Monday 3 November, 2008

इंजीनियरिंग बनाम ऑपरेटिंग

"निष्कर्ष : कटरा से बानीहाल रेल लाइन विवाद"

नयी दिल्ली : जम्मू और कश्मीर को रेल laaiino से जोड़ने की केन्द्र सरकार की महत्वकांशी योजना को रेलवे की नौकरशाही विवाद में डालकर देश को अरबों के नुक्सान में डालने जा रही हैं। इस विवादग्रस्त और उद्रवादी गतिविधियों में आक्रांत राज्य के विकास के लिए हजारो करोड़ रु, झोंककर केन्द्र सरकार ने जम्मू क्षेत्र में कटरा ने बानिहाल के बीच १२५ किमी रेल लाइन के निर्माण की योजना बनाई थी। पिछले चार वर्षों में इस महत्वपूर्ण परीयोजना पर सैकडों करोड़ रु, खर्च हो चुके है। अब चेनाब नदी पर बनने वाले विश्वके सबसे उन्छे मेहराबदार रेल पूल सहित इस लाइन के ३४ किमी क्षेत्र का अलाइनमेंट बदल दिए जाने का विवाद पैदा करके भा, रे, के इंजीनियरिंग और ऑपरेटिंग विभाग आमने-सामने आ गए है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इंजीनियरिंग विभाग के इस लाइन का ऐलाइनमेंट बदलकर इसे ज्यादा सरल बनाने की कोशिश के गई थी। इंजी, विभाग का मानना था की इससे इसकी प्रोजेक्ट कसते में काफ़ी कमी की जा सकती है तथा पहले के लंबे-चौडे चेनाब पूल की अपेक्षा नए ऐलाइनमेंट में यह पूल कम चौडी जगह पर बनने से ज्यादा सुरक्षित होगा। परन्तु पिछले चार साल से पुराने ऐलाइनमेंट पर काम होते हुए अब तक इस प्रोजेक्ट पर करीब २००० करोड़ रु, खर्च हो चुके है और इस विवाद के चलते जुलाई से सारा काम भी थाप पडा हुआ है।
जबकि ऑपरेटिंग विभाग का मानना है की पुराने ऐलाइनमेंट के अनुसार ही इस प्रोजेक्ट पर काम होना चाहिए। इस सम्बन्ध में उ, रे, के महाप्रबंधक श्री प्रकाश ने २० सितम्बर को एक पत्र लिखकर बोर्ड से इस लाइन के पुराने ऐलाइनमेंट पर ही पुन्हाविचार करने को कहा था। श्री प्रकाश अब बोर्ड में एम्टी बन गए है और महाप्रबंधक/ उ, रे, का भी अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे है। श्री प्रकाश ने अपने दो पेजी पत्र में प्रमुख रूप से तीन बिन्दुओं पर बोर्ड का ध्यान आकर्षित करते हुएपुराने ऐलाइनमेंट पर ही इस योजना का काम पुनः शुरू करने की मांग की है।
१) राजनीतिज्ञों के ज्ञापन और मीडिया की रिपोर्टों में पुराने ऐलाइनमेंट पर ही इस योजना का काम पुनः शुरू करने की मांग की है।
२) रिव्यू मीटिंग में १० सितम्बर को जम्मू एवम कश्मीर के राज्यपाल श्री एन, एन, वोहरा ने भी चेनाब ब्रिज सहित जम्मू क्षेत्र के इस १२५ किमी, कटरा-बनिहाल रेल प्रोजेक्ट पर जुलाई से काम बाँध होने पर चिंता जाहीर की थी।
३) यह मामला काफ़ी संवेदनशील है, क्योंकि चेनाब ब्रिज को शिफ्ट करने सहित कटरा-बनिहाल लाइन का ऐलाइनमेंट बदलने ऐ इसके निकटवर्ती गावों में भारी असंतोष फ़ैल सकता है।
