Tuesday 7 July, 2009

भुसावल इंजी. विभाग द्वारा ज्वलनशील पदार्थों का उपयोग

भुसावल. रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर भुसावल मंडल में टच एन्ड फील के नाम पर कार्यालय के निर्माण कार्यों में ज्वलनशील पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है. जिससे सेफ्टी को खतरा बढ़ रहा है.

बजाज इनोवेशन कंपनी नागपुर द्वारा उत्पादित एनएस आइटम नं 8 से 15 जो कि पीवीसी आइटम है तथा इसका उत्पादन संपूर्ण भारत में यही कंपनी करती है. क्योंकि यह आइटम ज्वलनशील पदार्थों से बना है. परंतु रेलवे में करोड़ों रु. का यह मटेरियल टच एन्ड फील के नाम पर खपाकर कंपनी को फेवर किया जा रहा है.

भुसावल डीआरएम कार्यालय में विभिन्न विभागों में यह आइटम सीलिंग बनाने हेतु धड़ल्ले से उपयोग में लाया जा रहा है. रेलवे बोर्ड के पत्र संख्या नं. 88/इले/113/5 दि. 5/7/88 के अनुसार इस प्रकार के ज्वलनशील पदार्थों का उपयोग किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए निषिद्ध किया गया है. डीआरएम भुसावल कार्यालय में लकड़ी से बने कई सामान हैं. इस कार्यालय में इन ज्वलनशील सामानों का उपयोग होने के कारण बिजली का शॉर्ट सर्किट होकर बड़ा नुकसान होने की संभावना है. उल्लेखनीय है कि लगभग 4 वर्ष पूर्व शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने से एकाऊंट्स कार्यालय/भुसावल पूरी तरह जल गया था. भुसावल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग में मनमानी ढंग से चल रहे इस कार्य की जांच कराने की मांग यहां हो रही है.

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एमओएच-पीओएच से कॉपर की चोरी

भुसावल. मंडल स्थित एमओएच-पीओएच डिपो से आरपीएफ की मिलीभगत से कॉपर सहित भंगार की बड़े पैमाने पर चोरी हो रही है. सूत्रों का कहना है कि कॉपर एवं भंगार की चोरी हेतु यहां पर कार्यरत कुछ आरपीएफ अधिकारी एवं जवान पार्टनरशिप कर चोरों को खुद बुलाते हैं. चोरी करने से लेकर उस सामान का वजन करके देने तक उनकी उपस्थिति रहती है. चोरी के मार्ग से आनेवाले पैसे की फिर बंदरबांट की जाती है. सूत्रों के अनुसार इससे पूर्व यहां पर कई चोरियों के मामले रफा-दफा कर दिये गये हैं. सूत्रों का यह भी कहना है कि किसी वरिष्ठ अधिकारी की जानकारी में मामला आने पर आनन-फानन में चोरी करनेवाले पर मामला बना दिया जाता है. रक्षक ही भक्षक बनने की बात यहां पर सच साबित हो रही है. वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच की मांग हो रही है.

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बर्दवान-कटवा ब्राडगेज परियोजना

कोलकाता : बर्दवान-कटवा नैरोगेज रेल लाइन पर पहले 5 जोड़ी ट्रेनें चलती थीं, जिनकी गति लगभग 25 किमी. प्रति घन्टा हुआ करती थी. वर्तमान में इस खण्ड पर केवल चार जोड़ी ट्रेनें चल रही हैं, जिनकी औसत गति 15 किमी. प्रति घंटा है. ट्रेनों की कमी और गति में गिरावट कोढ़ में खाज को चरितार्थ कर रही है. इस 'लूप लाइनÓ से यात्रा करने वाले लोग काफी त्रस्त एवं उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. संसद में माकपा सदस्यों ने भी इस नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने की गुहार लगायी थी. स्थानीय जनता और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलन्द की थी. काफी मशक्कत के बाद पूर्व रेल मंत्री ने 30 जून 2007 को इस आमान परिवर्तन परियोजना का शिलान्यास किया गया था. पता चला है कि इसका सर्वे हो चुका है, परन्तु यह परियोजना अभी तक अधर में ही लटकी है. इस पर कार्य अभी प्रारम्भ नहीं हो पाया है.

तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के रेलमंत्री बनने पर इस क्षेत्र की जनता और इस रेल खण्ड पर यात्रा करने वाले लोग आशान्वित हैं कि अब इस परियोजना के दिन लौटेंगे. जल्दी ही नैरो गेज के बदले ब्रॉडगेज की गाडिय़ां इस रेलखण्ड पर द्रुतगति से चलेंगी. जिससे यात्रा आरामदायक और समय की बचत होगी. उम्मीद है कि रेल मंत्री ममता बनर्जी इस रेल खण्ड की समस्या से लोगों को निजात दिलायेंगी क्योंकि वही इस क्षेत्र की समस्याओं से पूरी तरह परिचित हैं. इस क्षेत्र की जनता को भी उम्मीद है कि उनकी ममता दीदी इन परियोजनाओं को शीघ्र प्रारम्भ करवा देंगी और समय पर उन्हें पूरा कराकर अपनी क्षमता का परिचय देंगी.

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पूर्व रेलवे की आय में वृद्धि

कोलकाता : पूर्व रेलवे की आय में पिछले साल की अपेक्षा चालू वर्ष 2009-10 की प्रथम तिमाही में 13.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसकी जानकारी यहां पूर्व रेलवे की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञाप्ति में दी गई है. विज्ञाप्ति के अनुसार, इस वर्ष के प्रथम दो माह अप्रैल-मई में पूर्व रेलवे ने 743.07 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जो पिछले साल के समान अवधि की आय से 13.71 प्रतिशत अधिक है. इस आय में यात्रियों से 212.98 करोड़ रुपये और माल ढुलाई से 502.08 करोड़ रुपयों की आय प्राप्त हुई है. विज्ञाप्ति में यह भी बताया गया कि यात्रियों की सुविधा हेतु इन दो महीनों में पूर्व रेलवे की ओर से कई कदम उठाये गये, जैसे- डबल लाइन करने, ट्रेनों की बारंबारता बढ़ाने, विशेष ट्रेनें चलाने सहित अन्य सुविधायें शामिल हैं. विज्ञप्ति के मुताबिक इस दौरान 56 लम्बी दूरी की ट्रेनें चलाई गयीं. साथ ही कई ट्रेनों की बारंबारता (फेरी) बढ़ाई गयी. विज्ञाप्ति में बताया गया है कि पूर्व रेलवे की सियालदह दक्षिण शाखा में धपधपी व दक्षिण बारासात के बीच 10.45 किमी. डबल लाइन का निर्माण किया गया. इसके साथ ही राज्य के 9 स्टेशनों पर कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण केंद्र खोले गये हैं.

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