Sunday 2 November, 2008

बेलास्ट अनलोडिंग में दिया जा रहा अनावश्यक रेट

हाजीपुर :- पूर्व मध्य रेल, यानि रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की रेलवे, में जो न हो वह कम हैं। यहाँ खूब अन्धाधुन्धी चल रही हैं। यहाँ सबसे ज्यादा काम और फंड इंजीनियरिंग विभाग के पास हैं और इसी के साथ इसमें ही सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार भी हैं। परंतु रेल प्रशाशन यहाँ रेलमंत्री के डर से अपनी ड्यूटी और कर्तव्य निभाने वाले अधिकारियो की ही जड़ काट देता हैं। यही कारण है कि दीपटी सिवियो/इंजी, को बिना वजह यहाँ से हटा दिया गया था, जबकि सीवीसी और रेलवे बोर्ड द्वारा उनहे पुनः उसी पद पर पदस्थापित किए जाने के आदेश के बावजूद आज तक इस आदेश पर अमल नही किया गया। परिणामस्वरूप डिप्टी सिवियो/इंजी, कि पोस्ट पिछले करीब ६ महीनो से खाली पड़ी है और इस पोस्ट का काम डिप्टी सीवीओ/स्टोर को देखना पड़ रहा है। हटाये गए डिप्टी सीवीओ/इंजी, का दोष यह था कि उन्होंने लालू के करीबी बेलास्ट ठेकेदारों के बेलास्ट रेक और उसके मानक चेक करने कि गुस्ताखी कर डाली थी। इसी के साथ एसदीजीएमका भी ट्रान्सफर कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यहाँ बाबिन बॉक्स से बेलास्ट उन्लोअद करने के लिए भी ठेकेदारों को ३८ रु, प्रति क्यूबिक मीटर का रेट दिया जा रहा है जो कि बीसीएन से मनुअल उनलोअडिंग में कम से कम ६ आदमी लगते है जो ४ से ६ घंटे में एक बीसीएन को खाली कर पाते है, जबकि बाबिन बॉक्स से चलते हुए (रनिंग में) बेलास्ट खाली होती है और इसमे २ घंटे में पुरा बाबिन रेक खाली हो जाता है। इसलिए बाबिन बॉक्स के लिए ९ से १३ रु, प्रति क्यूबिक मीटर का मनअनक रेक निर्धारित है। मगर पू, रे, में इसका उल्टा हो रहा है। यहाँ रेलवे को करोडो का चुना लगाने के अन्य कई प्रकारों में से यह भी एक प्रकार है। ज्ञातव्य है कि एक रेक में कम से कम १४ से १५ सौ क्यूबिक मीटर बेलास्ट कि लोअदिंग होती है और इस प्रकार प्रति रेक यहाँ ३०,००० से ३५,००० रु, का चुना रेलवे को लगाया जा रहा है। परंतु रेल प्रशाशन मंत्री के डर से इस भयंकर नुक्सान कि तरफ़ कोई ध्यान नही दे रहा है। इस प्रकार रेलवे को मंत्री के सभी सगे सम्बन्धी मिलकर बुरी तरह लूट रहे हैं। बताते है कि पूर्व सीई/कन्स्त्रुच्शन /हेडक्वार्टर ने भी बहती गंगा में खूब हाथ धोये है, जिन्हें तमाम शिकायतों के बाद हालही में हटाया गया है। इसके अलावा पू,रे, में पिदब्ल्युआइ' कि कोई भी सेक्शन पोस्ट नही है, जबकि यहाँ ऎसी २२ पोस्टें खाली है। यहाँ सिर्फ़ जेई-१ कि आठ सेक्शन पोस्टें हैं, जहा वर्तमान में ३८ लोग कार्यरत हैं, एसई में ४ लोग है जबकि ७ पोस्टों का सेक्शन नही दिया जा रहा है। इसी के साथ अन्य रेलों के आप्शन में यहाँ आऐ एसई/ जेई का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि नियम से सभी डिप्टी सीई के पास एक-एक पि-वे- स्टोर कि पोस्ट होनी चाहिए। ऐसी कम से कम १६ पोस्टों कि जरुरत है। मगर सिर्फ़ एक पोस्ट दी गई है। की ने बताया कि पोस्टें सेक्शन करने और देने के लिए भी यहाँ कार्मिक विभाग (ऐपीओ/कन्स्त्रुक्शन) द्वारा पैसे कि अपेक्षा कि जाती हैं।
इसी प्रकार इंजी, ओपन लाइन में डिप्टी सीई के एवम कार्यालयों में दसियों साल से एक ही पोस्ट पर बैठे बाबू लोग खलासियों/ हेल्परों/ गंग्मैनों से उनके ट्रान्सफर एवम त्रवेल्लिंग अल्लौंस पास करने के लिए पैसे (कमीशन) लेते हैं। सूत्रों का कहना है की खलासियों से १२ प्रतिशत और पिदब्ल्युआइ/ आईओडबल्यू आदि से ४ से ६ प्रतिशत कमीशन (रिश्वत) की मांग बाबू लोगो द्बारा की है। उनका कहना था की इसी तरह तमाम अवार्ड भी डीआरएम्, पीएचओदी और जीएम् की चापलूसी करने वालों अथवा मंत्री के नजदीकी होने का दवा या धौस दिखाने वाले अकर्मण्य लोगो को दिए जाते हैं।
सूत्रों ने बताया की यहाँ इंजी, स्टोर दीपो आदि में १०-१५ वर्षों से लोग बैठे हुए हैं और यह इतने 'पावरफुल' हो गए है की इनके ट्रान्सफर का मामला आते ही पीएचओदी' के हाथ- पाव फूल जाते हैं क्योंकि इन्होने अपनी अपार अवैध कमाई के बल पर 'लालू कुटुंब' और स्थानीय माफिया के साथ अपने गहरे सम्बन्ध बना लिए हैं।
सूत्रों ने बताया की दरभंगा-समस्तीपुर के बीच अभी हालही में दीप्ती सीई/सी श्री तुसल्मुद्दीन को एक ब्रिज के गर्डर को रेप्लास करके नया गर्डर लगाने का काम सौंपा गया है, क्योंकि उनपर प्रशाशन और लालू काफ़ी मेहरबान हैं। एक तरफ़ तमाम अधिकारी, जो मुख्यालय छोड़कर पटना में रहते है, पटना से हाजीपुर आते है, जबकि सभी सीई हाजीपुर से पटना जाते हैं। यहाँ समस्त इंजी, मटेरिअल सप्लाई प्रबंध देखने का काम रेलमंत्री के चहेते दीप्ती सीई को दिया गया है, जबकि फिल्ड से लेकर सेंट्रल स्टोर, हाजीपुर तक भारी घफ्ला चल रहा है, जबकि यहाँ १० साल से ज्यादा समय से पदस्थ क्लेर्कों को हटाकर अन्यत्र लगाने की हिम्मत किसी में नही हो रही है.

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