Wednesday, 20 May 2009

सुधरने लगे हैं कुर्ला टर्मिनस के हालात...?
मुंबई : मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री बी. बी. मोदगिल ने लंबी दूरी के यात्रियों की तरफ पर्याप्त तवज्जो देते हुए उनकी काफी कुछ मुश्किल कम की है. श्री मोदगिल के सतत निरीक्षण दौरे इस मामले में काफी कारगर साबित हो रहे हैं. आरपीएफ द्वारा विभिन्न स्टेशनों पर सामन्य यात्रियों से 50-100 रु. लेकर लाइन में आगे खड़े करने संबंधी मिली शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए श्री मोदगिल ने आरपीएफ को लाइन बंदोबस्त से हटाकर यात्रियों को बहुत बड़ी राहत प्रदान की है. उनके इस कदम से अधिकांश यात्री खुश हैं. परंतु इस समस्या पर पूरी तरह अंकुश अभी नहीं लग पाया है, क्योंकि आरपीएफ ने वसूली के अन्य रास्ते तलाश लिए हैं.
आरपीएफ/जीआरपी की अवैध वसूली भारी बदइंतजामी और अवैध हॉकरों की भरमार, टैक्सी-रिक्शा वालों की लूट, खानपान स्टालों की ओवरचार्जिंग, टिकट बुकिंग काउंटरों पर यात्रियों से अतिरिक्त वसूली और अवैध टिकट कारोबार के लिए हमेशा बदनाम रहे कुर्ला लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) के भी हालात श्री मोदगिल की सतत निगरानी के कारण कुछ सुधरे हैं. उन्होंने यहां एंटी फ्रॉड बैच, विजिलेंस और कमर्शियल इंस्पेक्टरों द्वारा स्थायी निगरानी के इंतजाम किए हैं. परंतु इससे वहां के हालात सुधर गए हैं, यह कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी. बताया गया है कि श्री मोदगिल की सक्रियता से यात्री समस्याओं पर कुछ अंकश लगा है. इसके अलावा उनकी पहल पर शुरू की गई मोबाइल एसएमएस सेवा से रेल प्रशासन को यात्रियों से सीधे शिकायतें और सुझाव मिलने लगे हैं. इससे प्रशासन को निचले स्तर पर हो रही तमाम धांधलियों की सीधी जानकारी मिलने लगी है.
यात्रियों की सर्वाधिक शिकायतें स्टेशनों पर अवैध हॉकरों/वेंडरों, भिखारियों, आरपीएफ/जीआरपी द्वारा अनावश्यक परेशान किए जाने, टिकट काउंटर पर यात्रियों से अतिरिक्त वसूली, टिकटों की कालाबाजारी आदि को लेकर ही है. इसके अलावा प्रमुख विभिन्न स्टेशनों पर अंतिम समय में गाडिय़ों का प्लेटफार्म बदल देना और समय पर उसकी उद्घोषणा न होना आदि प्रमुख समस्याएं हैं. कल्याण से आगे टिटवाला, आसनगांव, कसारा, अंबरनाथ, बदलापुर, कर्जत आदि में दिन के समय और खासतौर पर दोपहर एवं छुट्टिïयों के दिन न तो कोई घोषणा होती है और न ही इंडिकेटर लगाए जाते हैं. प्लेटफार्मों के पंखे तक नहीं चल रहे होते हैं. हालांकि पब्लिक डीलिंग प्रोग्राम से फ्रंट लाइन स्टाफ के यात्रियों के साथ व्यवहार में कुछ तब्दीली आई है, परंतु इस पर अपेक्षित परिणाम मिलने में अभी काफी समय लगेगा.
श्री मोदगिल को अपना सर्वाधिक ध्यान कुर्ला मेन लाइन और लोकमान्य तिलक टर्मिनस, दादर, ठाणे, कसारा एवं इगतपुरी स्टेशनों पर देना चाहिए, जहां आरपीएफ द्वारा सबसे ज्यादा यात्री परेशान किए जाते हैं। इन स्टेशनों पर अवैध हॉकरों/वेंडरों की भी सर्वाधिक भरमार है. मुंबई हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मुंबई के उपनगरीय स्टेशनों को हॉकर मुक्त नहीं किया जा सका है. कुर्ला मेनलाइन से होकर कुर्ला टर्मिनस को जाने वाले यात्रियों को आरपीएफ वाले ही लूटते हैं. मीडिया रिपोर्टें और गत दिनों इस संबंध में कुछ आरपीएफ वालों को निलंबित किए जाने की कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि श्री मोदगिल की तमाम मुस्तैदी के बावजूद कुर्ला मेन लाइन और कुर्ला टर्मिनस के आरपीएफ वालों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में इन दोनों स्टेशनों के आरपीएफ इंचार्जों को वहां हटाकर कहीं दूरस्त स्टेशनों पर फेंके जाने की आवश्यकता है, क्योंकि इन दोनों सहित दादर एवं कुछ अन्य स्टेशनों के आरपीएफ इंचार्ज सीएससी के बगलबच्चे बने हुए हैं, जिससे इन पर कोई असर नहीं हो रहा है और लंबा समय होने के बावजूद इन्हें हटाया नहीं गया है. श्री मोदगिल को आरपीएफ इंस्पेक्टरों की पोस्टिंग में हो रही 'नीलामीÓ और पक्षपात-भेदभाव पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए.

पीआरओ डेविड ने पदभार संभाला

मुंबई : प.रे. जनसंपर्क कार्यालय, चर्चगेट, मुंबई में तीसरे जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) के रूप में श्री सी. नितिन कुमार डेविड ने 14 मई को अपना पदभार ग्रहण कर लिया. इससे पहले वह रतलाम मंडल, इंदौर में बतौर पीआरओ कार्यरत थे. अंग्रेजी साहित्य, पत्रकारिता एवं मास कम्युनिकेशन में परास्नातक श्री डेविड पीआरओ में प्रमोट होने और इंदौर में पोस्टिंग होने से पहले वर्ष 1997 से 2001 तक चर्चगेट स्थित मुख्य जनसंपर्क कार्यालय में ही कार्यरत थे. सीनियर पीआरओ स्व. भागवत दहिसरकर की खाली हुई जगह पर श्री डेविड को लाया गया है. यह जानकारी प.रे. मुख्य जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है.

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