हाजीपुर : इस देश को किस तरह लूटना और लुटवाना है, यह कोई रेल अधिकारियों से सीखे। खासतौर पर रेलवे को लूटने और lutwaane में फिलहाल पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारीगन अन्य रेलों की अपेक्षा सबसे आगे हैं। यहाँ मिटटी की जांच के लिए कांट्रेक्टरों को ७०० रु. प्रतिमीटर का रेट दिया जा रहा है, जबकि पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर में यही काम उसी कांट्रेक्टर ने मातृ ७० रु. प्रतिमीटर रेट पर किया है, जिसने पु. म. रे. में इसी काम के लिए ७०० रु. का रेट कोट किया है, क्योंकि यहाँ पहले से ही अन्य कांट्रेक्टरों को इस काम के लिए ७०० रु. प्रति मीटर का रेट दिया जा रहा हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में अग्रवाल एसोसीएट्स नामक कांट्रेक्टर ने मिटटी की जांच का काम हाल ही में मात्र ७० रु. प्रति मीटर की दरपर किया हैं। जबकि पु. म. रे. में यही काम ७०० रु. प्रति मीटर दर पर approved हो रहा है। पता चला है की हाजीपुर- सुगौली सेक्शन में स्वईल टेस्टिंग के लिए अग्रवाल एसोसीएट्स द्वारा ७०० रु. प्रति मीटर का रेट करीब ७० प्रतिशत कम करके कोट किया है। फिर भी उसे पूर्वोत्तर रेलवे की अपेक्षा २०० प्रतिशत से ज्यादा का फायदा मिलने वाला है।
सूत्रों का कहना है की पु, म, रे, में इस कार्य में कई बड़े-बड़े माफिया कांट्रेक्टर ( भाई लोग ) लगे हुए हैं। उनकी एजेंसियों को यह कार्य इन बड़ी दरों पर दिया गया है। तथापि उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट मानक स्तर की न होने के बावजूद उन्हें कार्य से हटाया नही गया है बल्कि उन्हें और काम दिया जा रहा है। ज्ञातव्य है की 'रेलवे समाचार' ने इससे पहले भी इस बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। कर्मचारियों का कहना है की इन माफिया कांट्रेक्टरों द्वारा टेंडर के अनुसार निर्धारित गहराई ( करीब ३० मीटर) तक मिटटी की बोरिंग नही की जाती है। उनका कहना था की यह भाई लोग बमुश्किल ५ से ६ मीटर बोरिंग करके रिपोर्ट सौंप देते हैं, जिससे भारी रेल पुलों की मजबूत नींव डालने के मानक के अनुरूप मिटटी की जांच परख नही हो रही है। ऐसी खबरे विभागीय तौर पर दिए जाने के बाद भी इन माफिया कांट्रेक्टरों के ख़िलाफ़ कोई कारवाई नही के गई है, क्योंकि कर्मचारियों का कहना था की ऐसे लगभग सभी कांट्रेक्टर कही न कही रेल मंत्री और उनके विशाल कुनबे से जुडे हुए हैं। इसलिए कोई भी अधिकारी उनके ख़िलाफ़ कोई कारवाई करने की हिम्मत नही जुटा पा रहा है। उल्लेखनीय है की मिटटी की जांच के लिए मामूली हैंडपंप लगाए जाने की सामान्य सी बोरिंग प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें न तो ज्यादा मेंनपावर लगता है और न ही कोई विशेष मशीनरी एवम तमाम तामझाम की आवश्यकता होती है।
सूत्रों का कहना है की पु, म, रे, में इस कार्य में कई बड़े-बड़े माफिया कांट्रेक्टर ( भाई लोग ) लगे हुए हैं। उनकी एजेंसियों को यह कार्य इन बड़ी दरों पर दिया गया है। तथापि उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट मानक स्तर की न होने के बावजूद उन्हें कार्य से हटाया नही गया है बल्कि उन्हें और काम दिया जा रहा है। ज्ञातव्य है की 'रेलवे समाचार' ने इससे पहले भी इस बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। कर्मचारियों का कहना है की इन माफिया कांट्रेक्टरों द्वारा टेंडर के अनुसार निर्धारित गहराई ( करीब ३० मीटर) तक मिटटी की बोरिंग नही की जाती है। उनका कहना था की यह भाई लोग बमुश्किल ५ से ६ मीटर बोरिंग करके रिपोर्ट सौंप देते हैं, जिससे भारी रेल पुलों की मजबूत नींव डालने के मानक के अनुरूप मिटटी की जांच परख नही हो रही है। ऐसी खबरे विभागीय तौर पर दिए जाने के बाद भी इन माफिया कांट्रेक्टरों के ख़िलाफ़ कोई कारवाई नही के गई है, क्योंकि कर्मचारियों का कहना था की ऐसे लगभग सभी कांट्रेक्टर कही न कही रेल मंत्री और उनके विशाल कुनबे से जुडे हुए हैं। इसलिए कोई भी अधिकारी उनके ख़िलाफ़ कोई कारवाई करने की हिम्मत नही जुटा पा रहा है। उल्लेखनीय है की मिटटी की जांच के लिए मामूली हैंडपंप लगाए जाने की सामान्य सी बोरिंग प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें न तो ज्यादा मेंनपावर लगता है और न ही कोई विशेष मशीनरी एवम तमाम तामझाम की आवश्यकता होती है।
