Monday 21 December, 2009

आईजी/सीएससी/आरपीएफ/.रे.के पद
पर अवैध रूप से बैठे हैं श्री बी.एस.सिद्धू

आईजी/सीएससी/आरपीएफ/.रे. के पद पर श्री बी. एस. सिद्धू के बारे में कुछ तथ्यात्मक सच्चाई जानकर सर्वसामान्य का दिमाग चकरा जाएगा. आईपीएस यू. पी. कैडर श्री सिद्धू की आईजी/सीएससी/आरपीएफ/.रे. के पद पर प्रतिनियुक्ति का पांच साल का कार्यकाल 26 जुलाई 2009 को समाप्त हो चुका है और अक्तूबर 2009 में रेलमंत्री ने उनके द्वारा मांगे गए एक साल के सेवा विस्तार की फ़ाइल को रिजेक्ट कर दिया है. तथापि श्री सिद्धू को उनके पद से अभी तक मुक्त नहीं किया गया है जिससे वह पिछले पांच सालों की भांति ही भ्रष्टाचार को बनाये रखकर सिर्फ आरपीएफ स्टाफ की ट्रांसफर / पोस्टिंग कर रहे हैं बल्कि लीगल निर्णय भी ले रहे है जो कि नियमानुसार गलत हैं.

सिद्धू के आईजी/सीएससी/आरपीएफ/.रे.के पद पर प्रतिनियुक्ति के पांच साल के कार्यकाल में कम से कम 6 बार सीबीआई ने . रे. के आरपीएफ इंस्पेक्टरों और स्टाफ पर छापा मारकर रंगे हाथ पकडऩे की कार्रवाई की है. श्री सिद्धू के भ्रष्टाचार के कारण 19 नवम्बर 2009 को सीबीआई ने कुर्ला रेलवे टर्मिनस पर छापा मारकर 1 सब- इन्स्पेक्टर, 1 असिस्टेंट सब-इन्स्पेक्टर, 2 हवालदार और 5 आरपीएफ सिपाहियों ( कुल 9 लोगों ) को यात्रियों से अवैध वसूली करते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. श्री सिद्धू के इस भ्रष्टाचार का सीबीआई ने अपने रिमांड अप्लिकेशन में जो लिखा है उसके अनुसार कुर्ला रेलवे टर्मिनस पर रोजाना डेढ़ से पौने दो लाख और महीने में कम से कम 45 लाख की अवैध वसूली यात्रियों से पिछले पांच सालों से की जा रही थी. श्री सिद्धू मध्य रेल में अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान कम से कम 19 बार अमेरिका की यात्रा पर गए हैं. ध्यान देने की बात है की कोई भी नौकरशाह अपनी ज्ञात आय और वाजिब कमाई से तो इतनी बार विदेश यात्राएं कर सकता है और ही पत्नी के भरण- पोषण के लिए महीने में लाखों की रकम दे सकता है.

श्री सिद्धू की भयानक लापरवाही के चलते ही 26 /11 /2008 को विश्व के ऐतिहासिक रेलवे टर्मिनस सीएसटी पर मात्र 2 आतंकवादियों ने 57 निर्दोष रेल यात्रियों को अपनी गोलियों से भून डाला था और 180 यात्रियों को बुरी तरह घायल कर दिया था. जबकि सीएसटी पर जहाँ यह वीभत्स हादसा हुआ ठीक उसके मात्र 10 कदम पर श्री सिद्धू यानी आईजी/सीएससी/आरपीएफ/.रे. का मुख्यालय है. परन्तु श्री सिद्धू ने कभी भी ऐसे किसी संभावित हादसे से यात्रियों को बचाने के कोई उपाय नहीं किये बल्कि मृतक एवं घायल यात्रियों को हटाये जाने के बाद उनका जो सामान समेटकर जिस पार्सल घर में रखा गया था वह श्री सिद्धू यानी आईजी/सीएससी/आरपीएफ/.रे. मुख्यालय इमारत की तल मंजिल पर स्थित है.

यात्रियों के इस सामान में आतंकवादियों द्वारा छोड़ा गया 8 किलो आरडीएक्स से भरा हुआ वह बैग भी था जो कि एक हफ्ते तक आईजी/सीएससी/ आरपीएफ/.रे. मुख्यालय इमारत की तल मंजिल पर स्थित पार्सल घर में पड़ा हुआ था.

ध्यान देने की बात है कि यदि यह 8 किलो वजनी आरडीएक्स बम फट जाता तो आईजी/सीएससी/ आरपीएफ/ .रे. मुख्यालय की पांच मंजिली इमारत सहित पूरा सीएसटी स्टेशन धराशायी हो जाता और तब जो जान-माल की क्षति होती, उसका तो अंदाज भी नहीं लगाया जा सकता है. जबकि श्री सिद्धू अपने साथ 8 ब्लैक कैट कमांडो लेकर चलते हैं और उस दिन भी घटना स्थल पर करीब 2 घंटे बाद पहुंचे थे और अपने 2 -3 चापलूस आरपीएफ इंस्पेक्टरों को बुलाकर 40 राउंड फर्जी फायरिंग करवाकर मामले को मेनिपुलेट किया था, यह सब रिकॉर्ड में है. परन्तु फिर भी इस भयानक हादसे की जाँच के लिए गठित की गयी 'राम प्रधान कमिटी' ने श्री सिद्धू के इस सारे मेनिपुलेशन की कोई जाँच करना जरुरी नहीं समझा..?

उपरोक्त तमाम तथ्यों से यह बात साफ़ जाहिर है कि श्री सिद्धू भ्रष्टाचार में गले तक डूबे हुए हैं. अत: श्री सिद्धू को मध्य रेलवे के आईजी/सीएससी/आरपीएफ के पद से अविलम्ब हटाया जाये और सीबीआई से उनकी सम्पूर्ण ज्ञात - अज्ञात आय और 26 /11 के हादसे के पहले और बाद में श्री सिद्धू की भूमिका की विधिवत जांच कराई जाये तथा नियमानुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये.

इस देश की सुरक्षा श्री सिद्धू जैसे महाभ्रष्ट नौकरशाहों के भरोसे पर नहीं छोड़ी जा सकती, इस बात को मद्देनजर रखकर अविलम्ब कार्रवाई की जानी चाहिए.

म.रे.के आरपीएफ स्टाफ को पिछले पांच वर्षों में बुरी तरह सताने और चूसने वाले, अरविंद यादव जैसे अपने कुछ खास चापलूस आरपीएफ इंस्पेक्टरों को जमकर भ्रष्टाचार करने की छूट देने वाले और स्वयं भी उसमें गले-गले तक डूबे हुए आईजी/सीएससी/आरपीएफ/म.रे. को समर्पित....

गरीब को मत सता, गरीब रो देगा।
मुंह से निकलेगी आह, जड़-मूल से खोदेगा।।

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