रेल अधिकारी 'क्लब कल्चर' छोडें
रेल दुर्घटनाओं की सीबीआई से
आपराधिक जाँच कराई जायेगी
दुर्घटनाओं के लिए जीएम, डीआरएम्
और ब्रांच अफसरों को जिम्मेदार
ठहराया जाएगा
नई दिल्ली : मथुरा में हुई दो ट्रेनों की दहशतनाक टक्कर के तुंरत बाद ठाणे, मुंबई में २३ अक्तूबर को ट्रैक के ऊपर निर्माणाधीन पुल का गर्डर गिरने की हुई दर्दनाक घटना और लगातार ३०-३५ घंटों तक सभी ट्रेनों के बंद रहे आवागमन से मुंबई के लाखों दैनिक रेल यात्रियों की परेशानी को देखकर और शायद इससे होने वाली अपनी भारी आलोचना से बचने के मद्देनजर रेलमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने २३ अक्तूबर को ही आनन - फानन रेलवे बोर्ड पहुंचकर पुरे बोर्ड की इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर सभी अधिकारियों की लम्बी खिंचाई का डाली।
सूत्रों का कहना है की ममता ने अधिकारियों को सामानों की खरीद और आउट सोर्सिंग तथा टेंडर सिस्टम में अपनी कमीशनखोरी खत्म करने को कहा है। सूत्रों का तो यहाँ तक कहना है की ममता ने इसके लिए वास्तव में 'कट' जैसे टपोरियों की भाषा के शब्द का साफ़ इस्तेमाल किया जिससे ईमानदार अफसरों के होठों पर भी मुस्कराहट उभर आई, यह देखकर रेलमंत्री भी उनका मंतव्य समझकर हलके से मुस्कराए बिना नहीं रह सकीं।
रेलमंत्री के आदेश पर एक तरफ़ पैलेस ऑन व्हील्स का मजा ले रहे दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक श्री ए.के.जैन को उनकी छुट्टियाँ रद्द करके तुंरत वापस बुलाया गया तो दूसरी तरफ़ उनके और लालू के सबसे बड़े सिपहसालार रहे सीऍफ़टीएम्/द.पू.रे.श्री बी.डी.राय, जो की इस पड़ पर पिछले करीब ५ सालों से बिराजमान थे, को तुंरत प्रभाव से इस पद से हटा दिया गया है जिससे तमाम अफसरों के कलेजे को काफी ठंढक मिली है क्योंकि लालू वरदहस्त होने के कारण श्री राय अपनी मनमानियों के चलते बहुतों को अपना दुश्मन बना लिए थे।
उधर मथुरा के पास हुई ट्रेनों की टक्कर और उसमें दो दर्जन से ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराकर ममता ने आगरा मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री के.जी.त्रिपाठी को उनके पद से हटा देने का आदेश दिया है।
२३ अक्तूबर की इमरजेंसी बोर्ड मीटिंग में बताते हैं की रेलमंत्री ने न सिर्फ़ रेल अधिकारियों की सभी विदेश यात्राओं पर अगले एक साल तक के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया है बल्कि पिछले ५ वर्षों के दरम्यान जितने भी फ्रेट रेकों का एलाटमेंट हुआ है सभी की जाँच सीबीआई से कराने को कहा है। सूत्रों का कहना है की रेलमंत्री ने आउट ऑफ़ टर्न रेक एलाटमेंट की गलत परंपरा को तुंरत प्रभाव से रोक देने को कहा है.
रेल दुर्घटनाओं की सीबीआई से
आपराधिक जाँच कराई जायेगी
दुर्घटनाओं के लिए जीएम, डीआरएम्
और ब्रांच अफसरों को जिम्मेदार
ठहराया जाएगा
नई दिल्ली : मथुरा में हुई दो ट्रेनों की दहशतनाक टक्कर के तुंरत बाद ठाणे, मुंबई में २३ अक्तूबर को ट्रैक के ऊपर निर्माणाधीन पुल का गर्डर गिरने की हुई दर्दनाक घटना और लगातार ३०-३५ घंटों तक सभी ट्रेनों के बंद रहे आवागमन से मुंबई के लाखों दैनिक रेल यात्रियों की परेशानी को देखकर और शायद इससे होने वाली अपनी भारी आलोचना से बचने के मद्देनजर रेलमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने २३ अक्तूबर को ही आनन - फानन रेलवे बोर्ड पहुंचकर पुरे बोर्ड की इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर सभी अधिकारियों की लम्बी खिंचाई का डाली।
सूत्रों का कहना है की ममता ने अधिकारियों को सामानों की खरीद और आउट सोर्सिंग तथा टेंडर सिस्टम में अपनी कमीशनखोरी खत्म करने को कहा है। सूत्रों का तो यहाँ तक कहना है की ममता ने इसके लिए वास्तव में 'कट' जैसे टपोरियों की भाषा के शब्द का साफ़ इस्तेमाल किया जिससे ईमानदार अफसरों के होठों पर भी मुस्कराहट उभर आई, यह देखकर रेलमंत्री भी उनका मंतव्य समझकर हलके से मुस्कराए बिना नहीं रह सकीं।
रेलमंत्री के आदेश पर एक तरफ़ पैलेस ऑन व्हील्स का मजा ले रहे दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक श्री ए.के.जैन को उनकी छुट्टियाँ रद्द करके तुंरत वापस बुलाया गया तो दूसरी तरफ़ उनके और लालू के सबसे बड़े सिपहसालार रहे सीऍफ़टीएम्/द.पू.रे.श्री बी.डी.राय, जो की इस पड़ पर पिछले करीब ५ सालों से बिराजमान थे, को तुंरत प्रभाव से इस पद से हटा दिया गया है जिससे तमाम अफसरों के कलेजे को काफी ठंढक मिली है क्योंकि लालू वरदहस्त होने के कारण श्री राय अपनी मनमानियों के चलते बहुतों को अपना दुश्मन बना लिए थे।
उधर मथुरा के पास हुई ट्रेनों की टक्कर और उसमें दो दर्जन से ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराकर ममता ने आगरा मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री के.जी.त्रिपाठी को उनके पद से हटा देने का आदेश दिया है।
२३ अक्तूबर की इमरजेंसी बोर्ड मीटिंग में बताते हैं की रेलमंत्री ने न सिर्फ़ रेल अधिकारियों की सभी विदेश यात्राओं पर अगले एक साल तक के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया है बल्कि पिछले ५ वर्षों के दरम्यान जितने भी फ्रेट रेकों का एलाटमेंट हुआ है सभी की जाँच सीबीआई से कराने को कहा है। सूत्रों का कहना है की रेलमंत्री ने आउट ऑफ़ टर्न रेक एलाटमेंट की गलत परंपरा को तुंरत प्रभाव से रोक देने को कहा है.
2 comments:
Hon'able Rail.Minister is 100% right but the present beurocracy will not allow her to do any thing.Last time Mr.Nitish Kumar had also spoke on this and he was no more rail minister
Accountability of officers should be fixxed and this should reflect in their ACRs
Mr. Sudhir, I'm also fully agree with you.
Thanks
Regards
Tripathi
Post a Comment