Saturday 6 February, 2010

तथाकथित ईमानदार जीएम, एमटी
और सीओएम की नाक के नीचे बदस्तूर
जारी हैं 'बंटी और बबली' की कारगुजारियां

गोरखपुर : एक तरफ़ सीनियर डीओएम/मुरादाबाद प्रफुल्ल गुप्ता का 'पोर्न' फ़ोन बिल 25 हज़ार 787 रुपया आता है तो दूसरी तरफ़ वह सीनियर डीसीएम को हटवा कर पहले स्वयं यह कहकर व्यापारियों को धमकाया कि 'तुम्हारे सबसे बड़े खैर-ख्वाह सीनियर डीसीएम् को हटवा दिया है, अब मैं जो कहूँगा वो तुम्हे करना पड़ेगा', इसके बाद उन्होंने अपने बैचमेट डीएम/हरदोई वलकार सिंह से कहा कि 'वह उन व्यापारियों को बुलाएं और उन्हें उनके खिलाफ की गयी शिकायतें वापस लेने को कहें.' डीएम वलकार सिंह ने सम्बंधित व्यापारियों को अपने दफ्तर में बुलाकर उनसे कहा कि 'वे प्रफुल्ल गुप्ता के खिलाफ की गयी अपनी शिकायतें फ़ौरन वापस ले लें वर्ना वह उनका जिले में रहना हराम कर देंगे.' यह घटना गुरुवार 8 अक्तूबर 09 की है. सम्बंधित व्यापारियों ने 'रेलवे समाचार' से इस घटना की पुष्टि की है. व्यापारियों का कहना है कि 'वे सब बुरी तरह से डरे हुए हैं, क्योंकि तो उनकी कोई सुनने वाला है और ही अब उन्हें सीनियर डीओएम के चंगुल से कोई बचाने वाला है, अब उनके सामने अपनी लोडिंग बंद करने के सिवा कोई चारा नहीं दिखाई दे रहा है. इस सबके बावजूद उच्चाधिकारियों की आंखें बंद हैं.'
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीनियर डीओएम, मुरादाबाद प्रफुल्ल गुप्ता के कार्यालय के टेलीफोन नंबर 2413554 का अगस्त 2008 में एक महीने का बिल 25,787 रुपया आया है. बताते हैं कि इसमें से 14,971 रुपया तो सिर्फ उनके इन्टरनेट इस्तेमाल का पोर्नो साइट्स देखे जाने का बिल है. सूत्रों का कहना है कि गुप्ता जी अपने कार्यालय में बैठकर पोर्न (अश्लील) वेब साइटें खूब देखते हैं क्योंकि भरपूर अवैध कमाई होने से उनके पास बहुत खाली समय होता है और इसका इस्तेमाल वे पोर्न वेब साइटें देखने और चोरबाजारी करने में करते हैं. सूत्रों का कहना है कि गुप्ता के पास खूब खाली समय होने का कारण उनका एक विश्वासपात्र टीआई 'सक्सेना' का उनके पास होना है. सूत्रों ने बताया कि ये सक्सेना ही गुप्ता कि सारी अवैध कमाई की वसूली करता है. इसी ने पूर्व सीनियर डीओएम् राहुल अग्रवाल को भी अवैध कमाई के सारे रास्ते बताये थे. बताते हैं कि अग्रवाल ने जहाँ 2 रुपये की वसूली की थी वहां गुप्ता ने उसे बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया है. इससे श्री गुप्ता की अवैध कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है.
