Tuesday 7 July, 2009

रेलवे में फर्जी भर्ती मामले में

दो सैन्यकर्मियों को गिरफ्तार

किया सीबीआई ने

नयी दिल्ली : भारतीय रेल में फर्जी भर्ती के मामले में सीबीआई ने सेना के दो कर्मियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि एक गुप्त सूचना के आधार पर जयपुर की सीबीआई टीम ने जोधपुर-दिल्ली मंदौर एक्सप्रेस में चार लोगों को रोका और उनके पास से 6 लाख रुपए बरामद किया.

प्रवक्ता ने कहा कि दोनों ने खुलासा किया कि जब्त की गई राशि का कुछ हिस्सा उनका था जबकि कुछ उम्मीदवारों से इका किया गया था. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि रेलवे में टिकट संग्राहक के रूप में चयन के लिए इस धन को एक दलाल को दिया जाना था, जो सेना का कर्मचारी है. प्रवक्ता ने कहा कि दलाल की दिल्ली में रेलवे के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से सांठगांठ है. उसने दोनों से कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पहुंचने के बाद वह उनसे मोबाइल पर संपर्क करे.

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अब यात्रियों को मिलेगा 'यूज एंड थ्रो' लिनन

त्रिचुरापल्ली (तमिलनाडु) : दक्षिण रेलवे जल्दी ही यात्रियों को जैविक रूप से अपघटनीय बिस्तर उपलब्ध कराएगा. दक्षिण रेलवे के प्रमुख मैकेनिकल इंजीनियर वी. कार्मेलस ने बताया कि परीक्षण के तौर पर शुरुआत में ऐसे बिस्तर चेन्नई-मदुरै पांडियन एक्सप्रेस ट्रेन के वातानुकूलित कोच के यात्रियों को दिए जाएंगे, जो जैविक रूप से अपघटनीय और आसानी से नष्ट करने योग्य होंगे.

उन्होंने बताया कि शुरुआत में दो चादरें और एक तकिया देने की योजना है. यात्रियों से मिलने उनके अनुभवों के आधार पर योजना को दूसरी ट्रेनों में लागू किया जाएगा. प्रस्ताव के अनुसार बिस्तर एक थैले में लिपटे होंगे, जिन पर लिखा होगा, कृपया इसे घर ले जाएं अथवा नष्ट कर दें. उन्होंने बताया कि वर्तमान में आपूर्ति किए जाने वाले लगभग 20 फीसदी बिस्तर वापस नहीं मिलते. कार्मेलस ने बताया कि नई योजना से उन यात्रियों की शिकायत भी दूर हो जाएगी, जो रेलवे द्वारा दिए गए बिस्तर उपयोग नहीं करना चाहते. रेलवे को विश्वास है कि नई योजना यात्रियों के बीच लोकप्रिय होगी, हालांकि इससे रेलवे पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा.

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रेलवे और टकराव

ममता बनर्जी की ख्याति हठी, संघर्षशील और 'एकला चलो रे' मिजाज वाली राजनेता की है. इसीलिए खास तौर पर पश्चिम बंगाल की जनता को उनसे काफी उम्मीदें हैं और कई विश£ेषकों का मानना है कि इस लोकसभा चुनाव की सफलता को अगले विधानभा चुनाव में दोहरा कर वे राज्य में चिर-प्रतीक्षित सत्ता परिवर्तन को आकार दे सकती हैं. जाहिर है कि अगले दो साल उनके राजनीतिक भविष्य के लिए निर्णायक महत्व के हैं. इस बीच बतौर राजनेता उनसे कहीं ज्यादा संतुलन और दूरदर्शिता की अपेक्षा की जाती है. रेल मंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी किसी न किसी रेलवे संबंधी निर्णय की वजह से लगातार चर्चा में हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश, इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनमें पिछले रेल मंत्री से खुन्नस निकालने का भाव नजर आता है. रोजाना 100 किलोमीटर तक की यात्रा करने वाले अत्यंत गरीब रेलयात्रियों के लिए 20 रुपए महीने का रेलवे पास पिछले रेल मंत्री लालू यादव की तमाम गरीब समर्थक योजनाओं की अगली कड़ी माना जा सकता है. लेकिन रेलवे की जमीन का अतिक्रमण हटाने गए अधिकारियों का ममता के निजी आदेश पर तबादला, रेलवे को मुनाफे में लाने के उपायों को वाणिज्यिक हितों से संचालित बताकर इनका संतुलन जनहितकारी योजनाओं से बिठाने की बात कहना और पूर्व रेल मंत्रियों और उनके सहायकों के लिए आजीवन पास जारी करने संबधी लालू यादव के अंतिम फैसले को पलटने का इरादा जाहिर करना यही बताता है कि ममता बनर्जी के सबक सिखाऊ एजेंडे पर सीपीएम के अलावा लालू यादव भी हैं. इसकी कई वजहें हो सकती हैं. बतौर रेल मंत्री लालू यादव के कुछ फैसले ममता बनर्जी को काफी नागवार गुजरे थे और उन पर पश्चिम बंगाल में उन्होंने बड़े आंदोलन भी किए थे. लेकिन समय बीतने के साथ पुरानी कटुताएं भुला देने की कला ममता बनर्जी अब नहीं तो आखिर कब सीखेंगी? भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक उपक्रम है. करोड़ों लोगों, अरबों टन सामानों के यातायात के अलावा लाखों परिवारों की रोजी-रोटी भी इससे चलती है. इतने बड़े संस्थान के संचालन में अगर नए और पुराने रेलमंत्रियों के अहं का टकराव थोड़ी भी भूमिका निभाने लगा तो इससे देश का बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है. ममता बनर्जी को यह भी समझना होगा कि उनकी सरकार पिछली यूपीए सरकार का ही जारी रूप है और जनता ने इसकी पिछली नीतियों पर सहमति की मुहर लगाकर ही इसे पहले से बड़ा जनादेश दिया है. ऐसे में उन्हें बतौर रेलमंत्री अपनी छाप पिछली सफल नीतियों का खंडन करके नहीं बल्कि उनके बेहतर क्रियान्वयन के जरिए छोडऩी चाहिए.

