Friday 12 August, 2011

तैयारी करके नहीं आए रेलवे के वकील


पीआईएल की अगली तारीख 28 सितम्बर को 

नयी दिल्ली : मेम्बर ट्रैफिक (एमटी) और चेयरमैन, रेलवे बोर्ड (सीआरबी) के पद पर विवेक सहाय की अनियमिततापूर्ण नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में 'रेलवे समाचार' के सम्पादक सुरेश त्रिपाठी द्वारा 18 मई 2011 को दाखिल की गई जनहित याचिका (पीआईएल) की बुधवार, 10 अगस्त को हुई सुनवाई में अब अगली तारीख 28 सितम्बर हो गई है, क्योंकि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) और प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने अब तक अपना कोई जवाब दाखिल नहीं किया है. इसके अलावा उनके वकील भी बुधवार की सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर नहीं थे. हालाँकि प्रतिवादी नंबर - 1 सेक्रेटरी, रेलवे बोर्ड और प्रतिवादी नम्बर - 2 विवेक सहाय की तरफ से रेल मंत्रालय के सयुंक्त सचिव (राजपत्रित) शिवदान सिंह ने जवाब और हलफनामा रेलवे के वकील आर. एन. सिंह के माध्यम से अदालत में दाखिल किया. जिसमे उन्होंने कहा है कि श्री सहाय की नियुक्ति नियमानुसार और डीओपीटी के सर्कुलर (OM) No. 11012/11/2007-Estt.(A) के अनुसार की गई है. उनकी तरफ से हाजिर हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्री वेंकटरमणी ने अदालत से अर्ज किया कि चूँकि श्री सहाय 30 जून को रिटायर हो गए हैं इसलिए इस पीआईएल का अब कोई मतलब नहीं रह गया है, अतः इसे न सिर्फ ख़ारिज कर दिया जाना चाहिए बल्कि याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए. 


श्री वेंकटरमणी को बीच में टोकते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि वह शायद पूरी तैयारी के साथ नहीं आए हैं क्योंकि वादी ने अपनी याचिका में पहले ही यह बात कही है कि प्रतिवादी नम्बर - 2 यानि विवेक सहाय 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएँगे. इसके साथ ही जस्टिस खन्ना ने यह भी कहा कि याचिका स्वीकार करने के समय ही यह स्पष्ट हो गया था कि यह मामला व्यक्ति विशेष का नहीं व्यवस्था का है. इसी के बाद मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र ने कहा कि यह मामला सुनवाई के योग्य है और रिटायर्मेंट के बाद भी 'को-वारंटो' लागू हो सकता है क्योंकि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी व्यवस्था दी है. उन्होंने रेलवे के वकील श्री वेंकट रमणी से कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट का उक्त जजमेंट पढ़कर आएं अगली तारीख में इस मामले पर जिरह होगी.. इसी बीच वादी के वकील श्री के. बी. उपाध्याय ने पूछा कि श्री वेंकट रमणी प्रतिवादी नंबर - 1  सेक्रेटरी, रेलवे बोर्ड और प्रतिवादी नम्बर - 2 विवेक सहाय दोनों की तरफ से कैसे प्रस्तुत हो सकते हैं..? मुख्य न्यायाधीश ने वादी के वकील श्री उपाध्याय से कहा कि वे प्रतिवादी नंबर - १ के जवाब पर एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करें. अदालत ने अगली तारीख 28 सितम्बर को सीवीसी, डीओपीटी और पीएमओ को भी जवाब और हलफनामा दाखिल किए जाने की हिदायत दी है. 

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