इस तरह lalu के राज में यहाँ 'andher नगरी chaupat raja taka ser bhaaji taka ser khaja' वाली kahawat charitaarth हो रही है। hamaare सूत्रों का कहना है की इसी तरह की kamaaii से ECR में अब तक 'karodpati' बन चुके कुछ adhikariyon द्वारा ७० % कम rate कोट करने waale Agrawal Associate को यह कह कर daraya-dhamkaaya जा रहा है और उस पर अपना prastav वापस लेने के लिए dabaav dala ja रहा है की 'यदि वह इस rate पर यहाँ काम करेगा और अपना prastav वापस नहीं लेगा, to उनकी naukari chali jayegi। इसलिए लिख कर दे दो की हम इस prastavit rate पर काम नहीं कर payenge।' यदि CVC और सीबीआई द्वारा ECR में चल रहे इस 'mahaghotaale' की gahraayi से jaanch की जाए to यही काम ७० रुपये प्रति meeter पर हो जाएगा। वह भी contractor profit के साथ, यह 'रेलवे समाचार' का daawa है।
khalasi bhar रहे हैं MB, adhikari malamal
niyamanusaar ५ साल से कम सर्विस wala कोई भी JE/SE majerment बुक (MB) नहीं bhar सकता। परन्तु ECR में ५ साल से कम सर्विस wale JE's से MB bharwaayi जा रही हैं और उनके maadhyam से contractors से मोटे commission की vasooli करके यहाँ कुछ adhikari maalaamaal हो रहे हैं। karmchariyon का कहना है की २-२, ३-३ adhoc promotion देकर यहाँ tamam khalasiyon/helparon को JE/SE bana दिया गया है और उनसे mitti की bharayi-mitti की jaanch ewam ballast आदि mahatwapurna कार्यों की MB bharwayi ja रही हैं। proper karmchariyon का कहना है की adhikariyon ने इन khalasiyon/helparon को अपने स्वार्थ में niyam viruddh promotion दिए हैं और अब जब उनकी सर्विस bataur JE/SE ५ साल की भी नहीं है tab उनसे ulti-seedhi MB bharwakar ये adhikari अपने स्वार्थ की पूर्ति कर रहे हैं।
niyamanusaar ५ साल से कम सर्विस wala कोई भी JE/SE majerment बुक (MB) नहीं bhar सकता। परन्तु ECR में ५ साल से कम सर्विस wale JE's से MB bharwaayi जा रही हैं और उनके maadhyam से contractors से मोटे commission की vasooli करके यहाँ कुछ adhikari maalaamaal हो रहे हैं। karmchariyon का कहना है की २-२, ३-३ adhoc promotion देकर यहाँ tamam khalasiyon/helparon को JE/SE bana दिया गया है और उनसे mitti की bharayi-mitti की jaanch ewam ballast आदि mahatwapurna कार्यों की MB bharwayi ja रही हैं। proper karmchariyon का कहना है की adhikariyon ने इन khalasiyon/helparon को अपने स्वार्थ में niyam viruddh promotion दिए हैं और अब जब उनकी सर्विस bataur JE/SE ५ साल की भी नहीं है tab उनसे ulti-seedhi MB bharwakar ये adhikari अपने स्वार्थ की पूर्ति कर रहे हैं।
karmchariyon का कहना था की AEN के १००% chek पर सवाल उठाते हुए Ex.DyCVO/E ने all concern एक 'precotion note' लिख कर इस १००% chek को सिर्फ़ एक dikhaawa कहा था और इसे niyam viruddh batate हुए इसके लिए 'proper system' अपनाने को कहा था। बताया जाता है की उन्हें DyCVO/E की post से hataye जाने का यह भी एक pramukh कारण था। इन ही कारणों के चलते आज तक यह post नहीं भरी गई है।
laalu की meharbaani से ECR में अन्य railon से आए Traffic Inspector (TI) यहाँ ज्यादा हो गए to उन्हें उनका cadre badalkar यहाँ Commercial Inspector (CI) बना दिया गया है। ऐसा ही ashok kumar naamak WCR Jabalpur से आया एक TI यहाँ CI bankar laalu पटना MR SELL में काम कर रहा है। जबकि यहाँ ७ की जगह २५ JE/PWAY लिए गए थे, और यहाँ JE/PWAY की २२ post खाली हैं। udhar JE/W/CON की २१ post खाली हैं। karmchariyon का कहना है की यदि laalu में himmat है to TI/CI की तरह या to extra JE/P-WAY को JE/Works बना दें या फ़िर उन्हें अपने parent रेलवे को वापस कर दें।
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