Monday 11 January, 2010

कब खत्म होगा गैंगमैनों का उत्पीडऩ और दुरुपयोग

झांसी : इंजीनियरिंग विभाग में मानव संसाधन (गैंगमैनों) का दुरुपयोग रुकने की बजाय और अधिक बढ़ता ही जा रहा है, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी विजिलेंस या इंजीनियरिंग विभाग को नहीं हो क्योंकि नीचे डीईएन/ एईएन, एसएसई/वक्र्स, एसएसई/पी-वे आदि स्वयं ऐसा कर रहे हैं, परंतु यह कभी रुक पाएगा, इससे वह कभी सहमत नहीं होते हैं. इसका कारण तो अब ऊपर स्तर पर ही पता होना चाहिए जिन्हें इस दुरुपयोग को रोकने की जिम्मेदारी है.

झांसी मंडल के एट रेलवे स्टेशन पर वर्तमान में लगभग 8-10 करोड़ का पीक्यूआरएस का कार्य चल रहा है. इस कार्य को एसएसई/पी-वे इंचार्ज उरई देख रहे हैं. ठेकेदार की सांठगांठ से रेलवे को लाखों रुपयों का चूना लगाया जा
रहा है. एट स्टेशन पर ठेकेदार द्वारा अर्थ वर्क का कार्य चल रहा है. इस नये कार्य में ठेकेदार द्वारा रेलवे को ही मिट्टी खुदवाकर ट्रैक पर डलवा दी गई है. जो वर्तमान में साइट पर भी देखी जा सकती है. जिससे यह ट्रैक बरसात में कभी भी बैठ सकता है. बरसात के पानी से इस ट्रैक में जंग लगेगी और मिट्टी बैठेगी तो रेलवे ट्रैक बैठेगा ही. एट रेलवे स्टेशन पर यार्ड में जाली की फेंसिंग पूरी नहीं लगाई गई है. यह फेंसिंग इतनी जर्जर हालत में हे कि जगह -जगह फेंसिंग में लगे टाइवर गिर रहे हैं और जहां यह फेंसिंग लगी है, वहां पीलर भी गिर रहे हैं. जो मैटेरियल ठेकेदार ने लगाया है, वह सारा मटेरियल रेलवे का ही है. इससे भविष्य में रेलवे को भारी क्षति उठानी पड़ सकती है. जो फेंसिंग सुरक्षा की दृष्टि से हाल ही में लगाई गई है, वह अधूरी है और आवागमन आज भी जारी है.

एट स्टेशन से जो पैनल कट कर चले गए हैं, उनकी प्रोग्रेस नहीं दी गई थी और वही पैनल ब्लॉक में चले गए, जबकि नियमानुसार गैस के पैनल नहीं बनेंगे बल्कि हैक्स बिलेट पैनल ही बनेंगे. यह शेड्यूल एस्टीमेट के अनुसार है. लेकिन इस गंभीर कार्य को ताक पर रखकर गैस के पैनल बनाए जा रहे हैं. क्योंकि गैस के रेट्स और हैक्स बिलेट के रेट्स में काफी अंतर है. एट स्टेशन पर नर्सरी के नाम पर एक गैंगमैन रखा गया है. बताते हैं कि उससे उरई सेक्शन इंजी. पी-वे 4 हजार रु. माहवार लेते थे. इस गैंगमैन ने स्वयं इस प्रतिनिधि से यह स्वीकार किया था. इसकी खबर लगते ही उस गैंगमैन को तुरंत उस जगह से हटा दिया गया है. ऐसे जाने कितने गैंगमैन हैं जिनसे सीनियर सेक्शन इंजीनियर को माहवारी मिलता है. यह पैसा नकवी नाम का ट्रालीमैन उनसे उगाही करके पहुंचाता है. कई गैंगमैनों ने इस बात की पुष्टि की है.
पिरौना और भुआ रेलवे स्टेशनों पर जो कार्य ठेकेदार द्वारा करवाए गए हैं और वर्तमान में भी यह कराए जा रहे हैं. इन स्टेशनों पर जब ठेकेदार द्वारा कार्य होता है तो सेफ्टी-सिक्योरिटी का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है. कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. ठेकेदार के आदमी ट्रैक्टर को रेल लाइन के इस पार से उस पार उतारते रहते हैं. इनको कोई रोकने वाला नहीं है. गैंगमैन बताते हैं कि एसएसई/पी-वे उरई के पेट्रोल मैन, गैंगमैन, की मैन और मेठ को सख्त आदेश हैं कि 'जब भी सेक्शन में कहीं रेल फ्रैक्चर हो उसकी सूचना सबसे पहले मुझे दो. हम बताएंगे की कॉशन क्या लेना है. और कैसे लेना है.' फिर चाहे तब तक कोई गाड़ी ही क्यों गिर जाए. अगर गाड़ी गिरी तो बेचारे गैंगमैन शिकार बनाया जाता है. जबकि एसएसई को कोई सजा नहीं मिलती है.

झांसी-कानपुर लाइन पर एक दिन में दो-दो जगह रेल फ्रैक्चर हुए और कॉशन नहीं लिया गया. गाडिय़ां निकाल दी गयीं. अगर कोई बड़ी दुर्घटना हो गई होती तो उसका जिम्मेदार कौन होता? इस प्रतिनिधि को तो वह तारीखें तक पता हैं कि किस सेक्शन में कब और कितने फ्रैक्चर हुए हैं और कॉशन लिए बिना ही गाडिय़ां निकाल दी गई हैं. ऐसी ही कार्यप्रणाली एसएसई/पी-वे चिरगांव की भी चल रही है. वह भी गैंगमैन आदि से माहवारी उगाहते बताए जाते हैं और इसके लिए कुछ स्टाफ कार्यालय में बाबू बनाकर रखा है, जिनसे 5-5 हजार रु. की वसूली होने की बात पता चली है. जब चिरगांव पीडब्ल्यूआई और एट पीडब्ल्यूआई द्वारा गैंगमैनों के दुरुपयोग और उनसे उगाही की जानकारी सहायक मंडल अभियंता कानपुर को दी गई तो उन्होंने यह बात पीडब्ल्यूआई से कह दी. जिससे उक्त पीडब्ल्यूआई ने इस प्रतिनिधि के पास गुंडे भेजकर जान से मरवा देने की धमकी दी है. जिसकी जानकारी सीनियर डीईएन (समन्वय) एवं डीईएन सेंट्रल को दी गई है और इसकी लिखित शिकायत पुलिस एवं विभाग को की गई है. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और ही गैंगमैनों का उत्पीडऩ रुका है.

एईएन/कानपुर और एसएसई/पी-वे, उरई के इस तमाम रैकेट और भ्रष्टाचार में शामिल होने पर एसएसई एम. . सिद्दीकी का भी भारी उत्पीडऩ किया जा रहा है. जिन्होंने करीब तीन पत्र लगातार विभागीय अधिकारियों को भेजकर इसकी जानकारी दी है. तथापि कोई कार्रवाई करते हुए सिद्दीकी का ही ट्रांसफर अन्यत्र कर दिया गया है. सिद्दीकी द्वारा विभाग को लिखे गए पत्रों की प्रतियां 'रेलवे समाचार' के पास सुरक्षित हैं, जिनमें डिपो एवं एसएसई वार प्रत्येक के घर एवं कार्यालय में कितने गैंगमैनों का दुरुपयोग किया जा रहा हैं, प्रत्येक का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है. यह ब्यौरा भी रेल प्रशासन की आँखें खोलने के लिए शीघ्र ही प्रकाशित किया जाएगा.

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