ने 28 पैनल इंटरलॉकिंग/आरआरआई की शुरुआत की और 110 प्रकार की ट्रेक सर्किटिंग, 45 अनमैन्ड लेवल क्रासिंग गेटों पर इंटरलॉकिंग और 105 रूट कि.मी. ट्रैक पर ऑटोमेटिक सिगनलिंग की सुविका मुहैया कराई है. 20 अगस्त को कोलकाता में राष्ट्रीय रेलवे पुरस्कार वितरण समारोह में रेल मंत्री ममता बनर्जी के हाथों यह शील्ड महाप्रबंधक/प.रे. श्री आर. एन. वर्मा और उनके साथ सीएसटीई श्री के. डी. शर्मा ने ग्रहण की. श्री वर्मा ने सभी एस एंड टी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इसके लिए बधाई भी दी है.
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गंदगी फैलाने पर लगेगा जुर्माना
बुरहानपुर : रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाये जाने के लिए लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है, लेकिन प्लेटफार्म के आसपास रह रहे लोग गंदगी फैला रहे हैं. इससे यात्रियों के अलावा रेलवे के अफसर, कर्मचारी भी त्रस्त हैं. इस संबंध में आरपीएफ एवं जीआरपी द्वारा आम जन में जागृति के उद्देश्य से मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में एक बैठक हुई. इसमें क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया था. उनसे लोगों को गंदगी फैलाने से रोकने में मदद की गुजारिश की गई.
आरपीएफ चौकी प्रभारी एस. के. दुबे ने बताया कि बुरहानपुर रेलवे स्टेशन के आसपास चिंचाला, गिट्टïी, साइडिंग, गांधी कालोनी, वेलफेयर सेंटर आदि जगहों पर रहिवासियों द्वारा गंदगी फैलाई जाती है, जिससे दिक्कतें होती हैं. कुछ लोग रेलवे स्टेशन के प्याऊ से पानी भरते हैं. बिना प्लेटफार्म टिकट लिए अधिकांश लोग बेवजह रेलवे स्टेशन परिसर में भटकते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व जन सामान्य नागरिकों को बुलाकर समझाईश दी गई.
यात्रियों को जागृत करने के लिए बुलाई गई बैठक में आर.बी. नारले, स्टेशन प्रबंधक, लिपिक पुष्पेंद्र कापड़े, आरपीएफ आरक्षक सैयद ताहिर, एस. आर. कुशवाह, शकील खान, जीआरपी चौकी प्रभारी आर. सी. वत्सल तथा जनपद प्रतिनिधि के रूप में रसमत उल्ला, पार्षद शेख जाकिर, श्याम सारवान, जिला कांग्रेस कमेटी कोषाध्यक्ष वामन मोटे, दिलीप दिवेकर आदि पंच उपस्थित थे. लिपिक पुष्पेंद्र कापड़े ने बताया कि स्टेशन परिसर के आसपास गंदगी फैलाने से रोकने के लिए क्षेत्र चिह्नित कर सूचना लिखी जाएगी. इसके बाद भी यदि गंदगी फैलाई जाती है तो केस दर्ज कराएंगे.
जीआरपी रखेगी अवैध वेंडरों का रिकार्ड
ट्रेनों में चलित पुलिस चौकी के बाद अब सारे वेंडरों की जानकारी का डाटा बनाने का काम शुरू हो गया है. बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए जीआरपी यात्री ट्रेनों में अवैध खाद्य सामग्री बेचने वाले वेंडरों का चरित्र सत्यापन कर उनका रिकार्ड अपने पास रखेगी. ट्रेनों में यात्रियों के साथ वारदात के बाद इनकी मदद लेकर बदमाशों तक पहुंचने की योजना है. वेंडरों के फोटो लेकर उनकी सारी जानकारी जुटाई जा रही है. यह सारी जानकारी पुलिस कंप्यूटर में दर्ज होगी.
रेलवे पुलिस अधीक्षक भोपाल डॉ. जी. के. पाठक ने खंडवा-बुरहानपुर, ग्वालियर, मुरैना, दतिया, भोपाल, सहित समस्त रेलवे स्टेशनों पर अवैध वेंडरों के चरित्र सत्यापन संबंधी प्रक्रिया शुरू भी कर दी है. बुरहानपुर जीआरपी चौकी प्रभारी आर. सी. वत्सल के अनुसार ट्रेनों में चने, मूंगफली, विभिन्न तेल, केले व अन्य खाद्य सामग्री बेचने वाले अवैध वेंडरों का पुलिस के पास कोई रिकार्ड नहीं है. ऐसे वेंडरों को ढूंढ़कर उनका चरित्र सत्यापन कराया जा रहा है. सभी की फोटो युक्त जानकारी भोपाल भेजेंगे. यहां प्रदेश भर की जानकारी एकत्रित होगी. श्री वत्सल ने कहा कि वैध वेंडरों की जानकारी तो हमारे पास रहती है. अब अवैध वेंडरों की जानकारी भी एकत्रित की जा रही है ताकि कोई अपराध होने पर उनसे भी मदद मिल सके. उन्होंने बताया कि जीआरपी द्वारा चलित पुलिस थाना चलाया जा रहा है. रेल सुरक्षा के लिए समिति भी बनाई गई है. खंडवा जीआरपी ने रेलवे स्टेशनों पर भटकने वाले ऐसे 15 बच्चों को चिह्नित कर नवजीवन चिल्ड्रेन होम और उज्जैन के संप्रेक्षण गृह में भेजा है. इसके साथ ही भुसावल रेलवे स्टेशन पर अनधिकृत रूप से खाद्य सामग्री का विक्रय करने वाले 49 अवैध वेंडरों के खिलाफ पुलिस द्वारा केस दर्ज किया गया.
