Friday 17 April, 2009

डेंटल ओरल हाइजिनिस्ट के चयन का मामला

आरआरबी और रेलवे बोर्ड की मूर्खतापूर्ण
गलतियों के चलते तीन बार परीक्षा रद्द


मुंबई : रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) मुंबई और रेलवे बोर्ड की मूर्खतापूर्ण गलतियों या विसंगतियों के चलते तीन बार डेंटल ओरल हाइजिनिस्ट की परीक्षा रद्द हो चुकी है और पिछले पांच वर्षों में अब तक मुंबई आरआरबी द्वारा एक भी डेंटल ओरल हाइजिनिस्ट का चयन नहीं किया जा सका है, जिससे मुंबई में मध्य एवं पश्चिम रेलवे के अस्पतालों में ठेके पर लंबे समय से इस पद पर काम कर रहे डेंटल ओरल हाइजिनिस्ट के सामने ओवरएज हो जाने का खतरा पैदा हो गया है. क्योंकि रे.बो. ने भी इस दरम्यान (पत्र सं. ई(एनजी)-2/2007/आरआर-1/60 दि. 25.6.08) इस पद की परीक्षा में शामिल होने अथवा पद के लिए पूर्व आयु सीमा 20 से 35 वर्ष को घटाकर 18 वर्ष से 30 वर्ष कर दिया है, जो कि स्वयं में न सिर्फ अत्यंत विसंगतिपूर्ण है बल्कि जस्टीफाई भी नहीं है.

ज्ञातव्य है कि पूर्व में इस पद की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 10+2 सहित साइंस(बायोलॉजी)+2 वर्षीय डेंटल हाइजिनिस्ट का डिप्लोमा और इसके साथ तीन साल का अनुभव था. यह न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हासिल करने में किसी भी छात्र की कम-से-कम 2324 साल की आयु सीमा पार हो जाती है. इस हिसाब से इस पद पर चयन के लिए पूर्व की आयु सीमा 20 से 35 साल एकदम जस्टीफाई थी, जबकि बोर्ड के उपरोक्त पत्रांक के अनुसार 18 साल में तो कई भी छात्र सिर्फ 10+2 की ही शिक्षा प्राप्त कर ले तो बड़ी बात है. फिर 2 साल का डिप्लोमा और तीन साल का अनुभव वह कहां से लाएगा. यदि लाता भी है तो न्यूनतम पांच साल तो उसके ऐसे ही निकल जाएंगे. फिर दो-तीन चयनों में भी यदि वह पास नहीं हुआ अथवा आरआरबी से वैकेंसी नहीं निकलीं या वैकेंसी निकालकर और परीक्षा लेकर भी वह रद्द होती रहीं, जैसा कि मुंबई आरआरबी में पिछले पांच साल से हो रहा है, तो उसका चांस तो गया और उसकी सारी मेहनत तथा पढ़ाई-लिखाई भी बेकार.

जबकि यह आयु सीमा घटाते हुए बोर्ड ने 10+2 को हटाकर बीएससी/बॉयोलॉजी कर दिया और सिर्फ अनुभव में एक साल की छूट देते हुए उसे दो साल करके बाकी सारी शैक्षिक योग्यता वही रखी है. अब बोर्ड के संबंधित स्थापना अधिकारियों को यह कौन पूछेगा कि क्या वह यह योग्यता रखते हैं? क्योंकि जब किसी छात्र को सिर्फ बीएससी करने में ही 23-24साल गुजर जाएंगे और आगे उसे 5-6 साल डिप्लोमा एवं अनुभव लेने में लग जाएंगे, तब वह इस पद के लिए चयन परीक्षा में कब-कैसे शामिल होने के लायक हो जाएगा? वास्तव में उपरोक्त सर्कुलर अत्यंत विसंगतिपूर्ण है और इसे तुरंत रद्द करते हुए इस पद के लिए पुरानी आयुसीमा को बहाल किए जाने तथा इस 'अनजस्टीफाइड' सर्कुलर को जारी करने वाले अधिकारियों की कार्मिक योग्यता की परख करते हुए उनकी जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए.

