Friday, 18 September 2009

मेट्रो और मोनो रेल की कोई तुलना नहीं

बंगलोर : बंगलोर शहर द्वारा मोनो रेल की जगह मेट्रो रेल बनाने का निर्णय एकदम उचित है, क्योंकि मेट्रो रेल की मोनो रेल से कोई तुलना नहीं की जा सकती है. यह कहना है दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) के प्रमुख और 'मेट्रो मैन' श्री श्रीधरन का. श्रीधरन ने शुक्रवार 11 सितंबर को यहां कहा कि मोनो रेल की कैरीइंग कैपेसिटी मेट्रो रेल की अपेक्षा मात्र एक तिहाई है जबकि मोनो रेल की लागत मेट्रो रेल से कई गुना ज्यादा पड़ती है. उन्होंने कहा कि इसीलिए उनका मानना है कि महानगरीय आबादी के लिए मेट्रो रेल ही सबसे बेहतर विकल्प है. श्री श्रीधरन डीएमआरसी के लिए पहले स्टैंडर्ड गेज कोच के मिलने के अवसर पर मीडिया के साथ अपने विचार व्यक्त कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि मोनो रेल धार्मिक या मनोरंजन स्थलों के लिए तो ठीक हो सकती है परंतु जहां बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही है, वहां के लिए फिट नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि मेट्रो प्रोजेक्ट फाइनल हो जाने पर मोनो रेल प्रोजेक्ट पृष्ठभूमि में चला गया है और एजेंडा फार बंगलोर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ने इसे हाल ही में तेजी से आगे बढ़ाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि अब जब मेट्रो का निर्णय हो चुका है तो मोनो रेल इसके फीडर का काम कर सकती है. उन्होंने बताया कि एक निजी फर्म ने 61.05 किमी. मोनो रेल लाइनें बनाने का एक प्रस्ताव दिया है. इस पर अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है.

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