Monday 3 August, 2009

रेलवे : करोड़ों की भूमि पर निगाहें

अलीगढ़ : रेलवे की करोड़ों रुपये की भूमि पर भूमाफिया नजरें लगाए हैं। बेशकीमती जमीनों पर कब कब्जा हो जाए। इस बारे में रेलवे अफसर पूरी तरह बेखबर हैं। यह वह जमीन हैं जिन पर कभी तीन तालाब होता था और यहां से स्टीम इंजनों को पानी भरा जाता था।

रेलवे स्टेशन के पास शाहकमाल रोड पर तीन तालाब की जमीन इन दिनों बेकार पड़ी है। बता दें कि तीन तालाब में लगे टैंकों में भरे पानी से कानपुर से दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेनों में लगे स्टीम के इंजनों में पानी भरने की व्यवस्था होती थी। स्टीम इंजन के बाद डीजल और फिर इलेक्ट्रिक इंजन एक्सप्रेस ट्रेनों में लगे तो स्टीम इंजन का चलन पूरी तरह से बंद हो गया। रेलवे सूत्रों की मानें तो तीन तालाब से स्टीम इंजन को हर तीस-चालीस किलोमीटर बाद पानी की जरूरत होती थी। यही कारण था कि अलीगढ़ में तीन तालाब के बाद खुर्जा में भी तीन तालाब की स्थापना कर दी गई थी। मगर, अब इलेक्ट्रिक और डीजल इंजन आने के बाद तीन तालाब का महत्व पूरी तरह से खत्म हो गया। लोगों का कहना है कि अलीगढ़ के तीन तालाब जो फिलहाल करोड़ों रुपये की जमीन है, उसमें प्राइवेट लोगों ने दरवाजे निकाल लिए हैं। मकानों का दरवाजा तीन तालाब की ओर किए जाने पर रेलवे अधिकारियों ने कोई आपत्ति नहीं जताई। यही कारण है कि रेलवे की जमीन पर कब्जा करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। यही नहीं भूमाफियाओं की निगाहें रेलवे की बेशकीमती जमीन पर हैं। ताकि मौका लगते ही जमीन पर कब्जा किया जा सके।

रेलवे की भूमि पर अस्थाई कब्जे हैं,मगर रेलवे भूमि को कब्जों से इंजीनियरिंग विभाग मुक्त नहीं करा सका है।

कठपुला के आसपास रेलवे की कीमती जमीन है। उक्त जमीन पर कई लोगों ने कब्जे कर लिए हैं। मगर,रेलवे अफसर इन अस्थाई और स्थाई कब्जों को नहीं हटा पा रही है। इस कारण बेशकीमती जमीन का कब्जा होने का खतरा पूरी तरह से मंडराने लगा है। उधर, रेलवे के यातायात प्रबंधक डी मिंज ने कहा कि तीन तालाब पर अधिकारियों के दफ्तरों के निर्माण प्रस्तावित हैं। रेलवे की जमीन पर कब्जे के सवाल पर उन्होंने बताया कि इस तरह का अभी तक कोई मामला संज्ञान में नहीं आया। अगर इस तरह की कोई बात है तो कब्जेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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