इधर मुंबई आरआरबी में भी लगता है कि मूर्खों की पोस्टिंग शुरू हो गई है, क्योंकि वर्ष 2004 में जो विज्ञापन (इंम्प. नोटिस नं. 1/2004, दि. 24.4.04) निकाला गया, उसकीपरीक्षा 16.1.05 को हुई, जिसमें एक भी परीक्षार्थी/उम्मीदवार को पास नहीं किया गया, बावजूद इसके कि वे सब निर्धारित योग्यता मापदंड को पूरा करते थे. वर्ष 2005 के विज्ञापन (इंप्लायमेंट नोटिस नं. 3/2005 दि. 5.11.05) के आधार पर इसकी परीक्षा 8.10.06 को ली गई थी, परंतु आरआरबी मुंबई ने योग्यता को आधार बनाकर इस पद की भर्ती को रोक दिया और पुन: परीक्षा को रद्द कर दिया, जबकि उसी तारीख 8.10.05 को पटना आरआरबी ने भी इसी पद के लिए परीक्षा ली थी और उसने इसी परीक्षा के आधार पर स्थायी डेंटल ओरल हाइजिनिस्ट की भर्ती कर ली थी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंबई आरआरबी ने 'डिप्लोमा' शब्द को आधार बनाकर पिछले पांच वर्षों से इस की भर्ती को रोका हुआ है. हालांकि सच्चाई यह है कि डेंटल ओरल हाइजिनिस्ट का डिप्लोमा कोर्स नहीं बल्कि सर्टिफिकेट कोर्स होता है जबकि रेलवे बोर्ड ने अपने उपरोक्त सर्कुलर में और आरआरबी, मुंबई ने इस पद के लिए प्रकाशित अपने तीनों विज्ञापनों में दो वर्षीय डिप्लोमा का ही उल्लेख किया है. तो क्या बोर्ड के हेल्थ डायरेक्टोरेट एवं स्टैबिलशमेंट डायरेक्टोरेट में बैठे संबंधित अधिकारियों को यह ज्ञात ही नहीं है कि डेंटल ओरल हाइजिनिस्ट का डिप्लोमा कोर्स होता ही नहीं है? इससे यह भी साफ जाहिर है कि आरआरबी मुंबई ने गलत विज्ञापन निकाले और अपनी इस भयंकर गलती को छिपाने के लिए भर्ती रद्द करने हेतु दि. 23.4.07 को जारी परिणाम में पुन: यह दर्शाया कि 'डेंटल ओरल हाइजिनिस्ट पद के लिए दि. 8.10.06 को हुई लिखित परीक्षा में कोई उम्मीदवार पात्र नहीं पाया गया है.'

इसके अलावा तिरुअनंतपुरम आरआरबी द्वारा डेंटल ओरल हाइजिनिस्ट पद के लिए विज्ञाप्ति वैकेंसी रो.सू.क्र. 01/2007 दि. 10.3.07 (कैटेगरी क्र. 58) में 'ट्रेनिंग' शब्द का उल्लेख किया है. इसकी वैकेंसी मध्य एवं पश्चिम रेलवे के लिए उल्लेखित है. मजेदार बात यह है कि उपरोक्त सभी रोजगार सूचना विज्ञापनों में इस पद के लिए पुरानी आयु सीमा 20 से 35 वर्ष का ही उल्लेख है. तब बोर्ड ने जून 2008 में इसकी आयु सीमा 18 से 30 वर्ष करके रेलवे अस्पतालों में लंबे अर्से से ठेके पर कार्यरत डेंटल ओरल हाइजिनिस्टों की उम्मीदवारी (एलिजिबिलिटी) लगभग खत्म कर देने की कुटिल चाल क्यों चली? हालांकि उपरोक्त 2006 एवं 2007 के विज्ञापनों की परीक्षा भी अभी तक नहीं ली गई है. यदि यह परीक्षा भी जल्दी ले ली जाए तो भी वर्तमान उम्मीदवारों का फायदा हो सकता है.

इस प्रकार आरआरबी एवं रे.बो. की गलतियों की सजा उम्मीदवारों को भुगतनी पड़ रही है, जबकि इस बारे में लिखे गए कई पत्रों का जवाब तक बोर्ड ने देना जरूरी नहीं समझा और न ही अपनी गलती को सुधारना ही जरूरी समझा. अत: अब भी वक्त है कि बोर्ड अपनी गलती को सुधारे और अपने सर्कुलर में आवश्यक सुधार तुरंत करे.


बच्चों ने अधिकारियों को शर्मिंदा किया

मुंबई : चालू महीने के पहले हफ्ते में पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ वाणिज्य अधिकारी का लड़का एमआरवीसी के एक वरिष्ठ विद्युत अधिकारी की लड़की को लेकर हवाई जहाज से बंगलोर भाग गया था. इस मामले में कोलाबा पुलिस स्टेशन में लड़के के खिलाफ लड़की के पिता ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पता चला है कि वाणिज्य अधिकारी के पीएस नेउनके लड़के को हवाई टिकटें मुहैया कराई थीं. बताते हैं कि इससे पहले इस पीएस द्वारा अधिकारी के लड़के के माध्यम से इमर्जेंसी कोटा करवाने से जो कमाई की जाती थी, उसमें से लड़के को भी काफी पैसा दिया जाता था.

सूत्रों का कहना है कि पीएस को लड़के के इस अफेयर की पूरी खबर थी. इसलिए वह लड़के को लड़की के साथ घूमने के लिए सरकारी गाड़ी मुहैया कराता था. उक्त पीएस से मिले सुराग पर मुंबई पुलिस द्वारा दिए गए संदेश से बंगलोर पुलिस ने लड़के और लड़की और बंगलोर हवाई अड्डïे में ही पकड़ लिया. बताते हैं कि फिलहाल मुंबई पुलिस ने यह मामला इस आधार पर खत्म कर दिया है कि दोनों संबंधित अधिकारी अपना तबादला करार मुंबई से बाहर चले जाएंगे. तथापि लड़के को दो दिन तक कोलाबा पुलिस की हिरासत में रहना पड़ा. बताते हैं कि अब दोनों अधिकारी अपने-अपने तबादले की जुगाड़ लगा रहे हैं, योंकि उनके बच्चों ने अपनी बचकानी हरकत से उन्हें यहां शर्मिंदा कर दिया है.

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