लखनऊ : बिाहर की ओर से आने वाली ट्रेनें वर्दीधारियों की चरागाह बन गई हैं. मौका पाकर सीधे-साधे यात्रियों को कभी आरपीएफ और टीटीई अपना शिकार बनाते हैं तो कभी जीआरपी के जवान. इससे क्षुब्ध बिहार के कई सांसदों ने रेल मंत्री ममता बनर्जी को अवगत कराने का निश्चय किया है.
बिहार की ओर से आने वाली ट्रेनों के यात्री से टिकट घरों पर बुकिंग क्लर्क निर्धारित किराये से ज्यादा वसूल रहे हैं. ट्रेन में टीटीई व एस्कॉर्ट जवान किसी न किसी बहाने अवैध वसूली करते हैं. मुंबई, दिल्ली, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में नौकरी करने वाले लाखों मजदूर हर साल ट्रेनों में लूट का शिकार होते हैं. रेलवे सुरक्षा बल के जवान अपना कोटा पूरा करने के लिए उत्तर भारत के गरीब मजदूरों को ही निशाना बनाते हैं. वह उन्हें कभी एसएलआर कोच में सफर करते हुए पकडऩे की फर्द तैयार करते हैं तो कभी महिला कोच या डिब्बे के पायदान पर यात्रा करने के आरोप में जेल भेज देते हैं.
इन मामलों की शिकायतें अब तूल पकडऩे लगी हैं. गत सप्ताह रामपुर स्टेशन पर बिहार से आ रहे चार युवकों को आरपीएफ ने एसएलआर कोच में सफर करने के आरोप में जेल भेज दिया था. उन युवकों के घरवालों से वसूली करने के लिए बैंक खाते में 5000 रुपए जमा कराने की कोशिश की गई थी. इसी तरह के कई मामलों की जानकारी पाकर बिहार के सांसदों ने निर्दोषों को ट्रेनों से उतारकर जेलों में बंद किए जाने के खेल की कलई खोलने का निर्णय लिया है.
यह स्थिति सिर्फ बिहार या उ.प्र. के मजदूर रेल यात्रियों की ही नहीं है, बल्कि इन दोनों प्रदेशों से होकर गुजरने वाली तमाम ट्रेनों के सर्वसामान्य यात्रियों को भी वर्दीधारियों द्वारा किसी न किसी बहाने लूटने की है. इसमें सबसे ज्यादा म.प्र. जीआरपी बदनाम है, जिस पर कोई अंकुश नहीं है. अब तो रेल पुलिस अधीक्षक, भोपाल जी. के. पाठक ने ट्रेनों में चलने वाले अवैध वेंडरों का रिकार्ड बनाकर उन्हें संरक्षण देने की भी नीति अपना ली है.
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प.रे. को मिली एस एंड टी शील्ड
मुंबई : भा.रे. में 16 जोनों में से वर्ष 2008-09 में बेहतर कार्य प्रदर्शन के लिए प.रे. को एस एंड टी शील्ड प्रदान की गई है. इस वर्ष के दौरान प.रे. के एस एंड टी विभाग ने एस एंड टी सिस्टम की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किया. इस दौरान विभाग ने 28 पैनल इंटरलॉकिंग/आरआरआई की शुरुआत की और 110 प्रकार की ट्रेक सर्किटिंग, 45 अनमैन्ड लेवल क्रासिंग गेटों पर इंटरलॉकिंग और 105 रूट कि.मी. ट्रैक पर ऑटोमेटिक सिगनलिंग की सुविका मुहैया कराई है. 20 अगस्त को कोलकाता में राष्ट्रीय रेलवे पुरस्कार वितरण समारोह में रेल मंत्री ममता बनर्जी के हाथों यह शील्ड महाप्रबंधक/प.रे. श्री आर. एन. वर्मा और उनके साथ सीएसटीई श्री के. डी. शर्मा ने ग्रहण की. श्री वर्मा ने सभी एस एंड टी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इसके लिए बधाई भी दी है.