ज्ञातव्य है कि अपने डिवीजन/सेक्शन में सीनियर डीओएम/मुरादाबाद प्रफुल्ल गुप्ता द्वारा मालगाडिय़ों को अनावश्यक तौर पर रोक कर उनसे एक निर्धारित रकम की अवैध वसूली की जा रही है, इसी उत्पीडऩ और अवैध वसूली की शिकायत यहाँ के कई व्यापारियों ने की थी, इनमें प्रमुख रूप से डीएसएम सुगर मिल्स, असमोली, गोविंद दाल मिल, हरदोई, .प्र. लघु उद्योग निगम लि. मुरादाबाद और जुबिलेंट आर्गेनोसिस लि., गजरौला की लिखित शिकायतें थीं, जिनकी फोटो प्रतियां 'रेलवे समाचार' को भी प्राप्त हुई हैं. जिसके लिए पहले गुप्ता ने और बाद में उनके कहने पर डीएम/हरदोई वलकार सिंह ने इन व्यापारियों को उनका जीना हराम कर देने की धमकी दी थी. पता चला है कि सीओएम वी. के. राय ने इस सम्पूर्ण मामले की जांच के आदेश दिए हैं. परन्तु अधिकारियों का कहना है कि सीनियर डीसीएम को निर्धारित टेनोर (समय) से पहले हटा देने से कैडर की जो बदनामी होनी थी वह तो हो चुकी है और अब गुप्ता जैसे महाभ्रष्टों के खिलाफ उनका साथ देने वाले सीएफ़टीएम् से जांच कराकर क्या हासिल होने वाला है जो कि खुद गुप्ता के साथ आउट ऑफ़ टर्न रेक अलाटमेंट में शामिल हैं?
पता चला है कि पिछले दिनों एक व्यापारी से पैसा लेते रंगे हाथ सीबीआई द्वारा पकड़े जाने से प्रफुल्ल गुप्ता बाल-बाल बचे हैं. सूत्रों का कहना है कि टीआई सक्सेना को इसकी भनक लग गई थी और उसने गुप्ता को पैसा लेने का इशारा कर दिया था, जिससे वह कोई बहाना बना कर चेंबर से बाहर चले गऐ थे. फलस्वरूप व्यापारी की मूर्खता से सीबीआई का यह धर-पकड़ ऑपरेशन फेल हो गया. बहरहाल इस सबके बावजूद तथाकथित ईमानदार तत्कालीन जीएम और एमटी तथा सीओएम को अब तक भी गुप्ता को हटाने का होश नहीं आया है. उधर डीएम वलकार सिंह ने गुप्ता से पल्ला झाड़ लिया है. तथापि मुरादाबाद में बंटी और बबली के नाम से मशहूर हो चुके श्री गुप्ता एवं श्रीमती गुप्ताइन के कारनामें बदस्तूर जारी हैं.
ज्ञातव्य है कि श्रीमती गुप्ताइन भी मुरादाबाद में ही आयकर विभाग में पदस्थ हैं. इसलिए गुप्ताइन की बदौलत गुप्ताजी की धाक मंडल के दायरे में आने वाले समस्त व्यापारियों सहित समकक्ष रेल अधिकारियों में भी खूव जमी हुई है. हर अधिकारी और प्रत्येक व्यापारी उनसे कोई पंगा इसलिए नहीं लेता कि कहीं गुप्ता जी उर्फ बंटी अपनी गुप्ताइन उर्फ बबली का धावा (आयकर का छापा) उस पर करवा दें. बताते हैं कि बंटी उर्फ गुप्ताजी दिल्ली में पोस्टिंग के दौरान लगातार एचआरए लेते रहे जबकि वह ट्रांजिस्ट आवास में रह रहे थे. सूत्रों का कहना है कि 9-10 महीने लगातार फर्जी एचआरए लेनेवाले 'बंटी' को अपनी 'बबली' से ज्यादा दूसरों की 'बबलियां' ज्यादा पसंद है. दिल्ली के कई अधिकारियों ने भी नाम उजागर करने की शर्त पर इन दोनों बातों की पुष्टि की है. तमाम शिकायतों एवं बंटी और बबली की अन्य गतिविधियों के बारे में विस्तार से पढ़ें अगले अंकों में...

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