Wednesday, 20 May 2009

सुरक्षा रक्षक ही बने हुए हैं यात्रियों के भक्षक
कुर्ला टर्मिनस पर आरपीएफ की लूट
मुंबई : मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री बी. बी. मोदगिल ने मुंबई के उन स्टेशनों को सुधारने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी जहां यात्रियों से पैसा वसूली-लूटमार के लिए आरपीएफ के जवान किसी भी हद तक घिनौनी हरकतें करते हैं. जीएम ने तीन तीन बैच बनाकर तमाम इंतजाम किए लेकिन आरपीएफ के जवान मौका पाते ही परप्रांतीय यात्रियों से येन-केन प्रकारेण अवैध वसूली करने से नहीं चूक रहे हैं.
तमाम मुस्तैदी के बावजूद 7 मई को आरपीएफ ने फिर लूट की अपनी पुरानी हरकत को दोहरा दिया. कुछ यात्री प्रात:4.15 बजे कुर्ला एलटीटी पर गोरखपुर एक्सप्रेस पकडऩे जा रहे थे, तभी टर्मिनस के पास फाटक पार करते समय सादी वर्दी में आरपीएफ के जवानों ने इन यात्रियों को पकड़ लिया. बकौल यात्री पहले तो हमें कहा गया कि तुम लोगोंने फाटक क्रॉस किया है और ऐसा करना जुर्म है. इस पर हमने कहा कि सैकड़ों यात्री फाटक खुला होने पर ही आ-जा रहे हैं. बस, इतना कहना था कि पुलिस वालों ने उन तमाम यात्रियों को कालर पकड़ कर गंदी गालियां देते हुए तमाचे तो जड़े ही, डंडो से भी पीट डाला.
आरपीएफ के जवान यात्रियों को जबरदस्ती पकड़ कर इंस्पेक्टर इंचार्ज ए. के. यादव (आरपीएफ) के ऑफिस में ले गए. वहां उन्होंने पैसे मांगे, नहीं दिए जाने पर फिर पिटाई की और अनेक केस लगाकर बंद कर देने की धमकी भी दी. दो यात्रियों से 500-500रुपए ले लिए और अन्य यात्रियों से 200 से लेकर 500 के बीच पैसे ऐंठ लिए और भगा दिया.
भुक्तभोगी यात्रियों ने बताया कि आरपीएफ के जवान केवल उन यात्रियों को पकड़ कर पैसे वसूल कर रहे थे जो बाहर गांव जाने के लिए गाड़ी पकडऩे वाले थे और जिनके पास सामान था. यात्रियों ने पुलिस के जवानों को पहचानने की भी बात कही है. यात्रियों ने इस घटना की लिखित शिकायत रेलमंत्री से लेकर रेलवे बोर्ड के अधिकारियों-सदस्यों व जीएम तथा स्थानीय विधायक व सांसदों को लिखित रूप में कर न्याय की मांग की है.
आरपीएफ से बात कर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो इंस्पेक्टर इंचार्ज के मोबाइल पर हवलदार ने बताया कि साहब सो रहे हैं और मुझे मोबाइल दे गए हैं. बाद में बात करना, कह कर फोन काट दिया. जबकि एक रेल अधिकारी ने बताया कि जांच करने के बाद दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई की जाएगी . ज्ञातव्य है कि अभी कुछ ही दिन पहले कुर्ला एलटीटी में यात्रियों से अवैध वसूली के लिए आरपीएफ वालों के सस्पैंड किया गया है.
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वेटिंग टिकट भी मयस्सर नहीं
मुंबई : मई और जून का महीना उन लाखों मुंबई के उत्तरभारतीयों के लिए मुसीबत बन जाता है, एक तरफ महीने में जब गर्मी अपने परवान चढ़ी होती है तो इन्हें अपने मुलुक जाना इतना जरूरी होता है कि पसीने से तर बतर इन्हें खून बहा देना भी गवारा होता है. इस साल भी यही हाल है. बावजूद इसके कि इस साल मध्य रेल ने पिछले साल की अपेक्षा दुगुनी समर स्पेशल ट्रेनें (1,998 समर स्पेशल) चलाई हैं, मगर उत्तर भारत की ओर जने वाली ट्रेनें हैं कि सभी क्लास की वेटिंग लिस्ट का भी टिकट मिलना मुश्किल हो गया है. जौनपुर, वाराणसी, गोरखपुर के अलावा पटना, मिर्जापुर मुजफ्फरपुर जाने वालों के लिए कन्फर्म टिकट कौन कहे, वेटिंग लिस्ट भी एक हफ्ते पहले ब्लॉक कर देना पड़ रहा है. कोटे या उसके जरिए कन्फर्म टिकट पाने की होड़ तो जैसे परवान चढ़ी हुई है.