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गंदगी फैलाने पर लगेगा जुर्माना
बुरहानपुर : रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाये जाने के लिए लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है, लेकिन प्लेटफार्म के आसपास रह रहे लोग गंदगी फैला रहे हैं. इससे यात्रियों के अलावा रेलवे के अफसर, कर्मचारी भी त्रस्त हैं. इस संबंध में आरपीएफ एवं जीआरपी द्वारा आम जन में जागृति के उद्देश्य से मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में एक बैठक हुई. इसमें क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया था. उनसे लोगों को गंदगी फैलाने से रोकने में मदद की गुजारिश की गई.
आरपीएफ चौकी प्रभारी एस. के. दुबे ने बताया कि बुरहानपुर रेलवे स्टेशन के आसपास चिंचाला, गिट्टïी, साइडिंग, गांधी कालोनी, वेलफेयर सेंटर आदि जगहों पर रहिवासियों द्वारा गंदगी फैलाई जाती है, जिससे दिक्कतें होती हैं. कुछ लोग रेलवे स्टेशन के प्याऊ से पानी भरते हैं. बिना प्लेटफार्म टिकट लिए अधिकांश लोग बेवजह रेलवे स्टेशन परिसर में भटकते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व जन सामान्य नागरिकों को बुलाकर समझाईश दी गई.
यात्रियों को जागृत करने के लिए बुलाई गई बैठक में आर.बी. नारले, स्टेशन प्रबंधक, लिपिक पुष्पेंद्र कापड़े, आरपीएफ आरक्षक सैयद ताहिर, एस. आर. कुशवाह, शकील खान, जीआरपी चौकी प्रभारी आर. सी. वत्सल तथा जनपद प्रतिनिधि के रूप में रसमत उल्ला, पार्षद शेख जाकिर, श्याम सारवान, जिला कांग्रेस कमेटी कोषाध्यक्ष वामन मोटे, दिलीप दिवेकर आदि पंच उपस्थित थे. लिपिक पुष्पेंद्र कापड़े ने बताया कि स्टेशन परिसर के आसपास गंदगी फैलाने से रोकने के लिए क्षेत्र चिह्नित कर सूचना लिखी जाएगी. इसके बाद भी यदि गंदगी फैलाई जाती है तो केस दर्ज कराएंगे.
जीआरपी रखेगी अवैध वेंडरों का रिकार्ड
ट्रेनों में चलित पुलिस चौकी के बाद अब सारे वेंडरों की जानकारी का डाटा बनाने का काम शुरू हो गया है. बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए जीआरपी यात्री ट्रेनों में अवैध खाद्य सामग्री बेचने वाले वेंडरों का चरित्र सत्यापन कर उनका रिकार्ड अपने पास रखेगी. ट्रेनों में यात्रियों के साथ वारदात के बाद इनकी मदद लेकर बदमाशों तक पहुंचने की योजना है. वेंडरों के फोटो लेकर उनकी सारी जानकारी जुटाई जा रही है. यह सारी जानकारी पुलिस कंप्यूटर में दर्ज होगी.
रेलवे पुलिस अधीक्षक भोपाल डॉ. जी. के. पाठक ने खंडवा-बुरहानपुर, ग्वालियर, मुरैना, दतिया, भोपाल, सहित समस्त रेलवे स्टेशनों पर अवैध वेंडरों के चरित्र सत्यापन संबंधी प्रक्रिया शुरू भी कर दी है. बुरहानपुर जीआरपी चौकी प्रभारी आर. सी. वत्सल के अनुसार ट्रेनों में चने, मूंगफली, विभिन्न तेल, केले व अन्य खाद्य सामग्री बेचने वाले अवैध वेंडरों का पुलिस के पास कोई रिकार्ड नहीं है. ऐसे वेंडरों को ढूंढ़कर उनका चरित्र सत्यापन कराया जा रहा है. सभी की फोटो युक्त जानकारी भोपाल भेजेंगे. यहां प्रदेश भर की जानकारी एकत्रित होगी. श्री वत्सल ने कहा कि वैध वेंडरों की जानकारी तो हमारे पास रहती है. अब अवैध वेंडरों की जानकारी भी एकत्रित की जा रही है ताकि कोई अपराध होने पर उनसे भी मदद मिल सके. उन्होंने बताया कि जीआरपी द्वारा चलित पुलिस थाना चलाया जा रहा है. रेल सुरक्षा के लिए समिति भी बनाई गई है. खंडवा जीआरपी ने रेलवे स्टेशनों पर भटकने वाले ऐसे 15 बच्चों को चिह्नित कर नवजीवन चिल्ड्रेन होम और उज्जैन के संप्रेक्षण गृह में भेजा है. इसके साथ ही भुसावल रेलवे स्टेशन पर अनधिकृत रूप से खाद्य सामग्री का विक्रय करने वाले 49 अवैध वेंडरों के खिलाफ पुलिस द्वारा केस दर्ज किया गया.
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