Monday 27 October, 2008

आफिसर्स फेडरेशन में जीएम की अदला-बदली के खिलाफ प्रस्ताव पारित

नई दिल्ली : फेडरेशन ऑफ़ आफिसर्स एसोसिएशंस ( ऍफ़आरओऐ ) के प्रमुख पदाधिकारियों की आज दि. २७-१०-०८ को रेलवे बोर्ड में एक बैठक हुई जिसमें ओपन लाइन से ओपन लाइन में जीएम्स की अदला-बदली किए जाने के बोर्ड के प्रस्ताव का कड़ा विरोध जताया गया। हमारे सूत्रों का कहना है की इस ग़लत परम्परा का विरोध करते हुए अधिकारीयों ने कहा की इससे योग्य लोगों का हक मारा जा रहा है और एक ख़ास लाबी को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि इसी लाबिंग की वजह से अन्य कैडरों को नुक्सान हो रहा है जो की कतई उचित नहीं है।
सूत्रों का कहना है की बैठक में इस आशय का एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया है और यह प्रस्ताव दीवाली के बाद पहले कार्य दिवस गुरुवार या शुक्रवार को सीआरबी और मंत्री की टेबल पर पहुँचा दिया जायेगा। सूत्रों ने बताया की बैठक में इंजीनियरिंग अधिकारीयों ने ख़ास तौर पर इस अदला-बदली का विरोध किया क्योंकि ट्रैफिक लाबी की मनमानी से सबसे ज्यादा नुक्सान उन्हीं का हो रहा है।
पता चला है की सीआरबी ने अपने 'बिरादरी' भाइयों का फेवर करते हुए श्री आर. एन. वर्मा को मेट्रो से प. रे. और उनकी जगह सीओएम्/प. म. रे. श्री वि. एन. त्रिपाठी को तथा श्री विवेक सहाय को उ. म. रे. से उ. रे. में और उनकी जगह सीईई/प. रे. श्री ऐ. के. वोहरा को भेजे जाने का प्रस्ताव भेजा है। हालांकि हमारे सूत्रों का कहना है की श्री वर्मा की फाइल अभी तक डीओपीटी में ही अटकी पड़ी है।
सूत्रों ने बताया की डीओपीटी ने श्री यु. सी. डी. श्रेणी के आरएससी में भेजे जाने के प्रस्ताव के करके बोर्ड के सांसत में डाल दिया है क्योंकि श्री श्रेणी के मेट्रो से ओपन लाइन पूर्वोत्तर रेलवे में भेजे जाने के समय बोर्ड ने डीओपीटी के यह बताया था की जिसे मेंबर बनाना होता है उसे ओपन लाइन में भेजा जाता है, डीओपीटी ने यही बोर्ड से पूछा है की अब ऐसा क्या हो गया है की श्री श्रेणी को ओपन लाइन से हटा कर साइड लाइन ( आरएससी ) में भेजा जा रहा है? बताया जाता है की अब श्री श्रेणी के साथ भी सीआरबी और मंत्री की 'सेटिंग' हो गई है इसलिए अब उन्हें एनईआर से नहीं हटाने का नया प्रस्ताव भेजा गया है।
इसी तरह दूसरा प्रस्ताव यह था की श्री श्रेणी की जगह श्री दीपक कृष्ण को और श्री सहाय की जगह श्री वोहरा को था श्री वर्मा की जगह श्री त्रिपाठी को भेजा जाएगा। जबकि इसके पहले का प्रस्ताव यह था की श्री दीपक कृष्ण को पूर्वोत्तर रेलवे और श्री सुदेश कुमार को ( आरएससी ) में भेजा जाए। परन्तु यह प्रस्ताव धरा रह गया। बाद में श्री दीपक कृष्ण को पूर्व रेलवे का भी प्रस्ताव बना था।
अपने ब्लॉग में 'रेलवे समाचार' ने 'बिरादरी' और 'लेनदेन' के इस खेल को दो दिन पहले ही एक्सपोज कर दिया था जिससे बोर्ड और पीएम्ओ तथा डीओपीटी में हड़कंप मच गया था और इसी के मद्देनजर ऍफ़आरओऐ की यह अर्जेंट मीटिंग बुलाई गई थी क्योंकि इस तमाम 'खेल' से रेलवे की छवि ख़राब हो रही है बल्कि अधिकारीयों के बीच वैमनस्यता भी बढ़ रही है जिससे उनके अन्दर एक-दूसरे के प्रति आक्रोश की भावना पैदा हो रही है जो की स्वस्थ प्रशासन के हित में नहीं है।
सूतों का कहना था की बैठक के बाद अधिकारीयों ने आपस में यह उम्मीद अवश्य जाहिर की की उपरोक्त तमाम वस्तुस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए पीएम्ओ इस 'लेनदेन के खेल' को सफल नहीं होने देगा। क्योंकि इससे न सिर्फ़ रेलवे की छवि ख़राब हो रही है बल्कि अधिकारीयों में भी आपस में वैमनस्यता बढ़ रही है। इसके अलावा जोनल रेल प्रशासन भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

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