Saturday 8 August, 2009

बोर्ड विजिलेंस से हटाये गए के पी यादव

बड़े बेआबरू होकर निकाले गए तेरे कूचे से...

नयी दिल्ली : पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के सहायक निजी सचिव (एपीएस) रहे कैलाश प्रसाद यादव उर्फ के.पी. यादव को रेलवे बोर्ड विजिलेंस से बाहर कर दिया गया है. यह जानकारी बोर्ड के हमारे विश्वसनीय सूत्रों ने दी है. सूत्रों ने बताया कि श्री यादव को तुरंत पिछले शुक्रवार को बोर्ड विजिलेंस की डायरेक्टर ट्रैफिक पोस्ट से कार्यमुक्त (रिलीव) करके उत्तर रेलवे में भेज दिया गया है. सूत्रों का यह भी कहना था कि उन्हें दिल्ली से बाहर जम्मू या अन्यत्र किसी दूरस्थ क्षेत्र में पदस्थ करने के मौखिक आदेश बोर्ड द्वारा महाप्रबंधक/उ.रे. को दिए गए हैं.

ज्ञातव्य है कि पूर्व रेलमंत्री का कार्यकाल समाप्त होने से कुछ पहले ही श्री यादव ने विजिलेंस में एक ईमानदार अधिकारी की जगह अपनी पोस्टिंग करवाकर अपने लिए एक सुरक्षित स्थान की तलाश कर ली थी. परंतु बोर्ड के कुछ अधिकारियों का कहना है कि पूर्व रेलमंत्री के साथ रहकर श्री यादव ने कई भ्रष्ट अधिकारियों को उनकी मनचाही पोस्टिंग दिलवाई थी. सूत्रों का कहना है कि इन पोस्टिंग में हुए भ्रष्टाचार और पक्षपात की जानकारी जब मंत्री तक पहुंची तब उन्हें विजिलेंस से हटाने के आदेश दिए गए. सूत्रों ने कहा कि श्री यादव को विजिलेंस से हटाए जाने पर अधिकांश ईमानदार अधिकारियों ने राहत की सांस ली है.


सीएफटीएम/ द.पू.रे. बी. डी. राय
को क्यों नहीं हटाया जा रहा...?


कोलकाता : पूर्व रेलमंत्री के खास चहेते श्री बी. डी. राय, सीएफटीएम/द.पू.रे. को उनके वर्तमान पद से क्यों नहीं हटाया जा रहा है, यह सवाल तमाम आईआरटीएस अधिकारियों को लगातार पिछले 5-6 साल से परेशान कर रहा है. उल्लेखनीय है कि पूर्व रेलमंत्री और पूर्व सीआरबी के खास चहेते श्री. बी. डी. राय पिछले 5-6 वर्षों से द.पू.रे. की सबसे ज्यादा कमाऊ पोस्ट सीएफटीएम पर विराजमान हैं. विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री राय ने रेक एलॉटमेंट का सारा अधिकार अपने पास रखा हुआ है, सूत्रों के अनुसार कुछ खास लोडिंग कंपनियों को अपने खास दलालों की मार्फत लाखों रुपये की एवज में प्राथमिकता को आधार बनाकर और रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह उल्लंघन करके श्री राय द्वारा रेक एलॉटमेंट किया जा रहा है. ज्ञातव्य है कि रेक एलॉटमेंट का अधिकार रेलवे बोर्ड ने मंडलों के सीनियर डीओएम्स को दिया हुआ है. जबकि सिर्फ पॉलिसी मैटर्स सीएफटीएम के अधिकार क्षेत्र में हैं. परंतु बोर्ड के निर्देशों का खुला उल्लंघन करके श्री राय ने रेक एलॉटमेंट का सीनियर डीओएम का अधिकार स्वयं ले रखा है. सूत्रों का कहना है कि इससे मंडलों के सीनियर डीओएम्स को भारी परेशानी हो रही है क्योंकि लोडरों को सीएफटीएम का वरदहस्त होने से वे उनको जरा भी तवज्जो नहीं देते हैं. सूत्रों का कहना था कि द.पू.रे. में रेक एलॉटमेंट में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है. उन्होंने यहां पिछले 5-6 वर्षों के दरम्यान हुए रेक एलॉटमेंट के संपूर्ण प्रकरण की सीवीसी/सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है.

विवेक सहाय ने अंतत: आईआरपीएस
को सीपीआरओ/उ.रे. बनाया


नयी दिल्ली : जैसा कि 'रेलवे समाचार' के पिछले अंक में 'सीपीआरओ/उ.रे की पोस्टिंग में महाप्रबंधक/उ.रे. की रुचि नहीं' शीर्षक के अंतर्गत खबर में बताया गया था कि महाप्रबंधक/उ.रे श्री विवेक सहाय किसी आईआरटीएस अधिकारी को उ.रे का सीपीआरओ नहीं बनाना चाहते हैं, वह खबर सच साबित हुई है. क्योंकि खबर प्रकाशित होते ही उन्होंने आनन फानन अपनी मनमानी करते हुए आईआरपीएस अधिकारी श्री आनंद स्वरूप को उ.रे. का सीपीआरओ बना दिया है. ज्ञातव्य है कि श्री आनंद स्वरूप इससे पहले दिल्ली डिवीजन में सीनियर डीपीओ थे. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि श्री आनंद स्वरूप भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री मुरली मनोहर जोशी के दामाद हैं. इस तरह श्री सहाय ने अगला एमटी बनने के लिए एक और राजनीतिक सपोर्ट हासिल कर लिया है. परंतु 'रेलवे समाचार' की उक्त खबर का असर यह हुआ कि श्री सहाय अपने खास चहेते श्री. एस. एस. नेगी को उक्त पद पर बैठाकर पुरकृत करने से चूक गये हैं. ज्ञातव्य है कि श्री नेगी, उ.म.रे. में श्री सहाय सहित महाप्रबंधक के सचिव के पद पर पिछले 9 साल से लगातार पदस्थ रहे हैं, करीब तीन महीने पहले ही उनका तबादला उ.म.रे. इलाहाबाद से उ.रे. दिल्ली में हुआ है. श्री नेगी आईआरएसईई अधिकारी हैं. इनकी लीन आज भी द.म.रे. में ही है.

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