स्लीपर क्लास के उपलब्ध वेटिंग लिस्ट चार्ट से पता चलता है कि ज्यादा मारामारी उत्तर-दिशा की ओर जाने वाली ट्रेनों की है. इस दिशा में जाने वाली 1093 महानगरी एक्सप्रेस, 2165 वाराणसी एक्सप्रेस, 1071 कामयानी एक्सप्रेस, 0125 स्पेशल दादर-वाराणसी एक्सप्रेस, 1067 रायबरेली एक्सप्रेस, 2322 हावड़ा-कोलकाता मेल, 5017 गोरखपुर एक्सप्रेस, 1015 गोरखपुर-कुशीनगर एक्सप्रेस, 2534 लखनऊ-पुष्पक एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में 30 मई तक वेटिंग लिस्ट 300 से 450 के आस-पास पहुंच गयी है. इन ट्रेनों में 10 जून के बाद ही अरएसी टिकट उपलब्ध है. 1093, 1071 और 0125 जैसी रोजाना जाने वाली गाडिय़ों में भी वेटिंग लिस्ट का यही हाल है.
चार्ट में बनारस जाने वाली कुल ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट का टोटल 12 मई को 2,400 के आसपास था, जबकि 14 मई की तारीख में कुल 2,500 टिकट वेटिंग लिस्ट में थे. यही हाल लखनऊ, गोरखपुर, दरभंगा, पटना, हावड़ा जाने वाली ट्रेनों का है. कहने को तो तीन ट्रेने रोजाना हावड़ा जाती हैं. ये हावड़ा एक्सप्रेस. इन सभी ट्रेनों में भी 25 मई के बाद का ही सेकंड क्लास का टिकट उपलब्द है. रोजाना दिल्ली जाने वाली दोनों ट्रेनों 1057 दादर-अमृतसर एक्सप्रेस और 2137 पंजाब मेल की बात करें तो पूरे मई महीने तक इसमें सेकंड क्लास के टिकटों की बुकिंग हो चुकी है.
सिर्फ उत्तर-पूर्व दिशा की ही गाडिय़ों का क्यों दक्षिण भारत की ट्रेनों का भी यही हाल है। कोंकण रेल रूट की ट्रेनें 0103 मांवी एक्सप्रेस 0111 कोंकण कन्या एक्सप्रेस 2619 मत्स्यगंधा एक्सप्रेस, 2051 जनशताब्दी एक्सप्रेस, 6345 तिरूवनंतपुरम-नेत्रावती एक्सप्रेस टिकटों की लूट मची हुई है. काबिल-ए-गौर है कि ये ट्रेनें डेली चलती हैं और इसमें मई तक कन्फर्म टिकट का कोई चांस नहीं है. 13 मई को कोंकण रूट पर कुल सेकंड क्लास के 2,000 टिकट वेटिंग में निकाले जा चुके थे. चेन्नई जाने वाली रोजाना की 3 ट्रेनों 2163 दादर-चेन्नई एक्सप्रेस, 1027 मुंबई-चेन्नई मेल, 1041 सीएसटी-चेन्नई एक्सप्रेस में भी 10 जून तक का टिकट फुल है. सेंट्रल रेल के मुख्य प्रवक्ता श्री निवास मुडगेरिकर इन यात्रियों के लिए किए गए उपायों के तहत बताते हैं कि हमने पिछले साल की तुलना में इस साल दोगुने समर स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जिनमें 906 ट्रेनें उत्तर-पूर्व भारत के लिए हैं. इसके अलावा हमने 34 एसी ट्रेनें जिनमें 26 गरीब रथ हैं, चलायी हैं. हमने 100 ऐसी ट्रेनें चलाए हैं जिनके पूरे डिब्बे साधारण क्लास (चालू) है.

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