Thursday 18 February, 2010

उज्जैन लॉबी का रनिंग स्टाफ आंदोलित

उज्जैन : 'रेलवे समाचार' के बार-बार आगाह करने और यूनियन की उज्जैन शाखा द्वारा 169 हस्ताक्षरयुक्त विरोध पत्र जीएम, सीएलई, सीईई एवं सीआरएसई को भेजने के बावजूद रतलाम मंडल के तानाशाह, जिद्दी, निरंकुश एवं रेलवे राजस्व की हानि करने पर तुले वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (..) ने उज्जैन चालक लॉबी के 10 मेल/ एक्सप्रेस पद स्थानांतरित कर इंदौर में नई लॉबी स्थापित कर ही दी.

जगह-जगह मितव्ययता का रोना रोने वाली रेलवे के अधिकारियों का यह कदम समझ से परे है. जब पिछले 60- 70 वर्षों से उज्जैन-इंदौर-उज्जैन खंड में उज्जैन का ही रनिंग स्टाफ सब तरहकी गाडिय़ां चलाता आया है तो फिर इंदौर में नया सीसीसी कार्यालय खोलने, वहां एटीएफआर नामक सफेद हाथी बैठाने, कम्प्यूटर स्थापित करने, क्लेरिकल स्टाफ पदस्थ करने तथा रतलाम-उज्जैन और महू से लोको पायलटों एवं सहायकों को इंदौर स्थानांतरित कर स्थानांतरण भत्ता देने से रेलवे का क्या और कितना फायदा या नुकसान होगा, यह शीशे की तरह स्पष्ट है. इससे यह भी साबित होता है कि इस किस्म के अधिकारी केवल अपनी सीआर आउटस्टैंडिंंग करवाने एवं रेलवे से नित नए अवार्ड लेने के चक्कर में जान-बूझकर उज्जैन लॉबी का वर्किंग पूरी तरह समाप्त करके और रनिंग स्टाफ को और अधिक मानसिक रूप से प्रताडि़त करने के पक्ष में हैं जबकि रेलवे के उच्च अधिकारी इस सब पर आंखें मूंदे बैठे हैं.

इससे भी अधिक आश्चर्य की बात है कि दोनों मान्यताप्राप्त संगठनों के नेता जैसे इस तानाशाह अधिकारी के पिछलग्गू बन कर रह गए हैं, जो बिना सोचे-समझे इस जिद्दी अधिकारी के हर बेतुके निर्णय पर अपनी मोहर लगा देते हैं. तथापि अब डब्ल्यूआरईयू की पहल पर प्रशासन ने इंदौर लॉबी के गठन कार्य फिलहाल स्थगित कर दिया है. परंतु उज्जैन का करीब 200 रनिंग स्टाफ इस मामले में बुरी तरह आंदोलित है. यदि रेल प्रशासन ने इंदौर लॉबी को स्थाई रूप से स्थगित नहीं किया और इसे कुछ समय बाद पुन: कार्य रूप में परिणित करने का प्रयास किया तो उज्जैन-इंदौर खंड में गाडिय़ों का परिचालन बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है.


पुणे-मंगलोर ट्रेन चलाने की मांग

मुंबई : श्रीमती शारदा भास्कर शेट्टी मेमोरियल ट्रस्ट, कल्याण के अध्यक्ष श्री भास्कर एस. शेट्टी ने रेलमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस/यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पुणे से मंगलोर वाया कल्याण-पनवेल ट्रेन चलाने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि पुणे, कल्याण, ठाणे, भिवंडी, पनवेल, मुंबई और आसपास लाखों दक्षिण भारतीय लोग रहते हैं, उनके लिए सिर्फ एक ट्रेन 2619 मत्स्यगंधा एक्सप्रेस कुर्ला टर्मिनस से मंगलोर के बीच चलाई जा रही है जो कि पछिले 12 वर्षों से एकामात्र गाड़ी है, जो लाखों दक्षिण भारतीयों के लिए सिर्फ अपर्याप्त है बल्कि उन्हें यात्रा में भारी परेशानी हो रही है. इसलिए पुणे-मंगलोर के बीच कल्याण-पनवेल होकर कोंकण रेलवे रूट से एक नई गाड़ी अविलंब चलाए जाने की मंजूरी दी जाए.

No comments: