Monday 21 December, 2009

बिस्किट की सप्लाई लेने पर लेखाकर्मी
ने फूड प्लाझा के खिलाफ हंगामा करवाया


भुसावल : आपसी सहमति और व्यक्तिगत व्यवहार के चलते कई रेलकर्मी स्टेशनों पर स्थित खानपान स्टालों को विभिन्न खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति करते हैं और कुछ साइड इनकम का जुगाड़ भिड़ाते रहते हैं. परंतु भुसावल स्टेशन पर 28 नवंबर का शिवसेना सांसद श्री आनंद राव अड़सूल की उपस्थिति का फायदा उठाकर यहां मंडल लेखा कार्यालय में पदस्थ एक लेखा कर्मी ने प्लेटफार्म1-3 पर स्थिति केएमए' फूड प्लाझा के साथ अपना पुराना हिसाब-किताब चुकता करने की कोशिश की, तो पूरे स्टेशन पर हंगामा खड़ा हो गया.

इस संबंध में फूड प्लाझा की तरफ से . मं. वित्त प्रबंधक (सीनियर डीएफएम) को उसी दिन 28 नवंबर को लेखा कर्मी राजेश लखोटे के खिलाफ दी गई लिखित शिकायत में कहा गया है कि श्री लखोटे स्वयं को शिवसेना प्रणित रेल कामगार सेना का कार्यकर्ता बताकर फूड प्लाझा से प्रति सप्ताह के हिसाब से हफ्ता मांगते हैं और नहीं देने पर वह अपने साथियों और यात्रियों से फर्जी शिकायतें करवातें हैं तथा उन्होंने हफ्ता बांधने पर फूडप्लाझा को हमेशा
के लिए बंद करवा देने की धमकी दी है.

शिकायत में कहा गया है कि 28 नवंबर को माननीय सांसद श्री आनंदराव अड़सूल जब रिटयरिंग रुम में ठहरे हुए थे तो श्री लखोटे ने 12-15 ब्रेकफास्ट, चाय-कॉफी तथा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर आदि का ऑर्डर स्वयं आकर फूड प्लाझा को दिया था. फूड प्लाझा के वेंडरों ने माननीय सांसद सहित रेल कामगार सेना के वहां उपस्थित कार्यकर्ताओं को उक्त वस्तुओं की आपूर्ति पूरे सम्मानजनक तरीके से कर दी थी और किसी को किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं हुई थी.

शिकायत में कहा गया है कि ब्रेकफास्ट के बाद आपूर्ति की गई वस्तुओं का कुल 510 रु. का भुगतान बिल बनाकर वेंडरों ने श्री लखोटे को दिया क्योंकि ऑर्डर उन्होंने ही दिया था. शिकायत में लिखा है कि यह बिल देखकर श्री लखोटे जोर जोर से चिल्लाते हुए कहने लगे- 'यह किससे बिल मांग रहे हो, क्या तुम्हें मालूम नहीं है कि हम शिवसेना और रेल कामगार सेना के कार्यकर्ता हैं. अगर तुम लोग अपना भला चाहते हो तो भाग जाये वरना हम शिवसेना स्टाइल में तुम्हारे फूड प्लाझा को तहस-नहस कर देंगे, क्या तुम्हें शिवसेना का कल्चर मालूम नहीं है, हम तुम्हारी पिटाई कर देंगे, वरना यहां से चुपचाप भाग जाओ. कोई बिल नहीं मिलेगा, तुम भांडे लोग हमारा क्या कर लोगे, हम तुम्हे देख लेंगे.' शिकायत में कहा गया है कि श्री लखोटे ने उपरोक्त धमकी और जाति वर्गवादी गालियां देते हुए वेंडरों को भगा दिया.

शिकायत में आगे कहा गया है कि कुछ समय बाद श्री लखोटे करीब 10-15 आदमियों को लेकर फूड प्लाझा में आये और जबरन अंदर घुस गये तथा जोर जोर से चिल्लाते हुए वहां रखी तमाम खाद्य वस्तुओं को उलटना पलटना तथा नष्ट करना शुरु कर दिया. तब वहां दंगा होने जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई और यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संबंधित रेल अधिकारियों ने फूड प्लाझा से तेल और दूध पॅकेट्स एवं अन्य खाद्य वस्तुओं के सैंपल परीक्षण हेतु लिया कि कहीं उनमें किसी प्रकार की मिलावट तो नहीं है. शिकायत में कहा गया है कि खाद्य पदार्थों के सैंपल हमने खुशी से दिए हैं और रेलवे स्टाफ के साथ सभी संभव सहयोग किया गया, क्योंकि हमें अपने खाद्य पदार्थों के बारे में पूरा विश्वास था कि उनमें किसी प्रकार की गड़बड़ी या मिलावट नहीं है.

शिकायत में बताया गया है कि श्री लखोटे और उनके साथ आये आदमियों के खिलाफ आरपीएफ और जीआरपी में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है और कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है जिससे कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति स्टेशन पर हो. शिकायत में सीनियर डीएफएम से मांग की गई है कि उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर भविष्य में रेल कामगार सेना-शिवसेना की ऐसी हमलावार गतिविधियों को रोककर उनसे फूड प्लाझा को बचाया जाये और उक्त घटना के लिए श्री लखोटे के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाये तथा भविष्य में हमारे फूड प्लाझा पर आने की कड़ी हिदायत दी जाये क्योंकि वह अपने कई लोगों के साथ जब भी आते हैं, चाय काफी पीते हैं, खाद्य पदार्थ खाते हैं और पानी की बोतलें उठाकर बिना बिल दिए ही चले जाते हैं. यह उनकी लगभग रोज की आदत बन चुकी है. बिल मांगने पर धमकी और गालियां देेते हैं और लाइसेंस रद्द कराने की बात कहकर ब्लैकमेल करते हैं.

यह घटना स्थानीय अखबारों में भी काफी प्रमुखता से प्रकाशित हुर्ई है, जबकि वेंडरों का कहना है कि यह सारा झगड़ा श्री लखोटे की बिस्किट सप्लाई लेने से मनाकर देने के कारण हुआ है, क्योंकि श्री लखोटे के पास कुछ लोकल
ब्रांड के बिस्किटों की एजेंसी है जो कि वह स्टेशनों पर सप्लाई करते हैं. इस संबंध में काफी प्रयास के बाद भी श्री लखोटे से संपर्क नहीं हो सका.

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