अपने क्षेत्र में श्री प्रकाश ने आगे कहा है की पुराने ऐलाइनमेंट में चेनाब नदी पर प्रोजेक्ट के सब-कांट्रेक्टर उल्त्र आफ्कांस विएसएल को भारी भरकम आर्क ब्रिज के निर्माण की नींव डालने के लिए जगह नही मिल पा रही है। हलाँकि इस मुद्दे पर श्री प्रकाश आगे चुप है और यही मुख्या कारण है की चेनाब ब्रिज सहित इस पुरी परियोजना के कटरा से शुरुकोट के बीच की ३४ किमी लाइन के सभी कान्त्रेक्ट्स को रोके देने (शोर्ट क्लोस्ज्द) का आदेश एम्ई श्री एस, के, विज ने दिया था। चूँकि यह पूरा प्रोजेक्ट भारत की कन्सालिदेतेद फंड से वित्त पोषित हो रहा है। इसलिए श्री प्रकाश उसी का वास्ता देते हुए श्री विज की बात को दरकिनार करते हुए अपने पत्र में कहता है की पुराने ऐलाइनमेंट में ३४ किमी रूट पर सुरंगे बनाने और अन्य कार्यो पर चेनाब ब्रिज के ३०० करोड़ सहित जो १००० करोड़ रु, खर्च हो चूहे है उसका क्या कोगा?
श्री प्रकाश के करदाताओं की mehanat की कमाई के बेकार चले जाने क्र उपरोक्त सवाल पर श्री विज का कहना है की श्री प्रकाश उक्त बेकार खर्च को रोक सकते थे क्योंकि नया ऐलाइनमेंट आज नही काफ़ी पहले देदिया गया था। उन्होंने यह बात २६ सितम्बर को रिकॉर्ड भी की है। जहा तक री-ऐलाइनमेंट पर गांववालों की नाराजगी बढ़ने के श्री प्रकाश के दावे की बात है तो इसे भी सिरे से खारिज करते हुए श्री विज का कहना है की प्रोजेक्टेड के मोडीफाइड ऐलाइनमेंट से दूरदराज़ के रहिवासियों एवम गावों पर कोई प्रभाव नही पडेगा, क्योंकि इसके साथ ही कटरा-बनिहाल के बीच २५० किमी, लम्बी प्रमुख सड़क भी बनाई जा रही है।
श्री प्रकाश के सारे तर्कों को दरकिनार करते हुए श्री विज ने कहा की पत्र लिखने और विवाद पैदा करने के बजाय मोडीफाइड ऐलाइनमेंट पर काम शुरू होने से पहले वह अपने सुझाव लेकर उनके पास आ सकते थे। ज्ञातव्य है की इस मामले में कोई अन्तिम निर्णय लेने और आदेश देने के लिए श्री विज फिनल अथॉरिटी है, तथापि श्री प्रकाश उनके आदेशों का लगातार उल्लंघन और इस प्रकार उनकी मानहानि करते हुए आज तक तमाम कान्त्रक्ट्स को तेर्मिनेट नही है, जिससे फालतू खर्च हो रहा है, जो की राष्ट्रीय क्षति है।
बताते है की इस मुद्दे पर करीब ३ महीने पहले सीआरबी के चेंबर में बुलाई गई एक मीटिंग में श्री विज श्री प्रकाश के बीच काफ़ी गर्मागर्मी हो गई थी। इस meeting में कोंकण रेलवे के एक director भी मौजूद थे। सूत्रों का कहना है की उसी के बाद श्री प्रकाश ने यह पत्र लिखकर एम्ई श्री विज सहित पूर्व ऐएम्/सिविल इंजीनियरिंग श्री राकेश चोपडा (वर्त्तमान जीएम/ दक्षिण रेलवे) को भी कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की गई है, जबकि बोर्ड के कुछ ऑपरेटिंग अधिकारीयों का मानना है की चूँकि स्टील एवम सीमेंट के भाव काफ़ी बढ़ गए है। इसलिए ऐलाइनमेंट बदल देने से यहाँ कार्यरत सभी कान्त्रक्टर सस्ते में छुट जाएंगे। इसलिए यह सारा खेल हो रहा है। अब देखते है की उठ किस करवट बैठता है।

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