Thursday 7 July, 2011

मुकुल राय और जे.के.शाहा को पड़ी 
 
चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी की फटकार

रेल राज्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे मुकुल राय और उनके ओएसडी जे.के.शाहा को चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी (सीसीएस) की कड़ी फटकार पड़ी है. पता चला है कि 30 जून को जब सीआरबी का प्रस्ताव पीएमओ पहुंचा तो उसमें संजीव हांडा के नाम की सिफारिश शाहा ने मुकुल राय से करवाकर भेजी थी जिस पर पीएम और सीसीएस सहमत नहीं थे क्योंकि हांडा का कार्यकाल सिर्फ 8 महीने ही बचा है. सूत्रों का कहना है कि दोपहर करीब 2.30 बजे सीसीएस ने सीआरबी विवेक सहाय को पीएमओ में तलब किया और उनसे पूछा कि यह क्या है..? बताते हैं कि तब सहाय ने उनसे कहा कि उन्होंने तो विनय मित्तल को सीआरबी बनाए जाने की सिफारिश की थी मगर बाद में क्या हुआ, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. इसके बाद वहीँ पर सहाय से विनय मित्तल की सिफारिश करवाई गई और श्री मित्तल को सीआरबी बनाने की सिफारिश के साथ उक्त फाइल शाम करीब साढ़े पांच बजे रेलवे बोर्ड में आ गई थी.

परन्तु सूत्रों का कहना है कि हांडा के बजाय मित्तल को सीआरबी बनाए जाने की सिफारिश पीएमओ से आ जाने के बाद जे.के.शाहा आग-बबूला हो गए और उन्होंने इस बारे में सारी जानकारी इकठ्ठा करके मुकुल राय से बात की. सूत्रों का कहना है कि मुकुल राय ने इस बारे में सहाय से बात की और उनसे यह भी पूछा कि जब उन्हें इस बारे में सब कुछ पहले से ही पता था तो पीएमओ से लौटने के तुरंत बाद उन्होंने इसकी जानकारी फ़ौरन उन्हें क्यों नहीं दी. बताते हैं कि इस पर सहाय ने राय से साफ़ कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना है जो पूछना है वह सीसीएस को पूछें.

सूत्रों का कहना है कि इसके बाद गुस्साए मुकुल राय ने आर्डर जारी करने से बोर्ड को यह कहकर रोक दिया कि वह 'दीदी' से बात करेंगे उसके बाद आर्डर जारी किए जाएँगे. प्राप्त जानकारी के अनुसार मुकुल राय ने सारी वस्तु-स्थिति से 'दीदी' को अवगत कराया. बताते हैं की 'दीदी' ने कहा की आज आर्डर जारी न करें, वह रात को पीएम से बात करेंगी. मगर बताते हैं कि पीएम से उनकी देर रात तक बात नहीं हो पाई थी. इधर शाम को विदाई के बाद जब विवेक सहाय अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर बोर्ड से करीब 6 बजे निकलने ही वाले थे कि सीसीएस ने फोन करके उनसे पूछा कि सीआरबी के आर्डर जारी हुए कि नहीं.. तो सहाय ने उन्हें लेटेस्ट बात की जानकारी दे दी. 

इसके बाद बताते हैं कि सीसीएस ने मुकुल राय और जे.के.शाहा की जमकर खबर ली.. सूत्रों का कहना कि जब राय ने सीसीएस को यह बताने की कोशिश की कि 'दीदी सीएम' आर्डर जारी करने से पहले पीएम से बात करना चाहती हैं..तब बताते हैं कि सीसीएस ने उनसे साफ़-साफ़ कहा कि सीएम का अब केंद्र में कोई रोल नहीं है, आप फ़ौरन सीआरबी के आर्डर जारी करवाकर उसकी कॉपी पीएमओ को भेजें. इसके तुरंत बाद करीब 7.55 बजे विनय मित्तल के सीआरबी में आर्डर जारी हुए और उन्होंने 8 बजे कोलकाता से ही अपनी ज्वाइनिंग कर ली.

अंततः जाते-जाते विवेक सहाय अपना खेल - खेल ही गए और जे.के.शाहा एवं मुकुल राय पर संजीव हांडा को सीआरबी बनाए जाने का भारी दबाव बनाने वाली वैगन इंडस्ट्री को बहुत मायूस होना पड़ा है. सूत्रों का कहना है कि इस चालाकी के कारण 'दीदी' विवेक सहाय से बहुत नाराज हो गईं थीं, सहाय के सीधे घर जाने के पीछे यह भी एक कारण बताया जाता है. 

हालाँकि सूत्रों का कहना है कि सहाय कैटरिंग पॉलिसी को लेकर जिस तरह ममता बनर्जी को यह कहकर सीआरबी बनने में कामयाब हो गए थी कि उनके अलावा कोई यह काम नहीं करेगा और बाद में उनसे यह कहकर कि कैटरिंग का मामला चूँकि एमटी के अधिकार में आता है इसलिए अगर एमटी के पद पर कोई और बैठ गया तो फिर उनके अनुसार कैटरिंग पॉलिसी बनवा पाना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा, इसलिए यदि एमटी की पोस्ट भी उनके साथ रहेगी तो वह जैसी चाहेंगी वैसी कैटरिंग पॉलिसी बन जाएगी. बताते हैं कि इसी के बाद एमटी की पोस्ट का बंटाधार किया गया था जिस पर कुलदीप चतुर्वेदी का वाजिब हक़ बनता था और जिसे सहाय ने अपनी तिकड़म से हड़प लिया था. सूत्रों का अंत में यह भी कहना है कि यह सारा खेल करोड़ों-करोड़ रूपये का था..मुकुल राय और जे.के.शाहा को पड़ी चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी की फटकार

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