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सुरक्षित और प्रभावी होगी चालक प्रबंधन प्रणाली

नयी दिल्ली : ट्रेन के चालकों एवं गार्ड समेत चालक दल के अन्य सदस्यों के ड्यूटी कक्ष (क्रू लॉबी) को अत्याधुनिक कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से लैस किया जा रहा है ताकि ट्रेनों का सुगम परिचालन और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके. ट्रेन के चालकों और गार्डों की कार्यक्षमता में वृद्धि के लिए 300 ड्यूटी कक्षों को चालक प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) से लैस करने का प्रस्ताव किया गया है. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी 288 ड्यूटी कक्षों के तहत 88,000 चालक दल के सदस्य आते हैं और हमें उम्मीद है कि संपूर्ण प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी.

उल्लेखनीय है कि क्रू लॉबी (ड्यूटी कक्ष) एक ऐसा स्थान है जहां चालकों को ड्यूटी का आवंटन किया जाता है तथा उनके रोस्टर के ब्यौरे और काम के घंटे को व्यवस्थित रूप से रखा जाता है.

सीएमएस से काम के घंटों के नियमन में मदद मिलेगी तथा उनकी थकान की शिकायतें दूर की जा सकेंगी. उन्होंने कहा कि चालकों की कार्यक्षमता में वृद्धि से ट्रेन परिचालन क्षमता और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.

चालक दल को बायोमेट्रिक प्रणाली से लैस किया जा रहा है ताकि ड्यूटी पर रिपोर्ट करने में किसी प्रकार की गलती को रोका जा सके. रेल मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसका अर्थ यह है कि जिस चालक का नाम ड्यूटी चार्ट पर अंकित है, उसके अलावा कोई दूसरा ट्रेन नहीं चला सकेगा जैसा कि कुछ महीने पहले नई दिल्ली और कानपुर के बीच सुपरफास्ट ट्रेन के परिचालन में देखने को मिला था. उल्लेखनीय है कि चालक प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) को लागू करने की मंजूरी 2006 में ही दी गई थी.

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विकलांगों के लिए बनेंगे विशेष सुविधाओं से लैस रेलवे स्टेशन

नयी दिल्ली : शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने देश में 1,500 स्टेशनों पर विशेष सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय किया है. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए एक्सेस रैंप, आरक्षित पार्किंग स्थल, निम्न ऊंचाई के नल और टायलट चरणबद्ध तरीके से विकसित किए जाएंगे. अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में फैसला रेलवे बोर्ड ने किया है. इस उद्देश्य के लिए 1,560 स्टेशनों की पहचान की है. ये सभी स्टेशन 'बी' श्रेणी के स्टेशन हैं जो राज्यों की राजधानी और महत्वपूर्ण शहरों में स्थित हैं. अधिकारी के अनुसार यह काम 2010 तक पूरा हो जाएगा. रेल नेटवर्क 16 जोन में फैला है और इस पर 7000 स्टेशन हैं. अधिकारी ने बताया कि बोर्ड ने 'क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूं' बूथ बनाने का भी फैसला किया है जो ऐसे लोगों की मदद करेगा. विकलांगों के लिए गैर फिसलन वाले रास्ते और नेत्रहीनों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी.

उन्होंने बताया कि मुंबई, दिल्ली, हावड़ा, चेन्नई, बेंगलूर, पुणे और हैदराबाद जैसे व्यस्त जंक्शनों और ए-1 और ए श्रेणी के स्टेशनों पर इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध है. इस प्रकार की सुविधा कुछ और महत्वपूर्ण स्टेशनों पर उपलब्ध है. अधिकारी ने कहा कि हमें शारीरिक रूप से विकलांगों के अनुरोध मिले हैं, जिसमें उनके अनुकूल सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई है. हम उनकी जरूरतों को ध्यान में रखकर कुछ और कदम उठाएंगे. इस बारे में संपर्क किए जाने पर नेत्रहीन एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनिल अनेजा ने कहा कि यह स्वागतयोग्य कदम है. इससे रेलवे की आय में बढ़ोतरी होगी. हम सभी स्टेशनों पर इस प्रकार की सुविधा चाहते हैं.

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आरपीएफ को मिलेंगी एके-47 और मशीनगन

नयी दिल्ली : ट्रेनों पर बढ़ रहे नक्सली और आतंकी हमलों को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने अत्याधुनिक हथियार सुरक्षा उपकरण तथा वाहन आदि खरीदने के लिए 81 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं. इन हथियारों और उपकरणों के आने के बाद रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की मारक क्षमता काफी बढ़ जाएगी.

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 67 करोड़ रुपए हथियारों और उपकरणों के लिए स्वीकृत किए गए हैं. इनसे 3000 एके-47 राइफलें, एक हजार इन्सास राइफलें, 100 लाइट मशीनगन तथा सुरक्षा संबंधी अन्य उपकरण खरीदे जाएंगे, जबकि 14 करोड़ 26 लाख रुपए आरपीएफ अफसरों एवं जवानों के लिए वाहन खरीदने के लिए स्वीकृत किए गए हैं.

उक्त अधिकारी के अनुसार देश के 100 प्रमुख एवं संवेदनशील रेलवे स्टेश्नों पर बम निरोधक दस्ता तैनात करने पर भी विचार चल रहा है. इन स्टेशनों पर क्लोज सर्किट कैमरे एक्सरे मशीनें एवं अन्य आवश्यक उपकरण तो लगाए ही जाएंगे. पहले चरण में महानगरों के स्टेशनों को लिया जाएगा. दूसरे चरण में देश के अन्य प्रमुख स्टेशन लिए जाएंगे. यह 81 करोड़ रुपए की राशि उस 400 करोड़ की राशि से अलग है जो 'एकीकृत सुरक्षा प्रणाली' के लिए स्वीकृत की गई है. इस योजना के तहत वर्तमान निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि आरपीएफ में 25 हजार जवानों की भर्ती की घोषणा भी हो चुकी है.

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साकेत एक्सप्रेस के यात्री लुटे

मुंबई : मुंबई से गोरखपुर जा रही हॉलीडे एक्सप्रेस में शुक्रवार 12 जून को ही लूट की घटना दूसरे दिन ही शनिवार 13 जून को भुसावल नाकोड़ा स्टेशन के बीच लगभग आधा दर्जन बदमाशों ने कुर्ला से फैजाबाद जा रही साकेत एक्सप्रेस में यात्रियों से लूटपाट कर हजारों रुपए छीन लिए. साकेत एक्सप्रेस में लुटे यात्रियों द्वारा खंडवा रेलवे पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि साकेत एक्सप्रेस की जनरल बोगी में भुसावल से लगभग सात लुटेरे मुंह पर पट्टïा बांधे घुसे और उन्होंने हथियारों का भय दिखाकर यात्रियों के साथ लूटपाट शुरू कर दी. लूटपाट के बाद ये लुटेरे बागोडा स्टेशन आने से पहले ही ट्रेन से कूदकर फरार हो गए. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार 12 जून को भी लगभग आधा दर्जन लुटेरों ने भुसावल के पास हथियारों का भय दिखाकर जनरल बोगी से लगभग सवा लाख रुपए की नकदी और जेवरात लूट लिए थे.

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लालू के परिजन से वापस मांगी गई भूमि मुआवजे की राशि

पटना : बिहार के गोपालगंज जिले के फुलवरिया रेलवे स्टेशन के निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि के एवज में पूर्व रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के रिश्तेदारों को दी गई राशि को वापस करने को कहा गया है. गोपालगंज जिले के भूमि अधिग्रहण अधिकारी सुधीर कुमार सिंह ने गत चार जून को एक आदेश जारी कर लालू के रिश्तेदारों को पूर्व में आवंटित भूखंड को निरस्त करते हुए उन्हें रेलवे से उसके लिए मिली मुआवजा राशि को वापस करने को कहा है.

