Sunday 4 October, 2009

जीएम कांफ्रेंस में रेल मंत्री ममता बनर्जी
ने व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा

नयी दिल्ली : गत जीएम कांफ्रेंस, जो कि रेल भवन में 29-30 जुलाई को हुई थी, में रेलमंत्री ममता बनर्जी ने उपस्थितसभी जोनल महाप्रबंधकों को, बोर्ड मेंबरों से संपूर्ण रेल व्यवस्थापर आवश्यक ध्यान देने के लिए कहा. इस कांफ्रेंस में सभी जोनल एवं उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधकों सहित बोर्ड मेंबर और दोनों रेल राज्यमंत्री एवं सभी मान्यता प्राप्त फेडरेशनों के पदाधिकारीगण उपस्थित थे. जीएम कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए रेल मंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे के विकास एवं प्रगति के साथ-साथ 'आम आदमी' की सुरक्षा एवं संरक्षा का ख्याल रखने, साफ-सफाई को बढ़ावा देने, जन सुविधाओं, आय और माल लोडिंग में वृद्धि करने सहित स्टाफ के कल्याण का ध्यान रखने और रेल बजट में घोषित वादों को पूरा करने पर जोर दिया. उन्होंने सीआरबी और बोर्ड मेंबरों सहित महाप्रबंधकों को निर्देश देते हुए कहा कि लक्ष्य को पूरा करने के साथ ही समय पालन और बजट में घोषित वादों विशेष रूप से दूरंतो ट्रेनों के चलाने सहित मॉडल स्टेशनों और वल्र्ड क्लास स्टेशनों के निर्माण आदि पर विशेष ध्यान देने को कहा.
एआईआरएफ के महासचिव कॉ. शिवगोपाल मिश्रा ने एआईआरएफ के प्रस्ताव पर मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग इंस्टीट्यूट खोले जाने, ग्रुप 'डी' कर्मचारियों के बच्चों को स्कालरशिप मंजूर करने, रेलवे क्वार्टरों की मरम्मत और मरीजों के रिश्तेदारों को डोरमेट्रो उपलब्ध कराने के लिए रेल मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि बजट में घोषित इंजीनियरिंग कॉलेज, वोकेशनल इंस्टीट्यूट और कल्चरल स्कूल खोले जाने के वादों को भी यदि शीघ्र पूरा कर दिया जाए तो रेल कर्मियों के बच्चों को बेहतर उच्च शिक्षा मुहैया कराने में आसानी हो जाएगी.
कॉ. मिश्रा ने 6वें वेतन आयोग की विसंगतियों खास तौर पर सहायक लोको पायलट, एएसएम, टेक्नीशियंस, मिनिस्टीरियल एवं अन्य कर्मचारियों की ग्रेड पे का मामला उठाते हुएह कहा कि इनकी ग्रेड पे कम से कम 2800 और एसई/एसएसई की 4600 होनी चाहिए. यह मामला शीघ्र हल होना चाहिए. उन्होंने रेल मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि पे स्ट्रक्चर रिप्लेसमेंट के लिए जो कमेटी गठित हुई है, उसने कुछ सिफारिशें की हैं, मगर उसकी यह सिफारिशें अभी तक लागू नहीं हो पाई हैं. उन्होंने रेल मंत्री से इन पर अविलंब ध्यान देने का अनुरोध किया. कॉ. मिश्रा ने रेल मंत्री से 'सेफ्टी रिलेटेड वालंटरी रिटायरमेंट स्कीम' को और उदार बनाने का भी अनुरोध किया और कहा कि इससे जो कर्मचारी काम करने में अक्षम हो गए हैं, उनकी जगह उनके बच्चों को नौकरी दी जा सकेगी. उन्होंने यह भी कहा कि जो रेलवे क्वार्टर्स रिपेयरिंग के लायक भी नहीं रह गए हैं, उन्हें गिराकर उनकी जगह सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए क्वार्टर्स का निर्माण कराया जाना चाहिए.
कॉ. मिश्रा ने सेलेक्शन/क्लासिफिकेशन और मॉडिफाई प्रोसीजर के तहत पिछले दो वर्षों से वैकेंसीज के नहीं भरे जाने का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने रेल मंत्री से अनुरोध किया कि इस पर तुरंत ध्यान दिया जाए तथा रेलवे बोर्ड को आदेश दें कि इसके आर्डर तुरंत जारी किए जाएं. उन्होंने सुझाव दिया कि सीएसबीएफ प्रमुखों का निर्णय रेलवे बोर्ड स्तर के बजाय महाप्रबंधक स्तर पर स्टाफ साइड की सलाह से हो तो ज्यादा बेहतर होगा.
उन्होंने कैटरिंग सर्विसेस को पुन: रेलवे के तहत लाए जाने की भी मांग की. उन्होंने बिना यूनियनों/फेडरेशनों को विश्वास में लिए ट्रेनिंग प्रोग्रामों और विषयों में व्यापक बदलाव किए जाने पर भी अपना विरोध जताया. उन्होंने इंटर रेलवे ट्रांसफर के लिए न्यूनतम समय अवधि 5 साल से घटाकर दो साल करने की मांग की. कॉ. मिश्रा ने महाप्रबंधकों से अनुरोध किया कि जिन कर्मचारियों ने रेलवे कोच फैक्टरी रायबरेली, लोको फैक्टरी मधेपुरा और न्यू ओएचई इंस्टालेशन में जाने का ऑप्शन दिया है, उनके आवेदनों को त्वरित गति से फारवर्ड किया जाए. उन्होंने कर्मचारियों को रिवाइज्ड रेट से ओवरटाइम एवं इंसेंटिव्स देने की भी मांग की. अंत में उन्होंने रेलमंत्री से अनुरोध किया कि खाली पड़े एक लाख पदों पर भर्ती के लिए क्रेश प्रोग्राम चलाया जाए और नयी संपत्तियों के लिए पदों के सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.

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