Friday 18 September, 2009

इंजीनियर्स डे मनाया गया
मुंबई : भारतरत्न सर डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के 148वें जन्म दिवस के अवसर पर ऑल इंडिया रेलवे इंजीनियर्स फेडरेशन से संबद्ध सेंट्रल रेलवे इंजीनियर्स एसोसिएशन (सीआरईए) और वेस्टर्न रेलवे इंजीनियर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूआरईए) के संयुक्त तत्वावधान में सीएसटी ऑडिटोरियम में 15 सितंबर को हर साल की भांति 'इंजीनियर्स डे' एवं सेफ्टी सेमिनार का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि म.रे. के सीएमई श्री रंजीत खोसला और सम्माननीय अतिथि सीएसओ श्री एम. एस. शर्मा सहित सीआरएसई श्री एस. सी. त्रिवेदी, सीनियर डीएमई/कोचिंग श्री बृजेश दीक्षित आदि गणमान्य अधिकारी और एआईआरईफ के मुख्य सलाहकार ए. एस. तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज पांडेय, सीआरईए के अध्यक्ष टी. के. मारगाये, मंडल अध्यक्ष टी.पी. सिंह आदि बड़ी संख्या में सबॉर्डिनेट इंजीनियर उपस्थित थे.
सेफ्टी सेमिनार का संचालन इंजी. जे.के. सिंह ने किया. इस अवसर पर कई वक्ताओं ने सेफ्टी से संबंधित अपने प्रत्यक्ष अनुभव बताए. लगभग सभी वक्ताओं के वक्तव्य में सेफ्टी के प्रति गहन चिंता व्यक्त की गई. फेडरेशन के पूर्व सलाहकार और संगठन से लगातार जुड़े सीआरएमएस के पूर्व कार्याध्यक्ष श्री जेवीएस शिशौदिया ने अपने बहुत नपे-तुले वक्तव्य में उपस्थित इंजीनियरों का हर दृष्टिकोण से मार्गदर्शन किया. हमेशा की भांति इंजी. ए.एस. तिवारी का भाषण बार-बार पटरी से उतरता रहा. सभी वक्ताओं ने सुरक्षा और समय पालन पर संरक्षा (सेफ्टी) को वरीयता दिए जाने की बात कही.
सम्मानीय अतिथि सीएसओ श्री एम. एस. शर्मा ने कहा कि इंजीनियरों को संतोष एवं धैर्य से काम लेना चाहिए. कमियां हो सकती हैं और कमियां हैं, इसीलिए तो प्रगति है. यदि कमियां नहीं होंगी तो प्रगति कैसे होगी. उन्होंने कहा कि पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है और आगे भी होगा. यह एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है. उन्होंने सेफ्टी के प्रति जागरूकता के लिए सभी सबॉर्डिनेट इंजीनियरों की तारीफ की. मुख्य अतिथि सीएमई श्री रंजीत खोसला ने अपने गहन और दीर्घ अनुभव एवं गरिमा के अनुसार इंजीनियरों को संबोधित किया. उन्होंने विभिन्न वक्ताओं द्वारा मैन, मटीरियल, मैनेजमेंट संबंधी उठाए गए तमाम मुद्दों का सटीक समाधान किया. करीब आधे घंटे से भी ज्यादा चले उनके उदाहरण सहित वक्तव्य को सभी इंजीनियरों ने तन्मयता के साथ सुना.

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