बिहार में राजद के शासनकाल के दौरान लालू के पैतृक गांव फुलवरिया में वर्ष 2004 में जिला प्रशासन द्वारा भूमिहीन, अन्य पिछड़ी जाति के लोगों के बीच सरकार द्वारा वितरित किए जाने वाले भूखंडों में से अस्सी डिस्मल भूखंड का पर्चा उनके बड़े भाई गुलाब यादव की पत्नी कुंती देवी के नाम आवंटित किया गया था. इसी प्रकार राजद सुप्रीमो लालू यादव के भतीजे रामानंद यादव के पुत्र सुरेश यादव के नाम भी उसी भूखंड के समीप 40 डिस्मल का एक भूखंड आवंटित किया गया था. यह मामला लालू के रेल मंत्रित्व के दौरान उस समय प्रकाश में आया जब रेलवे की एक परियोजना को लेकर अधिग्रहित उनकी भूमि के एवज में उन्हें मुआवजा राशि नहीं दिए जाने पर उनके द्वारा इसकी मांग की गई.

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कोंकण कन्या एक्स. से 4 लोगों को नीचे फेंका गया

नवी मुंबई : मुंबई से गोवा जाने वाली कोंकणकन्या एक्सप्रेस ट्रेन में 12 जून की रात कुछ लोगों ने चार बिहारी युवकों को चलती गाड़ी से नीचे फेंक दिया. बताया जाता है कि सीट को लेकर कुछ यात्रियों में शुरू हुआ विवाद देखते-ही-देखते मराठी-बिहारी वाद में बदल गया. घटना के बाद बोगी में बैठे अन्य यात्रियों में आतंक फैल गया. इस बीच किसी ने ट्रेन की चेन खींच दी. ट्रेन धीमी होते ही आठ यात्री नीचे कूद गए. माणगांव स्टेशन के पास रेल पुलिस ने पांच लोगों को पकड़ लिया व उन्हें रोहा पुलिस के हवाले कर दिया. रोहा पुलिस ने पांचों के बयान ले लिए हैं. घायलों को रोहा ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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लोकल चलाने का मध्य रेल का रिकार्ड सुधरा

मुंबई : मध्य रेल के खाते में जो सबसे बड़ी उपलब्धि आई है वो ये कि इसकी लोकल ट्रेनों की पंक्चुअलिटी ने अपने इतिहास में पहली बार 97 प्रतिशत का बैरियर पार कर लिया है. मई महीने में लोकल ट्रेनों की पंक्चुअलिटी का प्रतिशत 97.6 रहा. इसका तात्पर्य यह है कि 97.6 मामलों में लोकल अपने नियत समय पर पहुंची और रवाना हुई. अप्रैल 09 में लोकल ट्रेनों की पंक्चुअलिटी का यह प्रतिशत 96.7 रहा. मध्य रेल की सफलता का कारण बताते हुए प्रवक्ता ए. के. सिंह का कहना है कि दरअसल यह ऑपरेटिंग, मैकेनिकल और वर्कशॉप के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच के अच्छे तालमेल का परिणाम है. श्री सिंह ने बताया कि मध्य रेल के लिए यात्रियों की 'सुरक्षा' और 'सुविधा' का सबसे बड़ी प्राथमिकता है और खुशी की बात यह है कि हम इसमें कामयाब हो रहे हैं.

अप्रैल-मई महीने में ढोये दुगुने यात्री

मध्य रेल ने इस साल समर स्पेशल ट्रेनों के जरिए लंबी दूरी के यात्रियों को उनके गंतव्य तक ले जाने में उल्लेखनीय सफलता पाई है. इस साल इसने अप्रैल-मई महीने में कुल 10.86 लाख यात्रयों को समर स्पेशल ट्रेनों के जरिए ढोया. पिछले साल इसने महज 5.34 लाख यात्रियों को ढोया था. पिछले साल की तुलना में दुगुने से भी ज्यादा (103 प्र.श.) की वृद्धि हुई है, जो अब तक का रिकार्ड है. इस साल के पीक सीजन के अप्रैल-मई महीने में इसने 1970 समर स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जबकि पिछले साल 844 ट्रेनें चलाई गई थीं. मध्य रेल ने इन यात्रियों को ढोने के लिहाज से अपनी आमदनी भी अच्छी खासी बढ़ा ली है. पिछले साल जहां इसने समर स्पेशल ट्रेनों से 16.66 करोड़ रुपए कमाए थे, इस साल इसने 29.89 करोड़ रुपए की कमाई की है, यह भी अब तक का एक रिकार्ड है. आमदनी में हुई यह वृद्धि पिछले साल की अपेक्षा 79 प्रतिशत ज्यादा है.

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