Friday 10 September, 2010

नए क्रॉसिंग स्टेशन से ट्रेनों की राह आसान


कोटा. कोटा-चित्तौड़गढ़ के बीच स्थित नीमका खेड़ा रेलवे स्टेशन को क्रॉसिंग स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। इस कार्य से ट्रेनों के संचालन में सुधार होगा, एक ट्रेन के लगभग 25 मिनट बचेंगे साथ ही नई ट्रेनों की राह भी आसान होगी। रेल प्रशासन इस कार्य पर 3.2 करोड़ रुपए खर्च करेगा।

रेलवे सूत्रों ने बताया कि कोटा-चित्तौड़गढ़ खंड (165 किमी के रेलमार्ग) में सबसे अधिक घुमावदार व उतार-चढ़ाव का क्षेत्र श्रीनगर से जलन्धिरि रेलवे स्टेशन के बीच का है। इन दोनों स्टेशनों की दूरी को तय करने में ट्रेन को एक घंटा लगता है।

यदि श्रीनगर रेलवे स्टेशन से कोई ट्रेन छोड़ी जाती है तो उसके जलन्धिरि रेलवे स्टेशन पहुंचने तक पीछे से कोई ट्रेन नहीं चलाई जा सकती, क्योंकि बीच के स्टेशन नीमकाखेड़ा पर केवल एक लाइन हैं। इस स्टेशन पर ट्रेनों का क्रॉसिंग नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति को देखते हुए रेलवे ने नीमकाखेड़ा रेलवे स्टेशन को क्रॉसिंग स्टेशन के रूप में विकसित करने का निर्णय किया है।

क्यों जरूरी: श्रीनगर से जलन्धिरि रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी मात्र 24 किमी है। इन दोनों स्टेशनों के बीच 12 किमी पर नीमकाखेड़ा फ्लेग स्टेशन है, जिस पर केवल एक लाइन हैं। श्रीनगर से जलन्धिरि रेलवे स्टेशन की दूरी एक ट्रेन लगभग 48 से 50 मिनट में तय करती है।

इतने समय तक पीछे से दूसरी ट्रेन को नहीं छोड़ा जा सकता। नीमकाखेड़ा में क्रॉसिंग स्टेशन बनने से वहां एक लूप लाइन और बनाई जाएगी। जिससे श्रीनगर से एक ट्रेन छोड़े जाने के कुछ समय बाद ही पीछे से दूसरी ट्रेन छोड़ी जा सकेगी। नीमकाखेड़ा में क्रॉसिंग स्टेशन बनने से प्रत्येक ट्रेन के 25 मिनट बचेंगे।

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