बिना टिकट पकड़ा गया आईआरसीटीसी का सतर्कता अधिकारी
वड़ोदरा : इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के सतर्कता अधिकारी राकेश शर्मा को परिवार सहित वड़ोदरा से अहमदाबाद के दरम्यान बिना टिकट यात्रा करते पकड़ा गया और उनसे जुर्माने सहित 1030 रु. वसूल किए गए. यह घटना शनिवार, 25 जुलाई की है, जब श्री शर्मा परिवार सहित बिना टिकट वातानुकूलित श्रेणी में वड़ोदरा-अहमदाबाद इंटरसिटी से यात्रा कर रहे थे.
उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा इससे पहले पश्चिम रेलवे विजिलेंस में मुख्य सतर्कता निरीक्षक हुआ करते थे और तभी से अपनी अवैध गतिविधियों के लिए अत्यंत 'अलोकप्रिय' रहे हैं. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उन्हें उसी टीटीई राजेंद्र सिंह ने बिना टिकट चार्ज किया है, जिनके खिलाफ श्री शर्मा ने सीवीआई/प.रे. रहते एक अनावश्यक केस बनाकर उन्हें 8-9 महीने तक लगातार निलंबित रखवाया था.
प.रे. के एक विजिलेंस अधिकारी सहित वड़ोदरा के तमाम रेलकर्मियों का भी इस संबंध में कहना था कि श्री राकेश शर्मा की छवि बतौर सीवीआई/ट्रैफिक/प.रे. कभी भी अच्छी नहीं रही थी. उनके खिलाफ बहुत सी शिकायतें प्राप्त हुई थीं. इसके मद्देनजर आईआरसीटीसी विजिलेंस ने उनका चयन बतौर विजिलेंस ऑफीसर कैसे कर लिया अथवा अपने यहां कैसे ले लिया और किसने इसकी सिफारिश की, यह जांच का विषय हो सकता है.
इस संबंध में 'रेलवे समाचार' द्वारा आईआरसीटीसी की सीवीओ श्रीमती पुजारी सहित एमडी श्री आर. के. टंडन और चेयरमैन/एमटी श्री श्रीप्रकाश को भी सूचित करते हुए कहा गया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें क्योंकि पहली बात तो यह कि जिस व्यक्ति की छवि पहले से ही खराब हो और पद का दुरुपयोग करता रहा हो, उसे आईआरसीटीसी में लिया कैसे गया? दूसरे यह कि आईआरसीटीसी की बिगड़ती साख और धूमिल होती छवि को बचाने के लिए जरूरी है कि श्री शर्मा को तुरंत प्रभाव से हटाते हुए उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई किए जाने की सिफारिश एमडी, चेयरमैन (एमटी) और सीवीओ/आईआरसीटीसी द्वारा की जानी चाहिए. इस संबंध में उक्त तीनों जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने की हर कोशिश विफल रही.
वड़ोदरा : इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के सतर्कता अधिकारी राकेश शर्मा को परिवार सहित वड़ोदरा से अहमदाबाद के दरम्यान बिना टिकट यात्रा करते पकड़ा गया और उनसे जुर्माने सहित 1030 रु. वसूल किए गए. यह घटना शनिवार, 25 जुलाई की है, जब श्री शर्मा परिवार सहित बिना टिकट वातानुकूलित श्रेणी में वड़ोदरा-अहमदाबाद इंटरसिटी से यात्रा कर रहे थे.
उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा इससे पहले पश्चिम रेलवे विजिलेंस में मुख्य सतर्कता निरीक्षक हुआ करते थे और तभी से अपनी अवैध गतिविधियों के लिए अत्यंत 'अलोकप्रिय' रहे हैं. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उन्हें उसी टीटीई राजेंद्र सिंह ने बिना टिकट चार्ज किया है, जिनके खिलाफ श्री शर्मा ने सीवीआई/प.रे. रहते एक अनावश्यक केस बनाकर उन्हें 8-9 महीने तक लगातार निलंबित रखवाया था.
प.रे. के एक विजिलेंस अधिकारी सहित वड़ोदरा के तमाम रेलकर्मियों का भी इस संबंध में कहना था कि श्री राकेश शर्मा की छवि बतौर सीवीआई/ट्रैफिक/प.रे. कभी भी अच्छी नहीं रही थी. उनके खिलाफ बहुत सी शिकायतें प्राप्त हुई थीं. इसके मद्देनजर आईआरसीटीसी विजिलेंस ने उनका चयन बतौर विजिलेंस ऑफीसर कैसे कर लिया अथवा अपने यहां कैसे ले लिया और किसने इसकी सिफारिश की, यह जांच का विषय हो सकता है.
इस संबंध में 'रेलवे समाचार' द्वारा आईआरसीटीसी की सीवीओ श्रीमती पुजारी सहित एमडी श्री आर. के. टंडन और चेयरमैन/एमटी श्री श्रीप्रकाश को भी सूचित करते हुए कहा गया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें क्योंकि पहली बात तो यह कि जिस व्यक्ति की छवि पहले से ही खराब हो और पद का दुरुपयोग करता रहा हो, उसे आईआरसीटीसी में लिया कैसे गया? दूसरे यह कि आईआरसीटीसी की बिगड़ती साख और धूमिल होती छवि को बचाने के लिए जरूरी है कि श्री शर्मा को तुरंत प्रभाव से हटाते हुए उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई किए जाने की सिफारिश एमडी, चेयरमैन (एमटी) और सीवीओ/आईआरसीटीसी द्वारा की जानी चाहिए. इस संबंध में उक्त तीनों जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने की हर कोशिश विफल रही.
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