Sunday 4 October, 2009

मृत महिला कर्मी का फाइनल सेटलमेंट नहीं मिला

बुरहानपुर: आईओडब्ल्यू/बुरहानपुर के मातहत कार्यरत रही महिला खलासी लक्ष्मीबाई बलीराम की मृत्यु हुए करीब 8 महीने से ज्यादा हो गये है परंतु आज तक उसके परिवार को लक्ष्मीबाई की सर्विस का फाइनल सेटलमेंट आदि नहीं मिल पाया है. इसके लिए उसका परिवार (बेटा-बहु आदि) भुसावल मंडल कार्यालय और आईओडब्ल्यू कार्यालय के चक्कर लगा-लगाकर थक चुके है. मगर संबोधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. यहां के कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे में इसी तरह छोटे कर्मचारियों के साथ लगातार अन्याय किया जाना है. मगर रेल संगठनों के पदाधिकारीयों सहित कर्मचारी कल्याण अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं देते हैं.

पानी का अपव्यय
विद्युत वाटर पंप का संचालन कुछ शराबी एवं आयोग्य कर्मचारियों को सौंपे जाने से यहा बड़े पैमाने पर पीने के पानी का अपव्यय हो रहा है. हजारों लीटर पानी व्यर्थ में रोजाना बह रहा है जब कि मनमाड़ आदि में ईद के मौके
पर भी पानी नहीं छोड़े जाने से स्थानीय रेल कर्मियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा कर्मचारियों का कहना है कि आईओ-डब्ल्यू ने पूछने पर कहा कि डीआरएम के आदेश हैं कि पहले गाडिय़ों में पानी सप्लाई सुनिश्चित की
जाये, बाकी रेल कालोनियों को पानी मिले या मिले. जबकि बुरहानपुर में हजारों लीटर पानी रोजाना व्यर्थ बहाया जा रहा है और आईओडब्ल्यू को इसकी कोई फिक्र नहीं है.

प्लेटफार्म पर लाइट नहीं
रात के समय बुरहानपुर रेलवे स्टेशन पर लाइटें नहीं जलने से यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है. यात्रियों की सुविधा हेतु प्लेटफार्मोंपर लगाये गये हाईलोजन लैम्प भी नहीं जलते हैं. स्टेशन पर कार्यरत कर्मचारियों का कहना है किये लैम्प हमेशा बंद पड़े रहते हैं. पर्यारत रोशनी होने के कारण उन्हें भी भारी परेशानी होती है. परंतु विद्युत कर्मचारी कहने के बावजूद इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं. उन्होने बताया कि इस संबध मंडल कार्यालय को भी लिखा गया है परंतु अब तक इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है. कर्मचारियों का कहना है कि स्टेशन पर स्थाई रूप से विद्युत कर्मियों की नियुक्ति की जानीचाहिए

अवैध कब्जा
बुरहानपुर स्टेशन और रेलवे आवासों के आसपास कुछ रेलकर्मियों एवं बाहरी तत्वों द्वारा अवैध कब्जा किया गया है परंतु आईओडब्ल्यू ने इस तरफ से अपनी आंखे बंद कर रखी है. यहां रेलवे आवास क्रमांक के-4 एवं-3 के बीच एक खलासी ने ही अवैध रुप से झोपड़ी बना डाली है जबकि यह आईओडब्ल्यू खलासी रोजाना सावदा से आता-जाता है जबकि उसके आने-जाने का भी कोई निर्धारित समय नहीं है मगर आईओडब्ल्यू की मिलीभगत ऐसे कई कर्मचारी मौज कर रहे हैं क्योंकि उनकी हाजिरी रोजाना समय पर आईओडब्ल्यू द्वारा लगा दी जाती है. कर्मचारियों ने इन तमाम अनियमितताओं पर मंडल कार्यालय का ध्यान आकर्षित किया है.

रेलप्रशासन ने गलती सुधारी
मुंबई : रेलवे बोर्ड विजिलेंस द्वारा 26 सितंबर 2007 को मुंबई सेंट्रल aarakshana केंद्र में किए गये एक प्रीवेंटिव चेक के दौरान एआरएल सुधीर राउत को एक अधिकृत एजेंट से एक से ज्यादा (दो)आरक्षण फार्म एक साथ लिए जाने संबंधी मामूली गलती के लिए मेजर पेनाल्टी चार्जशीट (एसएफ-5) के साथ मुंबई से भावनगर मंडल में ट्रांसफर किए जाने का कड़ा दंड दिया गया था. जबकि श्री राउत द्वारा तो जानबूझकर यह गलती की गई थी और ही इसके बाद उनका कोई निहित उद्देश्य था.
इस संबंध में वे रे. . पू. द्वारा मुख्यालय पीएनएम में रेलवे बोर्ड के पत्र सं. (डीएंडए) 2004 / आरजी/ 6-14 दि. 2.7.04 का हवाला देते हुए यह मुद्दा उठाया गया जिसमें ऐसी मामूली गलतियों अथवा प्रक्रियागत खामियों में कार्रवाई संबंधी प्रक्रिया का व्यापक उल्लेख किया गया है. यूनियन ने बोर्ड के हवाले से श्री राउत के इंटरडिवीजन ट्रांसफर को पूरी तरह गलत साबित किया और कहा कि इससे संबंधित कर्मचारी और उनके परिवार को भारी
मुसीबतों का सामना करना पड़ा. प्रशासन या विजिंलेंस को ऐसी गलतियों से बचना चाहिए. यूनियन के इस हस्तक्षेप से .रे. प्रशासन ने अपनी गलती को सुधारते हुए श्री राउत का ट्रांसफर वापस भावनगर से मुंबई करने संबंधी पत्रांक ईसी /839/4/ट्रांसफर, दि. 22. 07. 09 जारी कर दिया.

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