Sunday, 13 July 2008

पूर्वोत्तर रेलवे के सेक्स रैकेट को दबाने का भारी प्रयास

पूर्वोत्तर रेलवे के 'जीपीएस' जनित सेक्स रैकेट को दबाने के लिए एन इ आर का एक पूर्व उच्च अधिकारी और रेलवे बोर्ड का एक वर्तमान मेंबर २ जुलाई को उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी शशांक शेखर सिंह को मिलने गया था। मगर सूत्रों का कहना है की सिंह ने फिलहाल उसे बिना कोई आश्वासन दिए ही टाल दिया है।
सूत्रों का कहना है की ये मेंबर विवादस्पद और चरित्रहीन भी बताया जाता है और सूत्रों बताया की जीपीएस की पत्नी और उसकी रखैल ज्योति द्वारा चलाये जा रहे सेक्स रैकेट में यह अधिकारी भी शामिल था। बताते हैं की गिरफ्तार सीइ /सी /एनेइआर, आर. के. मेहता ने पुलिस को दिए गए अपने बयान में इस विवास्पद अधिकारी का नाम लिया है।
बताते हैं की इस अधिकारी ने अपने बीवी और बेटे के नाम खरीदी गई ७ प्रोपर्टी को रेलवे में डिक्लेयर नहीं किया था जिसके लिए आयकर विभाग वालो ने इसकी खूब छंटाई की है और अभी भी जाँच जारी है।
बताते हैं की सेक्स रैकेट से जुड़ी लड़कियों को मंत्री के सहायक स्टाफ को भी लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर में सप्लाई करने में यह अधिकारी सबसे आगे था क्योंकि इसे बोर्ड मेंबर बनने की बहुत जल्दी थी।

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