Thursday 10 December, 2009

सेवा में,
आदरणीय डा. मनमोहन सिंह जी
माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार,
प्रधानमंत्री कार्यालय, नयी दिल्ली-११००११.

विषय : आईजी/सीएससी/आरपीएफ/म.रे.के पद पर श्री बी.एस.सिद्धू का भ्रष्टाचार और अवैध पदस्थापना.

महोदय,

मैं, अधोहस्ताक्षरकर्ता, आईजी/ सीएससी/ आरपीएफ/ म.रे.के पद पर श्री बी.एस.सिद्धू के बारे में कुछ तथ्यात्मक सच्चाई आपके ध्यान में लाना चाहता हूँ. आइपीएस यू. पी. कैडर श्री सिद्धू की आईजी/ सीएससी/ आरपीएफ/ म.रे. के पद पर प्रतिनियुक्ति का पांच साल का कार्यकाल 26 जुलाई २००९ को समाप्त हो चुका है और अक्तूबर 2009 में माननीय रेलमंत्री ने उनके द्वारा मांगे गए एक साल के सेवा विस्तार कि फ़ाइल को रिजेक्ट कर दिया है. तथापि श्री सिद्धू को उनके पद से अभी तक मुक्त नहीं किया गया है जिससे वह पिछले पांच सालों की भांति ही भ्रष्टाचार को बनाये रखकर न सिर्फ आरपीएफ स्टाफ की ट्रांसफर / पोस्टिंग कर रहे हैं बल्कि लीगल निर्णय भी ले रहे है जो कि नियमानुसार गलत हैं.

महोदय, श्री सिद्धू के आईजी/ सीएससी/ आरपीएफ/ मध्य रेल के पद पर प्रतिनियुक्ति के पांच साल के कार्यकाल में कम से कम 6 बार सीबीआई ने म. रे. के आरपीएफ इंस्पेक्टरों और स्टाफ पर छापा मारकर रंगे हाथ पकड़ने की कार्रवाई की है.

महोदय, श्री सिद्धू के भ्रष्टाचार के कारण 19 नवम्बर 2009 को सीबीआई ने कुर्ला रेलवे टर्मिनस पर छापा मारकर 1 सब-इन्स्पेक्टर, 1 असिस्टेंट सब-इन्स्पेक्टर, 2 हवलदार और 5 आरपीएफ सिपाहियों ( कुल 9 लोगों ) को यात्रियों से अवैध वसूली करते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.

महोदय, श्री सिद्धू के इस भ्रष्टाचार का सीबीआई ने अपने रिमांड अप्लिकेशन में जो लिखा है उसके अनुसार कुर्ला रेलवे टर्मिनस पर रोजाना डेढ़ से पौने दो लाख और महीने में कम से कम 45 लाख की अवैध वसूली यात्रियों से पिछले पांच सालों से की जा रही थी.

महोदय, श्री सिद्धू मध्य रेल में अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान कम से कम 19 बार अमेरिका की यात्रा पर गए हैं. ध्यान देने की बात है की कोई भी नौकरशाह अपनी ज्ञात आय और वाजिब कमाई से न तो इतनी बार विदेश यात्राएं कर सकता है और न ही पत्नी के भरण-पोषण के लिए महीने में लाखों की रकम दे सकता है.

महोदय, श्री सिद्धू की भयानक लापरवाही के चलते ही 26 /11 /2008 को विश्व के ऐतिहासिक रेलवे टर्मिनस सीएसटी पर मात्र २ आतंकवादियों ने 57 निर्दोष रेल यात्रियों को अपनी गोलियों से भून डाला था और 180 यात्रियों को बुरी तरह घायल कर दिया था. जबकि सीएसटी पर जहाँ यह वीभत्स हादसा हुआ ठीक उसके मात्र 10 कदम पर श्री सिद्धू यानी आईजी/सीएससी/आरपीएफ/म.रे. का मुख्यालय है. परन्तु श्री सिद्धू ने कभी भी ऐसे किसी संभावित हादसे से यात्रियों को बचाने के कोई उपाय नहीं किये बल्कि मृतक एवं घायल यात्रियों को हटाये जाने के बाद उनका जो सामान समेटकर जिस पार्सल घर में रखा गया था वह श्री सिद्धू यानी आईजी/सीएससी/आरपीएफ/म.रे. मुख्यालय इमारत की तल मंजिल पर स्थित है. यात्रियों के इस सामान में आतंकवादियों द्वारा छोड़ा गया 8 किलो आरडीएक्स से भरा हुआ वो बैग भी था जो कि एक हफ्ते तक आईजी/सीएससी/आरपीएफ/म.रे. मुख्यालय इमारत की तल मंजिल पर स्थित पार्सल घर में पड़ा हुआ था.

महोदय, ध्यान देने की बात है कि यदि यह 8 किलो वजनी आरडीएक्स बम फट जाता तो आईजी/ सीएससी/ आरपीएफ/ म.रे. मुख्यालय की पांच मंजिली इमारत सहित पूरा सीएसटी स्टेशन धराशायी हो जाता और तब जो जान-माल की क्षति होती थी उसका तो अंदाज भी नहीं लगाया जा सकता है. जबकि श्री सिद्धू अपने साथ 8 ब्लैक कैट कमांडो लेकर चलते हैं और उस दिन भी घटना स्थल पर करीब 2 घंटे बाद पहुंचे थे और अपने 2 -3 चापलूस आरपीएफ इंस्पेक्टरों को बुलाकर 40 राउंड फर्जी फायरिंग करवाकर मामले को मेनिपुलेट किया था, यह सब रिकॉर्ड में है. परन्तु फिर भी इस भयानक हादसे की जाँच के लिए गठित की गयी 'राम प्रधान कमिटी' ने श्री सिद्धू के इस सारे मेनिपुलेशन की कोई जाँच करना जरुरी नहीं समझा..?

महोदय, उपरोक्त तमाम तथ्यों से यह बात साफ़ जाहिर है की श्री सिद्धू भ्रष्टाचार में गले तक डूबे हुए हैं. अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि श्री सिद्धू को मध्य रेलवे के आईजी/सीएससी/आरपीएफ के पद से अविलम्ब हटाया जाये और सीबीआई से उनकी सम्पूर्ण ज्ञात - अज्ञात आय और 26 /11 के हादसे के पहले और बाद में श्री सिद्धू की भूमिका की विधिवत जांच कराई जाये तथा नियमानुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये.

महोदय, इस देश की सुरक्षा श्री सिद्धू जैसे महाभ्रष्ट नौकरशाहों के भरोसे पर नहीं छोड़ी जा सकती, इस बात को मद्देनजर रखकर अविलम्ब कार्रवाई की जानी चाहिए.

आपका शुभेच्छु

सुरेश त्रिपाठी
संपादक 'रेलवे समाचार'
कार्यालय : कमरा नंबर १०५,
डाक्टर्स हॉउस, पहली मंजिल,
राहेजा काम्प्लेक्स,
पथरी पुल के पास, कल्याण(प.)-421301.
Mo.No. 09869256875.
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